कृष्णा नदी प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
यह नदी महाबलेश्वर, महाराष्ट्र से उत्पन्न होती है और बंगाल की खाड़ी में समाप्त होती है।
इसकी कुल लंबाई 1401 किमी है और यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से होकर बहती है।
कृष्णा नदी की विशेषताएँ
- उद्गम स्थान: महाबलेश्वर, महाराष्ट्र
- संगम स्थल: बंगाल की खाड़ी
- प्रवाह क्षेत्र: महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश
- लंबाई: 1401 किमी
कृष्णा नदी प्रायद्वीपीय पठार को तेलंगाना पठार और रायलसीमा पठार में विभाजित करती है।
यह तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की सीमा बनाते हुए बहती है।
आंध्रप्रदेश में इस पर नागार्जुन सागर बांध स्थित है, जो आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त बहुउद्देश्यीय परियोजना (50:50) है। इस बांध को जलापूर्ति पोलावरम परियोजना से की जा रही है।
वर्ष 2015 में, गोदावरी और कृष्णा नदियों के डेल्टा को एकीकृत कर दिया गया था, जिससे इन क्षेत्रों में जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन संभव हो पाया।
कृष्णा नदी की सहायक नदियाँ

भीमा नदी
- उद्गम: महाराष्ट्र
- संगम: कृष्णा नदी में मिलती है
कोयना नदी
- उद्गम: महाराष्ट्र
- संगम: तेलंगाना में कृष्णा नदी
- विशेष: इस नदी पर महाराष्ट्र में कोहिना बांध स्थित है, जिसके निर्माण से महाराष्ट्र में भूकम्प आया था।
मुसी नदी
- उद्गम: तेलंगाना
- संगम: कृष्णा नदी
- विशेष: इस नदी पर हैदराबाद स्थित है।
घाटप्रभा नदी
- उद्गम: कर्नाटक
- संगम: कृष्णा नदी
- विशेष: इस नदी के तट पर कर्नाटक में हम्पी नगर स्थित है।
मालप्रभा नदी
- उद्गम: कर्नाटक
- संगम: कृष्णा नदी
तुंगभद्रा नदी
- उद्गम: कर्नाटक (तुंग और भद्रा नदियों के रूप में)
- संगम: कृष्णा नदी
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