पशु क्रय विक्रय जानकारी 2024

rajexaminfo.com
5 Min Read

दोस्तो ये पशु क्रय विक्रय सम्बन्धी नियम के नोट्स विभिन्न एग्जाम के लिए उपयोगी है जैसे पशु परिचर भर्ती, एग्रीकल्चर सुपरवाइजर भर्ती ओर उन सभी एग्जाम के लिए उपयोगी है जिसमे पशु विज्ञान को सिलेबस मे दिया गया हो

पशु क्रय विक्रय संबंधी नियम को हमने व्यवस्थित नोट्स उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास किया गया है ये नोट्स अशोक सर की क्लासेस के आधार पर बनाये गए है

इन पशु क्रय विक्रय के नोट्स को हमने विभिन्न चरणों मे पूरा किया है 

पशु क्रय विक्रय संबंधी जानकारी 

पशु क्रय विक्रय

स्वस्थ एव बीमार पशु क्रय विक्रय

  • स्वस्थ पशु के खानपान, चाल, श्वसन दर, व्यवहार आदि सामान्य होते है
  • स्वस्थ पशु की त्वचा चमकदार, मुलायम तथा आंखे सतर्क एव तेज होती है 

रोगी पशु मे निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते है – पशु क्रय विक्रय

  • रोगी पशु की त्वचा एव बाल सख्त एव रूखे होते है 
  • पशु के मूत्र का रंग और मात्रा का असामान्य होना भी रोगी पशु के लक्षण है 
  • रोगी पशु की आंखे निस्तेज होती है कभी कभी लाल आंसुओ के साथ मवाद भी उनसे बहता रहता है
  • रोगी पशु चारा, दाना एव पानी बहुत कम खाता पीता है या खाना पीना बन्द कर देता है 
  • रोगी पशु का लड़खड़ाना आवाज लगाने पर प्रत्युत्तर ना देना
  • रोगी पशु की सांस या तो बहुत तेज चलती या धीमी चलती है 

दुग्ध उत्पादन क्षमता 

  • पशु को खरीदने से पूर्व उसे स्वयं दो तीन दिन दुहकर देख लेना चाहिए 
  • अयन पूर्ण विकसित और बड़ा होना चाहिए 
  • दुहते समय दूध की धार सीधी गिरनी चाहिए तथा दुहने के बाद थन सिकुड़ जाना चाहिए 
  • गाय भैंस के थनों ओर अयन पर पाई जाने वाली दुग्ध शिराएं जितनी स्पष्ट मोटी ओर उभरी हुई होगी पशु उतना ही अधिक दूध देने वाली होगी
  • पशु के दूसरे व तीसरे ब्यात का चयन करना चाहिए
  • दूसरे व तीसरे ब्यात के दौरान दुधारू पशु अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप खुलकर दूध देने लगते है और यह लगभग सात ब्यात तक चलता है 

डेयरी सम्बन्धी गुण

  • इसमे पशु का शरीर त्रिकोणात्मक होना चाहिए 
  • गाय की गर्दन लम्बी पतली तथा कंधे व अधरवक्ष से अच्छी तरह जुड़ी हुई हो
  • त्वचा चिकनी, मुलायम एव संकुचनशील तथा औसत मोटाई वाली हो

दुग्ध यंत्र – पशु क्रय विक्रय

  • इसमे हम अयन शिराएं तथा थनों का निरीक्षण करते है
  • अयन के ऊपर की शिराएं पूर्ण विकसित लम्बी तथा अधिकाधिक शाखा युक्त हो
  • अयन का चतुर्थांश बड़े तथा बराबर आकार के हो 
  • थन बड़े बड़े दूर तथा बराबर आकार वाले हो ओर उनका छिद्र खुला तथा बीच मे किसी प्रकार की गांठ ना हो व दुग्ध ग्रंथियां क्रियाशील हो

दुधारू किस्म की बिछियो का मूल्यांकन

  • बछियों के मूल्यांकन के समय उनके अयन को अच्छी तरह परखना चाहिए
  • अयन के चतुर्थांश तथा थन बराबर हो आकार व थनों के बीच की दूरी बराबर हो 
  • शारीरिक आकार में पशु के पेट का घेरा, छाती इत्यादि देखते है
  • जैसे पेट का घेरा बड़ा, नीचे तथा आगे पीछे को फैला हुआ हो तथा छाती चौड़ी हो थूथन बड़ी हो 
  • छाती का घेरा बड़ा एव आकार अधिक उत्पादन क्षमता का घोतक हो 

शुद्ध नस्ल पशु – पशु क्रय विक्रय

  • पशु पालक को सदैव उत्तम एव शुद्ध नस्ल के पशु खरीदने चाहिए अच्छी नस्ल के पशुओ की लागत अच्छी होती है
  • सदैव स्वस्थ एव सुडौल शरीर वाले पशु ही ख़रीदना चाहिए
  • पशु हमेशा शांत एव विन्रम स्वभाव के खरीदने चाहिए 
  • पशु खरीदते समय उनकी आयु का निर्धारण करना चाहिए 
  • पशु के दांत व सींग देखकर पशु को खरीदना चाहिए   
  • दुधारू गाय भैंस की शारिरिक बनावट, नस्ल, दूध उत्पादन क्षमता एव उम्र इत्यादि बिंदुओं पर विशेष रूप से ध्यान दे
  • गर्भवती गाय भैंसो का क्रय करना उचित रहता है 
  • पशु उत्पादन क्षमता का आंकलन किया जाता है वंशावली एव उत्पादन के आंकड़ो का अध्ययन करना चाहिए तीन दिन तक लगातार दुग्ध देखकर पशु खरीदना चाहिए
  • बाह्य बनावट भी देखनी चाहिए पशु का शरीर उचित आनुपातिक होना चाहिए 
  • पशु की पीठ सीधी व मजबूत हो
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *