बाबरी मस्जिद
बाबरी मस्जिद ओर राम मंदिर के मध्य विवाद लभगभ 500 वर्षो से चला आ रहा था
अयोध्या
अयोध्या नगरी को हिन्दुओ की तीर्थ नगरी के नाम से भी जाना जाता है
करीब 1528 से 1530 के मध्य बाबरी मस्जिद का निर्माण हुआ माना जाता है जिसका कोई लिखित साक्ष्य उपलब्ध नही है
कहा जाता है की मुगल बादशाह बाबर ने आदेश दिया था कि मस्जिद का निर्माण किया जावे तो बाबर के सेनापति मीर बांकी ने मन्दिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण करवाया था
आदेश बाबर ने दिया था इस कारण इस मस्जिद को बाबरी मस्जिद कहा जाता है
1853
- तक हिन्दू मन्दिर ओर मस्जिद के विवाद से दूर रहे थे क्योंकि उस समय सत्ता मुगलो ओर नवाबो के पास थी जो हिंदुओ पर अत्यधिक अत्याचार किया करते थे
जैसे ही 1857 की क्रांति
हुई जिसमें मुगल ओर नवाबो का शासन कमजोर हो गया था तथा अंग्रेज भारत की सत्ता पर स्थापित हो चुके थे जिससे हिन्दुओ में भगवान राम के प्रति आस्था बढ़ी जिससे हिन्दुओ में असंतोष उत्पन्न हुआ
1858
- में पहली बार हिन्दुओ ओर मुसमलमानों के मध्य विवाद का उल्लेख मिलता है बाबरी मस्जिद के एक मौलवी ने यह दावा किया कि कुछ हिन्दू संतो ने मस्जिद के पास चबूतरे का निर्माण कर लिया और मस्जिदों की दीवार पर राम, राम, राम राम राम,,,, के नाम लिख दिए
1859
- में इस घटना को देखते हुए हिन्दुओ ओर मुसलमानों के मध्य सँघर्ष की स्थिति को देखते हुए अंग्रेजी शासन ने चबुतरे ओर मस्जिद के मध्य एक दीवार का निर्माण कर दिया गया जिससे इन दोनों समुदायों के मध्य विवाद और आगे न बढ़े
1949
- में मुस्लिम पक्ष ने विरोध ओर तेज कर दिया था तब पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार 1949 में हिंदु राष्ट्रवादी संतो ने मस्जिद के अंदर भगवान राम की मूर्ति को स्थापित कर दिया था
- इस विवाद को कम करने के लिए सरकार ने मस्जिद पर ताला लगवा दिया जिससे मुस्लिम पक्ष के लोग नमाज नही पढ़ सकते थे
1950 ओर 1961
- इसके मध्य 04 प्रमुख सिविल मुकदमे दर्ज हुए जिनमे मुस्लिम पक्ष के द्वारा बताया गया की हिन्दुओ के द्वारा अनुष्ठान करना और मस्जिद पर कब्जा करने की योजना है
1984
- में हिन्दू मन्दिर के लिए विश्व हिंदू परिषद ओर राष्ट्रीय स्वयं संघ के द्वारा एक समिति बनाई जाने का निर्णय लिया गया
1990
- आते आते हिन्दुओ के प्रमुख संगठनों एवं संतो एवं राजनेताओं के द्वारा एक प्रमुख राम मंदिर अभियान चलाया गया जिसमें लाखो की संख्या में हिन्दुओ ने बढ़चढ़कर भाग लिया तथा ये अभियान पूरे भारत में चलाया गया
- इस आंदोलन से जगह जगह हिन्दू मुस्लिम के मध्य हिंसाए हई जिसके तहत भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पूर्वी बिहार से गिफ्तार कर लिया गया
6 दिसम्बर 1992
- राम मंदिर अभियान से प्रभावित होकर इस दिन लाखो की संख्या में हिन्दू अयोध्या पहुंचे और बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था
16 दिसंबर 1992
- (बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाने के बाद) को सरकार ने जांच के लिए एक लिब्राहन आयोग का गठन किया था
2003 –
- इस समय सरकार के द्वारा बाबरी मस्जिद का पुरातात्विक सर्वेक्षण किया जाना निश्चित किया जिससे पता चल जाएगा कि मस्जिद के नीचे मन्दिर है या नही
- इस पुरातात्विक सर्वेक्षण के बाद पता चला कि निचे मन्दिर के अवशेष मौजूद है जिससे पुरात्वविदों ओर मुसलमानों के मध्य सँघर्ष उत्पन्न हो गया
2009
- में लिब्राहन आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करी जिसमे यह कहा गया कि बाबरी मस्जिद को ढहाने के लिए भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं संघ के कुछ नेताओं के यह योजना बनाई थी
2010
- में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस विवाद को सुलझाने के लिए 03 न्यायधीशों की एक पीठ का गठन किया था
- इस पीठ ने कहा था कि यह 2.77 एकड़ की जो भूमि विवादग्रस्त है उसे हिन्दू व मुस्लिम पक्ष के मध्य बांट देनी चाहिए जिसमें दो तिहाई भाग हिन्दू पक्ष (निर्मोही अखाड़ा एव रामलला विराजमान) को तथा एक तिहाई भाग मुस्लिम पक्ष (सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड – उत्तरप्रदेश) को सौंप देनी चाहिए
2011
- में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के द्वारा दिये गए निर्णय को लम्बित या स्थगित कर दिया गया था
2017
- में सुप्रीम कोर्ट ने यह सुझाव दिया कि इस मामले को अदालत के बाहर ही आपस मे समझौता कर लो
2017
- में ही 13 अपीलों पर आगे की सुनवाई हुई थी
25 जनवरी 1919
- को सुप्रीम कोर्ट ने 5 जजो की एक बेंच का गठन किया था जिसमे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगाई, जस्टिस बोबडे, चंद्रचूड़, अशोक भूषण तथा SA नजीर शामिल थे
मार्च 2019 –
- में सुप्रीम कोर्ट ने एक मध्यस्थता पैनल का भी गठन किया जिसके अध्यक्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश इब्राहिम कलीफुल्ला थे
अगस्त 2019 –
- में मध्यस्थता विफल रही थी
अगस्त 2019 –
- में ही सुप्रीम कोर्ट ने आगे की सुनवाई जारी रखी थी
अकटुम्बर 2019 –
- सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला को सुरक्षित रख लिया था
9 नवम्बर 2019 –
- को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला हिन्दुओ के पक्ष में सुनाया तथा साथ मे यह भी कहा कि हिन्दू मन्दिर के निर्माण व देखरेख के लिए एक ट्रस्ट बनाने की भी व्यवस्था करी थी और साथ ही मुस्लिमों के लिए अयोध्या में अलग से क्षेत्र देने की भी व्यवस्था करी थी
फरवरी 2020
- में एक ट्रस्ट बनाया गया जिसमें कुल 15 सदस्य थे इस ट्रस्ट का नाम – श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट रखा गया था
अगस्त 2020 –
- में राम मंदिर की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी
सितम्बर 2020 –
- में सबूतों के अभाव में लालकृष्ण आडवाणी तथा अन्य नेताओं को लखनऊ की कोर्ट ने बरी कर दिया था
22 जनवरी 2024 –
- को अयोध्या में मन्दिर का अभिषेक किया गया इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रमुख हस्तियां एवं हिन्दुओ के सन्त उपस्थित थे
- इस दिन नरेंद्र मोदी के द्वारा भगवान राम की मूर्ति को मन्दिर के आंतरिक गृभगृह में स्थापित किया गया

FAQ –
- बाबरी मस्जिद किसने बनवाई थी ?
उतर – मुगल बादशाह बाबर के सेनापति मीर बांकी ने बनवाई थी
- बाबरी मस्जिद का विध्वंस कब हुआ ?
उतर – 6 दिसंबर 1992 को
- बाबरी मस्जिद कहा है ?
उतर – यह मस्जिद उत्तरप्रदेश के अयोध्या शहर में स्थित थी
- बाबरी मस्जिद के विध्वंस का इतिहास ?
उतर – इस पोस्ट में हमने विध्वंस का पूरा इतिहास बताने का प्रयास किया
- बाबरी मस्जिद राम मंदिर का विवाद ?
उतर – इस पोस्ट में हमने पूरा बताया है की किस प्रकार मन्दिर से मस्जिद ओर मस्जिद से मन्दिर बनने की कहानी बताई है
- बाबरी मस्जिद किसने गिराई थी ?
उतर – भाजपा के नेता और राष्ट्रीय स्वयं संघ के नेताओ द्वारा आक्रोशित भाषणों के द्वारा
- बाबरी मस्जिद की 1992 की फ़ोटो ?
- उतर – हमने निचे बाबरी मस्जिद की फ़ोटो लगाई है

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