भारत भूगोल MCQ भारत की जलवायु एवं मानसून तंत्र MCQ Last updated: 2024/07/24 at 10:41 PM rajexaminfo.com Share 0 Min Read SHARE भारत की जलवायु एवं मानसून तंत्र MCQ 1 / 26 कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार ‘Amw’ जलवायु भारत के निम्नांकित में से किन राज्यो में मिलती है ? (हेड मास्टर 2018) ओड़िसा व छतीसगढ़ गुजरात व पश्चिमी मध्यप्रदेश महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश गोवा के दक्षिण में भारत का पश्चिमी तट 2 / 26 पश्चिम बंगाल में होने वाले मानसून पूर्व वर्षा को कहते है ? (हेड मास्टर 2018) बोर्डिचिला कालबैशाखी चेरी ब्लॉसम चाय वर्षा ग्रीष्म ऋतु में भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहा जाता है ग्रीष्म ऋतु में धरातलीय गर्म पवनें एवं सागरीय आर्द्र पवनों के टकराने से उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती है उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहते है भारत में मानसून पूर्व वर्षा को अलग अलग नाम से जाना जाता है कालबैशाखी - पश्चिम बंगाल बोर्डोचिल्ला - असम नार्वेस्टर - ओड़िसा आम्रवृष्टि - महाराष्ट्र चेरी ब्लॉसम / फूलो की बौछार - केरल, कर्नाटक दोगड़ा - राजस्थान 3 / 26 भारत मे वर्षा की परिवर्तिता निम्नतम पायी जाती है ? [2ND ग्रेड सामाजिक विज्ञान 2018] पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढालो में राजस्थान के थार मरुस्थल में केंद्रीय भारत मे पूर्वी तटीय मैदानों में भारत मे क्षेत्रीय भिन्नता के कारण वर्षा के वितरण के आधार पर भारत को 04 भागो में विभाजित किया गया अधिक वर्षा वाले क्षेत्र - जहां औसत वार्षिक वर्षा 200 cm से अधिक होती है प्रमुख क्षेत्र - पश्चिमी घाट उतर पूर्वी हिमालय (त्रिपुरा व मणिपुर को छोड़कर) अंडमान निकोबार द्वीप समूह मेघालय के पठार पर स्थित गारो, खासी, जयन्तिया की पहाड़ियों में 1000 cm से भी अधिक वर्षा होती है विश्व मे सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मासिमराम एवं चेरापूंजी में 1500 cm तक वर्षा होती है। मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र - जहां 100 से 200 cm औसत वार्षिक वर्षा होती है भारत मे मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र / राज्य पूर्वोत्तर राज्य - त्रिपुरा व मणिपुर उतर पूर्वी प्रायद्वीप - ओडिसा, झारखण्ड, पूर्वी मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ उतरी गंगा का मैदान - पश्चिमी उत्तर प्रदेश लघु हिमालय - जम्मु कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड पूर्वी तमिलनाडु दक्षिण गुजरात न्यून वर्षा वाले क्षेत्र - जहां 50 से 100 cm औसत वार्षिक वर्षा होती है भारत मे न्यून वर्षा वाले क्षेत्र / राज्य - पंजाब का मैदान - पंजाब, हरियाणा पूर्वी मैदानी प्रदेश - राजस्थान पश्चिमी उत्तर प्रदेश दिल्ली दक्षिण पूर्वी गुजरात दक्कन का पठार - महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश अपर्याप्त / अतिअल्प वर्षा वाले क्षेत्र - जहां 50 cm से कम वर्षा होती है भारत मे अपर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र - हिमालय का वृष्टि छाया प्रदेश / ट्रांस हिमालय/ शीत मरुस्थल अरावली का वृष्टि छाया प्रदेश / पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश - पश्चिमी राजस्थान, दक्षिणी पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी गुजरात पश्चिमी घाट का वृष्टि छाया प्रदेश - महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक 4 / 26 नीचे दिए गए कथनों की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए - ? [2ND ग्रेड - 2018] 1 चेन्नई में वर्षा की परिवर्तनशीलता, मुंबई से अधिक है 2 चेन्नई में लौटते मानसून से ज्यादा वर्षा नही होती केवल 1 सही है केवल 2 सही है 1 तथा 2 दोनों सही है 1 तथा 2 दोनों गलत है 5 / 26 अल नीनो के तीव्र होने का प्रायः परिणाम होता है ? [2ND ग्रेड (विशेष शिक्षा) 2019] अच्छा मानसून कमजोर मानसून मध्यम मानसून मानसून पर कोई प्रभाव नही महासागरीय धाराएं - प्रशांत महासागर में दक्षिण अमेरिका के पेरू तट के निकट प्रवाहित होने वाली गर्म महासागरीय जलधारा अलनीनो भारतीय मानसून (भारतीय जलवायु) को प्रभावित करती है जल अलनीनो महासागरीय जलधारा अधिक सक्रिय होती है इसे अलनीनो प्रभाव कहा जाता है इससे भारतीय मानसून कमजोर होता है तथा भारत मे अनावृष्टि (सूखा-अकाल) की स्थिति उत्पन्न होती है जब अलनीनो महासागरीय जलधारा निष्क्रिय होती है तो इसे ला नीनो प्रभाव कहते है इससे भारतीय मानसून अधिक सक्रिय होता है भारत मे अतिवृष्टि (बाढ़) की स्थिति उत्पन्न होती है 6 / 26 पश्चिमी विक्षोभों के संदर्भ में निम्न में से कौन सा कथन असत्य है ? [1ST ग्रेड 2020] ये भूमध्यसागर से उत्पन्न होते है इनकी नमी की मात्रा में केस्पियन सागर एवं फारस की खाड़ी से वृद्धि होती है ये भारत कभी भी अधिविष्ट अवस्था मे नही पहुँचते है इन विक्षोभों को भारत मे लाने में जेट स्ट्रीम की भूमिका महत्वपूर्ण होती है पश्चिमी विक्षोभ तथा उष्ण कटिबंधीय चक्रवात - शीत ऋतु में भूमध्य सागरीय पश्चिमी विक्षोभ से उतर पश्चिम में चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मावठ कहा जाता है बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में आने वाले उष्ण कटिबंधीय चक्रवात से भारत के तटीय राज्यो में वर्षा होती है उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से भारत का बड़ा भूभाग प्रभावित होता है पश्चिमी विक्षोभ (मावठ) - शीत ऋतु में भूमध्यसागरीय पश्चिमी विक्षोभ से उतर पश्चिम भारत मे चक्रवाती वर्षा होती है जिसे स्थानीय भाषा मे मावठ कहा जाता है मावठ शीत ऋतु में रबी की फसल गेंहू के लिए उपयोगी होती है इस कारण मावठ को सुनहरी बूंदे / गोल्डन ड्रॉप्स कहा जाता है 7 / 26 शीत ऋतु में पश्चिमी जेट स्ट्रीम की सामान्य स्थिति रहती है ?.[1ST ग्रेड 2020] कर्नाटक पठार के साथ कर्क रेखा के ठीक ऊपर विंध्याचल पर्वत के तलहटी के साथ हिमालय के दक्षिणी ढाल के साथ भारत मे मानसून का प्रवेश 02 प्रकार से होता है ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून जेट स्ट्रीम सिद्धान्त के अनुसार ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्पत्ति उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम से होती है जेट स्ट्रीम सिद्धान्त के अनुसार शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून की उत्पत्ति उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम से होती है जेट स्ट्रीम सिद्धान्त - जेट स्ट्रीम सिद्धान्त भारतीय मानसून की उत्पत्ति का सर्वमान्य सिद्धान्त माना जाता है जेट स्ट्रीम सिद्धान्त यीस्ट के द्वारा दिया गया जिसकी व्याख्या भारतीय मौसम विज्ञानी P कोटेश्वरम ने की। जेट स्ट्रीम - धरातल से 12 से 15 किमी ऊँचाई पर तीव्रगति से प्रवाहित होने वाली लहरदार वायु होती है जेट स्ट्रीम को 02 भागो में विभाजित किया गया उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम - इनकी उत्पत्ति शीत ऋतु में होती है जो शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून तथा मावठ के लिए उत्तरदायी है उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम - इनकी उत्पति ग्रीष्म ऋतु में होती है जो ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानूसन तथा मानसून पूर्व वर्षा के लिए उत्तरदायी है 8 / 26 मानसून निम्न में से किससे प्रभावित नही होता है ? [2ND ग्रेड संस्कृत विभाग - 2019] ITCZ का विस्थापन भूमि एवं सागरीय भागों का भिन्न भिन्न दरों से गर्म होना पश्चिमी जेट स्ट्रीम का विस्थापन नार्वेस्टर ग्रीष्म ऋतु में भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहा जाता है ग्रीष्म ऋतु में धरातलीय गर्म पवनें एवं सागरीय आर्द्र पवनों के टकराने से उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती है उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहते है भारत में मानसून पूर्व वर्षा को अलग अलग नाम से जाना जाता है कालबैशाखी - पश्चिम बंगाल बोर्डोचिल्ला - असम नार्वेस्टर - ओड़िसा आम्रवृष्टि - महाराष्ट्र चेरी ब्लॉसम / फूलो की बौछार - केरल, कर्नाटक दोगड़ा - राजस्थान भारत की जलवायु को प्रभावित या निर्धारित करने वाले कारक - भारत की अक्षांशीय स्थिति समुद्र से दूरी हिमालय की अवस्तिथि भारतीय उच्चावच पश्चिमी विक्षोभ तथा उष्ण कटिबंधीय चक्रवात मानसूनी पवने महासागरीय धाराएं प्राकृतिक वनस्पति 9 / 26 जुलाई में अन्तः उष्ण कटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) स्थित होता है ? [2ND ग्रेड संस्कृत विभाग - 2019] 5° उतर से 5° दक्षिण अक्षांशों के आसपास 15° उतर से 20° उतर अक्षांशों के आसपास 10° उतर से 15° उतर अक्षांशों के आसपास 20° उतर से 25° उतर अक्षांशों के आसपास वर्षा ऋतु - भारत में वर्षा ऋतु मध्य जून से सितंबर तक होती है वर्षा ऋतु में भारत मे वर्षा ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून से होती है इस कारण वर्षा ऋतु की अवधि को मानसून काल कहा जाता है जून माह (21 जून को) में सूर्य कर्क रेखा पर सीधा या लम्बवत चमकता है इसलिए उतर भारत मे निम्न वायुदाब केंद्र (ITCZ) का निर्माण होता है इस कारण दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यापारिक पवनें भूमध्य रेखा को पार कर उतरी गोलार्द्ध में विस्थापित हो जाती है दक्षिणी गोलार्द्ध की व्यपारिक पवनें जब भूमध्यसागर को पार करती है तो फैरल के नियमानुसार अपनी दाई ओर मुड़ जाती है यह पवनें हिन्द महासागर से आर्द्रता ग्रहण कर ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून के रूप में मध्य जून से सितंबर तक भारत के अधिकांश भागो में वर्षा करती है जिसे हम वर्षा ऋतु कहते है 10 / 26 भारतीय मानसून के वार्षिक चक्रण हेतु, भूमि तथा सागरीय भागों के गर्म होने की विभिन्न दरों पर आधारित, तापीय संकल्पना किसने दी ? [2ND ग्रेड विशेष शिक्षा - 2019] E हैली फॉन Mt यिन हेडली भारतीय मानसून की उत्पत्ति के सिद्धन्त चिरसम्मत सिद्धान्त - तापीय सिद्धान्त (एडम्स हैली - 1656 ई) आधुनिक सिद्धान्त - जेट स्ट्रीम सिद्धान्त (यीस्ट व p कोटेश्वरम) विषुवत पछुआ प्रवाह सिद्धन्त (H फ्लोन) दक्षिण दोलन सिद्धान्त / एलनीनो सिद्धान्त (गिल्बर्ट वॉकर) भारत मे मानसून का प्रवेश 02 प्रकार से होता है ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून जेट स्ट्रीम सिद्धान्त के अनुसार ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्पत्ति उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम से होती है जेट स्ट्रीम सिद्धान्त के अनुसार शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून की उत्पत्ति उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम से होती है 11 / 26 निम्नलिखित में से कौनसी जेट स्ट्रीम की चारित्रिक विशेषताएं है ? [2ND ग्रेड विशेष शिक्षा - 2019] 1 9 से 12 किमी की ऊंचाई पर प्रभावशाली बहाव 2 भू विक्षेपी पवनो के विसर्पाकर बेंड 3 अनियमित एवं ऋतुवत विस्थापन का प्रदर्शन 4 300 से 400 मीटर / घण्टा की गति से चलती हर तथा भारतीय मानसून को प्रभावित करती है कोड - 1,2 एवं 4 1, 2 एवं 3 2,3 एवं 4 1,2,3 एवं 4 जेट स्ट्रीम सिद्धान्त - जेट स्ट्रीम सिद्धान्त भारतीय मानसून की उत्पत्ति का सर्वमान्य सिद्धान्त माना जाता है जेट स्ट्रीम सिद्धान्त यीस्ट के द्वारा दिया गया जिसकी व्याख्या भारतीय मौसम विज्ञानी P कोटेश्वरम ने की। जेट स्ट्रीम - धरातल से 12 से 15 किमी ऊँचाई पर तीव्रगति से प्रवाहित होने वाली लहरदार वायु होती है जेट स्ट्रीम को 02 भागो में विभाजित किया गया उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम - इनकी उत्पत्ति शीत ऋतु में होती है जो शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून तथा मावठ के लिए उत्तरदायी है उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम - इनकी उत्पति ग्रीष्म ऋतु में होती है जो ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानूसन तथा मानसून पूर्व वर्षा के लिए उत्तरदायी है 12 / 26 भारत मे कालबैशाखी वर्षा की सर्वाधिक घटित होने की अवधि है ? मध्य फरवरी से मध्य मार्च मध्य मार्च से मध्य अप्रैल मध्य अप्रैल से मध्य मई मार्च का प्रथम सप्ताह ग्रीष्म ऋतु भारत में ग्रीष्म ऋतु की अवधि मार्च से मध्य जून तक होती है ग्रीष्म ऋतु में भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहा जाता है ग्रीष्म ऋतु में धरातलीय गर्म पवनें एवं सागरीय आर्द्र पवनों के टकराने से उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती है उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहते है भारत में मानसून पूर्व वर्षा को अलग अलग नाम से जाना जाता है कालबैशाखी - पश्चिम बंगाल बोर्डोचिल्ला - असम नार्वेस्टर - ओड़िसा आम्रवृष्टि - महाराष्ट्र चेरी ब्लॉसम / फूलो की बौछार - केरल, कर्नाटक दोगड़ा - राजस्थान 13 / 26 निम्नलिखित में से किसने भारतीय मानसून व तिब्बतियन पठार के बीच संबंध स्थापित करने का प्रयास किया ? MT यिन H फ्लोन P कोटेश्वरम C न्यूटन जेट स्ट्रीम सिद्धान्त - जेट स्ट्रीम सिद्धान्त भारतीय मानसून की उत्पत्ति का सर्वमान्य सिद्धान्त माना जाता है जेट स्ट्रीम सिद्धान्त यीस्ट के द्वारा दिया गया जिसकी व्याख्या भारतीय मौसम विज्ञानी P कोटेश्वरम ने की। जेट स्ट्रीम - धरातल से 12 से 15 किमी ऊँचाई पर तीव्रगति से प्रवाहित होने वाली लहरदार वायु होती है जेट स्ट्रीम को 02 भागो में विभाजित किया गया उपोष्ण पश्चिमी जेट स्ट्रीम - इनकी उत्पत्ति शीत ऋतु में होती है जो शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून तथा मावठ के लिए उत्तरदायी है उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम - इनकी उत्पति ग्रीष्म ऋतु में होती है जो ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानूसन तथा मानसून पूर्व वर्षा के लिए उत्तरदायी है भारतीय मानूसन की उत्पत्ति - जेट स्ट्रीम सिद्धान्त के अनुसार ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्पत्ति के लिए उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम उत्तरदायी है ग्रीष्म ऋतु में तिब्ब्त के पठार से उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम की उत्पत्ति होती है यह उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम हिमालय को पार कर भारत के ऊपर से गुजरती है तो उतरी भारत (उतर के विशाल मैदान तथा भारतीय मरुस्थल) में तापमान में वृद्धि के कारण निम्न वायुदाब क्षेत्र का निर्माण होता है हिन्द महासागरीय उच्च वायुदाब क्षेत्र से आर्द्र मानसूनी पवनें उतर भारत के निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है हिन्द महासागरीय उच्च वायुदाब क्षेत्र से प्रवाहित होने वाली पवनो की दिशा दक्षिण पश्चिम से उतर पूर्व की ओर होती है इस कारण इसे ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून कहा जाता है भारत मे 74 % वर्षा ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून से होती है ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून भारत के निकट आता है तो दो शाखाओं में विभाजित हो जाता है अरब सागरीय मानसूनी शाखा बंगाल की खाड़ी मानसूनी शाखा 14 / 26 पंजाब के मैदानी इलाकों से मानसून पीछे हटने लगता है ? (CET 12th - 2023) मध्य - जुलाई में मध्य - अकटुबर में मध्य - सितम्बर में दिसंबर में शरद ऋतु - अवधि - अक्टूबर से मध्य दिसम्बर तक (सितम्बर से मध्य दिसम्बर तक) मानसुन के वापस लौटने की अवधि को शरद ऋतु कहा जाता है शरद ऋतु को मानसून प्रत्यावर्तन या मानसून निवर्तन की अवधि भी कहा जाता है 23 सितम्बर को सूर्य भूमध्य रेखा पर सीधा या लम्बवत चमकता है भूमध्य रेखा के निकट उच्च तापमान के कारण अस्थायी निम्न वायुदाब केंद्र का निर्माण होता है जिसे ITCZ (अंत उष्ण अभिसरण क्षेत्र) कहते है इस कारण भारत मे पवनें ITCZ की ओर (उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर) प्रवाहित होती है इसे मानसून प्रत्यावर्तन कहा जाता है भारत मे मानसून प्रत्यावर्तन का समय – पश्चिमी राजस्थान (थार के मरुस्थल) या अरावली के पश्चिम में मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 1 सितम्बर अरावली के पूर्व में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात से मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 15 सितम्बर मध्य भारत (उतर के विशाल मैदान या गंगा के मैदान - उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र) मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 1 अक्टूबर दक्षिण भारत (प्रायद्वीपीय भारत - आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु) से मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 15 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक होता है [भारत मे मानसून प्रत्यावर्तन का समय - सितम्बर से मध्य दिसम्बर तक होता है] शरद ऋतु (मानसून प्रत्यावर्तन) के समय ओड़िशा तथा आंध्रप्रदेश में उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से वर्षा होती है 15 / 26 निम्नांकित में से कौनसा समय मानसून प्रत्यावर्तन की ऋतु का है ? (CET 12th - 2023) अक्टूबर से मध्य दिसम्बर दिसम्बर से फरवरी मध्य जून से सितंबर फरवरी से मध्य जून भारत मे ऋतुएं - जलवायु के आधार पर भारत मे 04 ऋतुएं होती है शीत ऋतु - मध्य दिसम्बर से फरवरी तक ग्रीष्म ऋतु - मार्च से मध्य जून तक वर्षा ऋतु - मध्य जून से सितंबर तक शरद ऋतु - अक्टूबर से मध्य दिसम्बर तक शरद ऋतु - अवधि - अक्टूबर से मध्य दिसम्बर तक (सितम्बर से मध्य दिसम्बर तक) मानसुन के वापस लौटने की अवधि को शरद ऋतु कहा जाता है शरद ऋतु को मानसून प्रत्यावर्तन या मानसून निवर्तन की अवधि भी कहा जाता है 23 सितम्बर को सूर्य भूमध्य रेखा पर सीधा या लम्बवत चमकता है भूमध्य रेखा के निकट उच्च तापमान के कारण अस्थायी निम्न वायुदाब केंद्र का निर्माण होता है जिसे ITCZ (अंत उष्ण अभिसरण क्षेत्र) कहते है इस कारण भारत मे पवनें ITCZ की ओर (उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर) प्रवाहित होती है इसे मानसून प्रत्यावर्तन कहा जाता है भारत मे मानसून प्रत्यावर्तन का समय – पश्चिमी राजस्थान (थार के मरुस्थल) या अरावली के पश्चिम में मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 1 सितम्बर अरावली के पूर्व में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात से मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 15 सितम्बर मध्य भारत (उतर के विशाल मैदान या गंगा के मैदान - उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र) मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 1 अक्टूबर दक्षिण भारत (प्रायद्वीपीय भारत - आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु) से मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 15 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक होता है [भारत मे मानसून प्रत्यावर्तन का समय - सितम्बर से मध्य दिसम्बर तक होता है] शरद ऋतु (मानसून प्रत्यावर्तन) के समय ओड़िशा तथा आंध्रप्रदेश में उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से वर्षा होती है 16 / 26 राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण स्थित है ? (2ND ग्रेड 2016) हैदराबाद पूना लखनऊ दिल्ली 17 / 26 भारत के उत्तर पश्चिमी भाग में शीतकालीन वर्षा किस कारण से प्राप्त होती है ? (2ND grade 2022) पश्चिमी विक्षोभ स्थानीय हवाओ के कारण दक्षिणी पश्चिमी मानसून उतर पूर्वी मानसून शीत ऋतु में भारत मे निम्न तापमान तथा उच्च वायुदाब क्षेत्र के कारण सामान्यता वर्षा नही होती है परंतु भारत का कुछ क्षेत्र शीत ऋतु में वर्षा प्राप्त करता है शीत ऋतु में भारत मे 02 प्रकार से वर्षा होती है पश्चिमी विक्षोभ (मावठ) शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून पश्चिमी विक्षोभ (मावठ) - शीत ऋतु में भूमध्यसागरीय पश्चिमी विक्षोभ से उतर पश्चिम भारत मे चक्रवाती वर्षा होती है जिसे स्थानीय भाषा मे मावठ कहा जाता है मावठ शीत ऋतु में रबी की फसल गेंहू के लिए उपयोगी होती है इस कारण मावठ को सुनहरी बूंदे / गोल्डन ड्रॉप्स कहा जाता है शीतकालीन उतर पूर्वी मानसूनी वर्षा - शीत ऋतु में उतर पूर्वी मानसूनी पवनें बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण कर भारत के कोरोमंडल तट (तमिलनाडु) में वर्षा करती है शीत ऋतु में चैन्नई में बाढ़ आने का प्रमुख कारण शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून होता है 18 / 26 उतर पूर्व मानसून के माध्यम से भारत मे अकटुबर से दिसम्बर महीनों के मध्य लगभग 75 cm की उच्चतम मौसमी वर्षा होती है ? (2nd grade 2022) उतरी सरकार तट के सहारे कोकण तट के सहारे मालाबार तट के सहारे कोरोमण्डल तट के सहारे मानसूनी पवनें मानसूनी पवनो 02 प्रकार की होती है ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसूनी पवनें शीतकालीन उतर पूर्वी मानसूनी पवनें ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसूनी पवनें - इनकी उत्पत्ति - हिन्द महासागर में होती है यह पवनें 02 शाखाओं में विभाजित हो जाती है अरब सागरीय शाखा बंगाल की खाड़ी की शाखा ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसूनी पवनो से भारत के अधिकांश भाग में मानसूनी वर्षा होती है शीतकालीन उतर पूर्वी मानसूनी पवनें - शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून से केवल कोरोमंडल तट (तमिलनाडु) में वर्षा होती है 19 / 26 उतर पूर्वी शीत मानसूनी पवनें किस तट के सहारे वर्षा करती है ? (2ND ग्रेड 2016) कोंकण तट कन्नड़ तट मालाबार तट कोरोमण्डल तट भारत मे वर्षा की प्राप्ति - ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून - 74% वर्षा (वर्षा ऋतु) अरब सागरीय शाखा - 25 % बंगाल की खाड़ी शाखा - 75 % शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून - 13% वर्षा (वर्षा ऋतु) - कोरोमंडल तट मानसून पूर्व वर्षा - 10% (ग्रीष्म ऋतु) पश्चिमी विक्षोभ (मावठ) - 3% (शीत ऋतू) - उतर पश्चिम भारत भारत मे औसत वार्षिक वर्षा - 125 cm भारत मे सर्वाधिक वर्षा वाला राज्य - केरल भारत मे सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान - मौसिमराम (मेघालय) भारत मे न्यूनतम वर्षा वाला राज्य - राजस्थान भारत मे न्यूनतम वर्षा वाला स्थान - लेह (लद्दाख) भारत मे सर्वाधिक वर्षा - ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून से (74%) प्रायद्वीपीय भारत (दक्षिणी भारत) मे सर्वाधिक वर्षा अरब सागरीय शाखा से होती है उतर भारत मे सर्वाधिक वर्षा बंगाल की खाड़ी शाखा से होती है मानसून प्रस्फुटन (मानसून का फटना) जून माह में मानसून के आने पर तेज गर्जन, कड़ाके की बिजली के साथ मूसलाधार वर्षा होती है जो मानसून आने का संकेत है। मानसून प्रतिच्छेदन - मानसून काल (वर्षा ऋतु) में एक बार मानसूनी वर्षा होने के पश्चात (जुलाई-अगस्त माह में) कई दिन या सप्ताह तक मानसूनी वर्षा का नही होना मानसून का अवकाश / मानसून का विच्छेदन कहलाता है भारत मे मानसून विच्छेद के कारण - उतर के विशाल मैदान में मानसून विच्छेद का कारण उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की संख्या का कम होना। पश्चिमी तट पर मानसून विच्छेद का कारण - आर्द्र समुद्री पवनो का पश्चिमी तट के समानांतर प्रवाहित होना राजस्थान में मानसून विच्छेद का कारण - तापीय प्रतिलोमता (तापमान की विलोमता) 20 / 26 निम्नलिखित में से कौनसा कारक भारत मे मानसून के प्रभाव को प्रबल बनाता है ? (2ND ग्रेड 2022) जब मई माह में उतरी हिन्द महासागर में अधिक उच्च वायुदाब स्थापित होता है मार्च तथा अप्रैल माह में चिली तथा अर्जेंटीना में सुविकसित उच्च वायुदाब रहता है अप्रैल मई माह में जंजीबार के निकट पूर्वी अफ्रीकी तट पर भारी वर्षा होती है मई माह में उतरी हिमालय प्रदेश में भारी हिमपात होता है भारतीय मानूसन की उत्पत्ति - जेट स्ट्रीम सिद्धान्त के अनुसार ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्पत्ति के लिए उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम उत्तरदायी है ग्रीष्म ऋतु में तिब्ब्त के पठार से उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम की उत्पत्ति होती है यह उष्ण पूर्वी जेट स्ट्रीम हिमालय को पार कर भारत के ऊपर से गुजरती है तो उतरी भारत (उतर के विशाल मैदान तथा भारतीय मरुस्थल) में तापमान में वृद्धि के कारण निम्न वायुदाब क्षेत्र का निर्माण होता है हिन्द महासागरीय उच्च वायुदाब क्षेत्र से आर्द्र मानसूनी पवनें उतर भारत के निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है हिन्द महासागरीय उच्च वायुदाब क्षेत्र से प्रवाहित होने वाली पवनो की दिशा दक्षिण पश्चिम से उतर पूर्व की ओर होती है इस कारण इसे ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून कहा जाता है भारत मे 74 % वर्षा ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून से होती है ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून भारत के निकट आता है तो दो शाखाओं में विभाजित हो जाता है अरब सागरीय मानसूनी शाखा बंगाल की खाड़ी मानसूनी शाखा 21 / 26 P कोटेश्वरम ने आधुनिक सिद्धान्तों में से एक दिया जो संबंधित है ? (2ND ग्रेड 2016) एल नीनो मानसून की उत्पत्ति टोरनेडो पश्चिमी विक्षोभ मानसून तंत्र भारत मे मानसून की प्रक्रिया - ग्रीष्म ऋतु (जून माह) में सूर्य कर्क रेखा पर सीधा / लम्बवत चमकता है ग्रीष्म ऋतु में उतर भारत मे उच्च तापमान के कारण निम्न वायुदाब क्षेत्र (ITCZ) (अन्तः उष्ण अभिसरण क्षेत्र) का निर्माण होता है हिन्द महासागर के उच्च वायुदाब क्षेत्र से आर्द्र मानसूनी पवनें उतर भारत के निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर प्रवाहित होती है हिन्द महासागर से प्रवाहित होने वाली पवनो की दिशा दक्षिण पश्चिम से उतर पूर्व की ओर होती है इस कारण इसे ग्रीष्मकालीन दक्षिण पश्चिम मानसून कहा जाता है भारतीय मानसून की उत्पत्ति के सिद्धन्त चिरसम्मत सिद्धान्त - तापीय सिद्धान्त (एडम्स हैली - 1656 ई) आधुनिक सिद्धान्त - जेट स्ट्रीम सिद्धान्त (यीस्ट व p कोटेश्वरम) विषुवत पछुआ प्रवाह सिद्धन्त (H फ्लोन) दक्षिण दोलन सिद्धान्त / एलनीनो सिद्धान्त (गिल्बर्ट वॉकर) 22 / 26 सर्वाधिक वर्षा के लिए प्रसिद्ध स्थान मौसिनराम किस राज्य में स्थित है ? (2Nd ग्रेड 2022) मणिपुर मेघालय त्रिपुरा असम अधिक वर्षा वाले क्षेत्र - जहां औसत वार्षिक वर्षा 200 cm से अधिक होती है प्रमुख क्षेत्र - पश्चिमी घाट उतर पूर्वी हिमालय (त्रिपुरा व मणिपुर को छोड़कर) अंडमान निकोबार द्वीप समूह मेघालय के पठार पर स्थित गारो, खासी, जयन्तिया की पहाड़ियों में 1000 cm से भी अधिक वर्षा होती है विश्व मे सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मासिमराम एवं चेरापूंजी में 1500 cm तक वर्षा होती है। 23 / 26 आम्र वर्षा (mango showers) भारत के किस क्षेत्र / राज्य से संबंधित है ? (2ND ग्रेड 2022) उतर प्रदेश गुजरात दक्षिण भारत मध्यप्रदेश ग्रीष्म ऋतु में भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहा जाता है ग्रीष्म ऋतु में धरातलीय गर्म पवनें एवं सागरीय आर्द्र पवनों के टकराने से उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती है उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहते है भारत में मानसून पूर्व वर्षा को अलग अलग नाम से जाना जाता है कालबैशाखी - पश्चिम बंगाल बोर्डोचिल्ला - असम नार्वेस्टर - ओड़िसा आम्रवृष्टि - महाराष्ट्र चेरी ब्लॉसम / फूलो की बौछार - केरल, कर्नाटक दोगड़ा - राजस्थान 24 / 26 काल बैशाखी …… से संबंधित है ? (2ND ग्रेड 2022) पश्चिम बंगाल हरियाणा पंजाब राजस्थान ग्रीष्म ऋतु में भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहा जाता है ग्रीष्म ऋतु में धरातलीय गर्म पवनें एवं सागरीय आर्द्र पवनों के टकराने से उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति होती है उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से भारत के अनेक स्थानों पर चक्रवाती वर्षा होती है जिसे मानसून पूर्व की वर्षा कहते है भारत में मानसून पूर्व वर्षा को अलग अलग नाम से जाना जाता है कालबैशाखी - पश्चिम बंगाल बोर्डोचिल्ला - असम नार्वेस्टर - ओड़िसा आम्रवृष्टि - महाराष्ट्र चेरी ब्लॉसम / फूलो की बौछार - केरल, कर्नाटक दोगड़ा - राजस्थान 25 / 26 भारतीय मानसून के बारे में सत्य है ? (2ND ग्रेड 2018) 1 दक्षिणी पश्चिमी मानसून से प्राप्त वर्षा मौसमी है 2 मानसूनी वर्षा बड़े पैमाने पर उच्चावचों द्वारा नियंत्रित होती है 3 जनवरी ओर फरवरी के महीने मानूसन के पीछे हटने के लिए जाने जाते है 4 मानसून की वर्षा में समुद्र से दूरी के साथ गिरावट की प्रवति पायी जाती है नीचे दिए हुए कुटों का उपयोग कर सही उत्तर चुनिए 1,2 ओर 3 सही है 2,3 ओर 4 सही है 1,2 ओर 4 सही है 1,3 ओर 4 सही है शीत ऋतु में भारत मे निम्न तापमान तथा उच्च वायुदाब क्षेत्र के कारण सामान्यता वर्षा नही होती है परंतु भारत का कुछ क्षेत्र शीत ऋतु में वर्षा प्राप्त करता है शीत ऋतु में भारत मे 02 प्रकार से वर्षा होती है पश्चिमी विक्षोभ (मावठ) शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून पश्चिमी विक्षोभ (मावठ) - शीत ऋतु में भूमध्यसागरीय पश्चिमी विक्षोभ से उतर पश्चिम भारत मे चक्रवाती वर्षा होती है जिसे स्थानीय भाषा मे मावठ कहा जाता है मावठ शीत ऋतु में रबी की फसल गेंहू के लिए उपयोगी होती है इस कारण मावठ को सुनहरी बूंदे / गोल्डन ड्रॉप्स कहा जाता है शीतकालीन उतर पूर्वी मानसूनी वर्षा - शीत ऋतु में उतर पूर्वी मानसूनी पवनें बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण कर भारत के कोरोमंडल तट (तमिलनाडु) में वर्षा करती है शीत ऋतु में चैन्नई में बाढ़ आने का प्रमुख कारण शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून होता है शरद ऋतु - अवधि - अक्टूबर से मध्य दिसम्बर तक (सितम्बर से मध्य दिसम्बर तक) मानसुन के वापस लौटने की अवधि को शरद ऋतु कहा जाता है शरद ऋतु को मानसून प्रत्यावर्तन या मानसून निवर्तन की अवधि भी कहा जाता है 23 सितम्बर को सूर्य भूमध्य रेखा पर सीधा या लम्बवत चमकता है भूमध्य रेखा के निकट उच्च तापमान के कारण अस्थायी निम्न वायुदाब केंद्र का निर्माण होता है जिसे ITCZ (अंत उष्ण अभिसरण क्षेत्र) कहते है इस कारण भारत मे पवनें ITCZ की ओर (उच्च वायुदाब से निम्न वायुदाब की ओर) प्रवाहित होती है इसे मानसून प्रत्यावर्तन कहा जाता है भारत मे मानसून प्रत्यावर्तन का समय – पश्चिमी राजस्थान (थार के मरुस्थल) या अरावली के पश्चिम में मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 1 सितम्बर अरावली के पूर्व में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात से मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 15 सितम्बर मध्य भारत (उतर के विशाल मैदान या गंगा के मैदान - उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र) मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 1 अक्टूबर दक्षिण भारत (प्रायद्वीपीय भारत - आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु) से मानसून प्रत्यावर्तन का समय - 15 अक्टूबर से 15 दिसम्बर तक होता है [भारत मे मानसून प्रत्यावर्तन का समय - सितम्बर से मध्य दिसम्बर तक होता है] शरद ऋतु (मानसून प्रत्यावर्तन) के समय ओड़िशा तथा आंध्रप्रदेश में उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों से वर्षा होती है 26 / 26 कौनसी एक मानसूनी वर्षा की विशेषता नही है ? (2ND Grade 2015 -विशेष शिक्षा) दक्षिणी पश्चिमी मानसून से होने वाली वर्षा की प्रकृति मौसमी है। मध्य भारत अधिकांशतः लौटते मानसून से वर्षा प्राप्त करता है तटीय क्षेत्र महाद्वीपीय क्षेत्रो से अधिक वर्षा प्राप्त करते है जब पूर्वी जेट धारा दक्षिण की ओर सिंधु गंगा के मैदान कि ओर स्थानांतरित होती है, तो मानसून में रुकावट हो जाती है शीतकालीन उतर पूर्वी मानसूनी वर्षा - शीत ऋतु में उतर पूर्वी मानसूनी पवनें बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण कर भारत के कोरोमंडल तट (तमिलनाडु) में वर्षा करती है शीत ऋतु में चैन्नई में बाढ़ आने का प्रमुख कारण शीतकालीन उतर पूर्वी मानसून होता है Your score is The average score is 59% 0% Restart quiz Share this… Telegram Whatsapp Share This Article Facebook Twitter Copy Link Print 1 Comment Very helpful Reply Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ
Very helpful