REPRODUCTIVE SYSTEM || प्रजनन तंत्र – 2024

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जनन तंत्र /REPRODUCTIVE SYSTEM

दोस्तो यह REPRODUCTIVE SYSTEM (प्रजनन तंत्र) उन सभी एग्जाम के लिए उपयोगी है जो MCQ बेस हो चाहे RPSC / अधीनस्थ बोर्ड या कोई अन्य बोर्ड द्वारा एग्जाम संचालित हो हमारे यहाँ राजस्थान एग्जाम के रिलेटेड खूब सारे टॉपिक उपलब्ध करवाए गए जो आप देख सकते हो

  • वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कोई भी जीव अपने जैसी प्रतिकृति का निर्माण करता है उसे जनन कहते है
  • जनन का मुख्य उद्देश्य – जनसंख्या में वृद्धि करना तथा समाज मे विभिन्नताएं लाना है

 

जनन (reproductive system ) के 02 प्रकार होते है

  A. अलैंगिग जनन / ASEXUAL reproductive system

  • इस जनन में एक जनक भाग लेता है
  • इस जनन में युग्मक भाग नही लेते है
  • इस जनन से विभिन्नताएं उत्पन्न नही होती है
  • इसमे समसूत्री विभाजन होता है 
  • अलैंगिग जनन के निम्न प्रकार होते 
    1.  द्विखंडन / BINARY FUSSION – अमीबा, पेरामीशियम, युगलिना
    2. खण्डन – स्पाइरोगोईरा शैवाल
    3. बहुखण्डन – प्लाज्मोडियम
    4. मुकुलन – हाइड्रा, यीस्ट
    5. बीजाणुओं द्वारा – राइजोपस कवक
    6. पुनरुद्भवन – प्लेनेरिया

 

    B. लैंगिक जनन / SEXUAL reproductive system

  • इस जनन में नर व मादा युग्मक दोनों जनन में भाग लेते है
  • NOTE नर युग्मक – शुक्राणु , मादा युग्मक – अण्डाणु
  • इस जनन से विभिन्नताएं उत्पन्न होती है
  • इस जनन में समसूत्री एव अर्धसूत्री दोनों विभाजन होते है



नर जनन तंत्र / MALE REPRODUCTIVE SYSTEM

  1. वृषण / TESTIS

  • यह प्राथमिक / मुख्य जनन अंग होता है
  • मनुष्य में एक जोड़ी वृषण होते है तथा यह बादामी रंग के होते है
  • वृषण का वजन सामान्यतः 10-15 GM 
  • वृषण वृषनकोष में स्थित होते है तथा वृषणकोष का तापमान शरीर के तापमान से 2-3℃ कम होता है
  • वृषण संयोजी ऊतक के बने होते है तथा इसमे अन्तराली या लीडिंग कोशिकाएं पायी जाती है
  • अन्तराली या लीडिंग कोशिका से 02 नर हार्मोन टेस्टिस्टेरोने एव एण्ड्रोजन हार्मोन स्त्रावित होते है जो नर में द्वितीयक लैंगिक लक्षणों को प्रदर्शित करते है
  • वृषण में शुक्रजनन नलिका पायी जाती है जिसमे 02 प्रकार की कोशिका होती है 
  1. शुक्राणुजन कोशिका – शुक्राणु का निर्माण करती है
  2. सर्टोली कोशिका – इसे नर्स कोशिका भी कहते है यह शुक्राणु को पोषण प्रदान करती है
  • NOTE – शुक्रजनन नलिका वृषण की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है
  • वृषण के ऊपर कोमानुमा आकृति की संरचना अधिवृषण पायी जाती है जिसके द्वारा शुक्राणुओं को कुछ समय के लिए संग्रहित किया जा सकता है

 

2. शुक्रवाहिनी / VASEDEFERENCE

  • यह शुक्राणु को आगे जाने के लिए मार्ग प्रदान करती है

 NOTE – वेसेक्टोमी – पुरुष नसबंदी

 

3. नरजनन ग्रंथि – 

  • शुक्राशय / SEMINALVESICLE
  • एक जोड़ी थेलेनुमा आकृति का होता
  • इसके द्वारा पीले रंग का क्षारीय तरल पदार्थ स्त्रावित होता है
  • यह सीमेन का 60 % भाग होता है
  •  सीमेन में फ्रूक्टोस शर्करा पायी जाती है जिसे शुक्राणु का ईंधन कहते है
  • प्रोस्टेट ग्रंथि 
  •  यह सिंघाड़े के आकार की एवं संख्या में 1 होती है
  • सीमेन का 20 से 30 % भाग बनाती है
  • इस ग्रंथि का आकार बढ़ने पर वृद्ध व्यक्तियों को यूरिन जाने में दिक्कत आती है
  • काउपर ग्रंथि / बल्बोंयूरिथ्रल ग्रथि
  •  एक जोड़ी एव अंडाकार आकृति की होती है
  • सीमेन का 5 से 10 % भाग बनाती है




  • शुक्राणु के शीर्ष भाग को एक्रोसोम कहते है तथा एक्रोसोम के निर्माण में गोल्जिकाय सहायक होता है
  • शुक्राणु में 02 तारक केंद्र पाये जाते है (CENTRIOLE)
  • शुक्राणु के मध्य भाग को ऊर्जा कक्ष कहते क्योंकि इनमें MITOCHONDRIA पाया जाता है जिसे निबेनकर्न कहते है

 

NOTE – सीमेन का Ph 7.3 (हल्का क्षारीय) होता 

  • 1 ml सीमेन में 20 से 120 मिलियन शुक्राणु होते है
  • सीमेन में शुक्राणु की कमी को ओलिगोस्पर्मिया कहलाता है
  • यदि सीमेन में शुक्राणु की अनुपस्थिति हो तो उसे एजोस्पर्मिया कहते है





मादा जनन तंत्र / FEMALE REPRODUCTIVE SYSTEM – 

 

अण्डाशय / OVERY

  • प्राथमिक जनन अंग या मुख्य जनन अंग है
  • मादा में एक जोड़ी अंडाशय होते है जो उदर गुहा में स्थित होते है
  • अंडाशय से 02 हार्मोन स्त्रावित होते है
  1. एस्ट्रोजन – ग्राफीयन पुटिका से स्त्रावित होता
  2. प्रोजेस्टेरोन – कार्पस ल्युटियस से स्त्रावित होता 
  •  यह प्रोजेस्टेरोन गर्भधारण में सहायक / PREGNENCY HARMONE

NOTE – PREGNENCY TEST HARMONE – H. C. H. (HUMAN CHORIONIC GANADOTROPIN HARMONE) होता है

 

  • अंडाशय में ग्राफीयन पुटिका पायी जाती है और इनमे से एक कोशिका वृद्धि करके अण्डाणु का निर्माण करती है



फेलोपियन ट्यूब / अंडवाहिनी / डिम्बवाहिनी – 

  • मादा में निषेचन की क्रिया फेलोपियन ट्यूब (AMPULA) में होती है

 

गर्भाशय / बच्चादानी / UTRUS – 

  • उल्टी नाशपती के आकार का होता
  • भ्रूण गर्भाशय में रहता है
  • गर्भाशय की आंतरिक परत प्लेसेंटा का निर्माण करती है
  • NOTE – गर्भावस्था के दौरान बच्चा मां से पोषण प्लेसेंटा द्वारा करता है
  • गर्भाशय के निचले भाग को गर्भाशय ग्रीवा (CERVIX) कहते है
  • NOTE – H. P. V. (HUMAN PAPILOMA VIRUS) के संक्रमण के कारण CERVIX का कैंसर होता है

 

योनि / VEGINA – 

  • मादा में एक जोड़ी बारथोलिन ग्रंथि पायी जाती है जो नर के काउपर ग्रंथि के समान होती है
  • योनि मार्ग में लैक्टोबेसिलस जीवाणु पाया जाता है जो योनि मार्ग को अम्लीय बनाता है
  • योनि में ग्लायकोजन का भी संचय होता है

 

मासिक चक्र / MENSTURATION CYCLE – 

  • मादा में मासिक चक्र 28 दिन का होता है
  • मासिक चक्र में प्रथम 14 दिन के अंदर अण्डाणु का निर्माण होता है तथा अगर अण्डाणु निषेचित नही होता है तो 28 दिन के बाद शुरुआत के 5 दिनों में ब्लड के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है
  • NOTE MENARCH / रजोदर्शन – मासिक चक्र का प्रारंभ होने

MENOPAUSE / रजोनिवृत्ति – सामान्यतः 45 साल के बाद मासिक चक्र का बन्द होना



निषेचन / FERTILAZATION

  • शुक्राणु एव अण्डाणु का आपस मे मिलना निषेचन कहलाता है
  • शुक्राणु व अण्डाणु आपस मे मिलकर ZYGOTE का निर्माण करते है
  • शुक्राणु व अण्डाणु अगुणित (N) या HAPLOID होते है जबकि युग्मनज / ZYGOTE द्विगुणित (2N) एव एककोशिकीय होता है
  • REPRODUCTIVE SYSTEM

 

  • निषेचन के 02 प्रकार होते है
  1. बाहय निषेचन – पीसीज (मछली), एम्फिबिया (मेंढक)
  2. आन्तरिक निषेचन – रेप्टेलिया (सर्प), एविज (पक्षी), मेमल्स (मनुष्य), किट, केंचुआ



अन्य महत्वपूर्ण तथ्य – 

  • ट्यूबेक्टोमी – स्त्रियों में नसबंदी
  • रिलेक्सिन हार्मोन – प्लेसेन्टा में स्त्रावित होता है जो बच्चे के जन्म में सहायक होता है
  • ऑक्सीटोसिन हार्मोन – 
  1.  दुग्ध निष्कासन में सहायक हार्मोन
  2. गर्भाशय पीड़ा / लेबर पैन में सहायक हार्मोन होता है
  • प्रोलेक्टिन हार्मोन – दुग्ध निर्माण में सहायक हार्मोन होता
  • गर्भनिरोधक गोलियों में प्रोजेस्ट्रोन एव एस्ट्रोजन दोनों हार्मोन होते है
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