नेपोलियन बोनापार्ट का युग – 1799 से 1815

rajexaminfo.com
22 Min Read

मित्रो नेपोलियन के युग का हमने विस्तृत अध्ययन किया है जिसे आपके लिए इसे विभिन्न चरणों मे पूरा किया गया है जैसे

Contents
नेपोलियन का युग (1799-1815)फ्रांस की जनता ने नेपोलियन को क्यों स्वीकार कर लिया  नेपोलियन के कार्य –नेपोलियन का इटली अभियान (अप्रैल 1796 – अप्रैल 1797)नेपोलियन का मिस्र अभियान (1798-1799)कौंसल शासन (1799-1804)कौंसल शासन के कार्य A 1799 का संविधान B यूरोप में शांति के प्रयास C शासन व्यवस्था व आर्थिक सुधार D शिक्षा के क्षेत्र में सुधार E कोंनकार्डेत / धार्मिक समझौता – 1801F कानून के क्षेत्र में सुधार नेपोलियन सम्राट बनने की ओरनेपोलियन द्वारा यूरोप में प्रभुता स्थापित करने के प्रयास उल्म का युद्ध – 20 ऑक्टोम्बर 1805 ट्राफ्लगर का युद्ध – 21 ऑक्टोम्बर 1805 ऑस्ट्रलिज का युद्ध – 2 दिसम्बर 1805 जेना व ओवरस्टेट के युद्ध – ऑक्टोम्बर 1806 इलो व फ्रीडलेंड के युद्ध – फरवरी व जून 1807महाद्वीपीय प्रणाली प्रायद्वीपीय युद्ध (1808-1814)बेग्राम का युध्द (1809)नेपोलियन का मास्को अभियान (1812)लुटजेन एव बेटजेन के युद्ध (मई 1813)लिपजिंग का युद्ध (16-19 ऑक्टोम्बर 1813)लाओ का युद्ध (मार्च 1814)वॉटरलू का युद्ध – 18 जून 1815 वियना सम्मेलन – नेपोलियन के पतन के कारण

नेपोलियन के प्रमुख युद्ध

नेपोलियन के पतन के कारण

नेपोलियन की कौंसिल व्यवस्था

नेपोलियन की महाद्विपीय व्यवस्था

नेपोलियन का युग (1799-1815)

नेपोलियन
  • नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त 1769 को कोर्सिका द्वीप के अजासियो स्थान पर हुआ
  • नेपोलियन मुख्य रूप से इटालियन था कोर्सिका द्वीप पहले इटली में था 1768 में फ्रेंच सेना ने कोर्सिका पर अधिकार कर लिया था 
  • रूसो ने नेपोलियन के जन्म की भविष्यवाणी करी थी 
  • नेपोलियन ने भी कहा कि यदि रूसो नही होता तो फ्रांस में क्रांति नही होती थी
  • नेपोलियन को छोटा रोबस्पियर भी कहा जाता है क्योंकि नेपोलियन जेकोबीन दल का सदस्य था 
  • 1799 में नेपोलियन ने फ्रांस में गृह सेनापति का पद प्राप्त किया

फ्रांस की जनता ने नेपोलियन को क्यों स्वीकार कर लिया  

  • इसके बारे में वाल्टर स्कॉट ने लिखा कि धनवान लोग सुरक्षा चाहते थे, गरीब लोग सहायता चाहते, भगोड़े फ्रांस वापस आना चाहते थे, क्रांतिकारी देश निकाले से डरते थे एव साहसी लोग विजय की आशा में एव कायर लोग रक्षा की आशा में नेपोलियन के साथ हो गए
  • नेपोलियन फ्रेंच क्रांति का पुत्र एव क्रांति का हन्ता या नष्ट करने वाला भी कहा जा सकता है
  • नेपोलियन के पिता – कार्लो बोनापार्ट
  • नेपोलियन की माता – लेटेजिया रमोलीना 
  • नेपोलियन की शिक्षा ब्रिये एव पेरिस विश्वविद्यालयो में हुई

नेपोलियन के कार्य –

  1. 1793 में नेपोलियन ने फ्रांस के तुलो बंदरगाह से अंग्रेज एडमिरल हुड की सेना को पराजित किया
  2. 5 ऑक्टोम्बर 1795 को फ्रांस में उग्रभीड़ ने राष्ट्रीय सम्मेलन को घेर लिया था उस समय नेपोलियन ने सम्मेलन की रक्षा की थीं इस घटना को वेन्देमियर की घटना भी कहा जाता है (वेन्देमियर – ओकटुम्बर महीना)

नेपोलियन का इटली अभियान (अप्रैल 1796 – अप्रैल 1797)

  • नेपोलियन का यह अभियान वास्तव में ऑस्ट्रिया के विरुद्ध था 
  • ऑस्ट्रिया ने इटली के अधिकांश क्षेत्रों पर नियंत्रण कर रखा था
  • नेपोलियन के इटली अभियान के बारे में कहा जाता है कि “वह आया, उसने देखा एव जीत लिया / HE CAME, HE SAW, HE CONQUERED” 
  • नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया के खिलाफ यह अभियान किया इस अभियान में नेपोलियन को सफलता मिली
  • ऑस्ट्रिया से नेपोलियन ने लोम्बारडी का क्षेत्र तथा इटली से पिडमण्ड व सेवाय का क्षेत्र प्राप्त किया
  • इस अभियान के बाद नेपोलियन ने दो गणराज्यों की स्थापना की 

A ट्रांसपेडेन – नेपोलियन के द्वारा इटली के उत्तरी भाग में इस गणराज्य की स्थापना की थी

ट्रान्सपेडेन गणराज्य के माध्यम से ही इटली का एकीकरण सम्पन्न हुआ था

B सिसलेपाइन गणराज्य – यह क्षेत्र पश्चिम जर्मन व राइन नदी के बायीं ओर का भाग था 

ओर इसी गणराज्य के द्वारा जर्मनी के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी

  • इस अभियान के दौरान मई 1796 में लोदी के पुल की लड़ाई में नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया की सेनाओं को पराजित किया
  • केस्टिगलियोन, बेसोना, अकोला व रिवोली की लड़ाई में भी नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया की सेना को पराजित किया
  • अप्रैल 1797 में ऑस्ट्रिया ने नेपोलियन के साथ लियोबेन नामक स्थान पर विराम संधि कर ली
  • 17 ऑक्टोम्बर 1797  कम्पोफॉर्मियो की संधि 
  • नेपोलियन के द्वारा ऑस्ट्रिया के साथ यह संधि सम्पन्न की गई थी जिसके तहत ऑस्ट्रिया ने सिसलेपाइन गणराज्य को मान्यता दे दी गई
  • नेपोलियन बोनापार्ट ने जर्मनी व इटली के एकीकरण में अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई

नेपोलियन का मिस्र अभियान (1798-1799)

  • नेपोलियन का यह अभियान वास्तव में इंग्लैंड के विरुद्ध था क्योंकि मिश्र इंग्लैंड का उपनिवेश था
  • यह अभियान केवल एक विजय अभियान नही था बल्कि एक अज्ञात सभ्यता की खोज का भी अभियान था (रोसेटा – नेपोलियन को पत्थर मिला यहाँ से)
  • जुलाई 1798 ने नेपोलियन ने पिरामिडों के युद्ध मे मिस्र की सेना को पराजित किया
  • अगस्त 1798 में अंग्रेज नौसेना नायक नेल्सन ने नील नदी के युद्ध मे नेपोलियन को पराजित किया नेपोलियन अज्ञात रेगिस्तान में फंस गया था (काहिरा रेगिस्तान)
  • नेपोलियन मिस्र अभियान को अधूरा ही छोड़कर फ्रांस पहुंच गया
  •  फ्रांस पहुंचने के बारे में नेपोलियन कहता – “में बिल्कुल सही समय पर आया हु ओर नाशपती अब पक चुकी है “ 
  •  एक षडयंत्र के द्वारा फ्रांस की सत्ता पर अधिकार कर लिया

◆ कूप द एतांड (राज्य विप्लव या ब्रुमेयर का विद्रोह) 10 नवम्बर 1799 – 

  • इस दिन पेरिस के नजदीक सेंट क्लोद नामक स्थान पर दोनों सदनों की बैठक चल रही थी
  • नेपोलियन ने षडयंत्र के द्वारा दोनो सदनों को भंग घोषित करवा दिया एव सत्ता नियंत्रण में ले ली
  • 10 नवम्बर के विद्रोह के बाद फ्रांस के बचे हुए नेताओ ने कार्यकारी शक्ति 03 कौंसलो को सौंप दी

कौंसल शासन (1799-1804)

03 कौंसल 

  1. नेपोलियन
  2. केम्बेसरी
  3. लेबुन

कौंसल शासन के कार्य 

A 1799 का संविधान 

  • इस संविधान के द्वारा कार्यकारी शक्ति को 03 कौंसलो को सौंपी गई 
  • जिनका कार्यकाल 10 वर्ष रखा गया
  • यद्यपि फ्रांस में गणतंत्र की संस्थाओ जैसे विधाननिर्मात्रि सभा एव सीनेट को बनाये रखा गया किंतु ये केवल नाममात्र की थी

B यूरोप में शांति के प्रयास 

  • नेपोलियन ने फरवरी 1801 में ऑस्ट्रिया के साथ ल्युन विले की एव मार्च 1802 में इंग्लैंड के साथ अमीन्स कि संधि करी जिसके द्वारा यूरोप में शांति स्थापित हुई

C शासन व्यवस्था व आर्थिक सुधार 

  • नेपोलियन के द्वारा आर्थिक सुधार के तहत वर्ष 1800 में बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना की गई
  • कालाबाजारी एव सट्टे पर रोक लगा गई
  • नमक , तम्बाकू व शराब पर कर बढ़ा दिया गया
  • नेपोलियन ने विभिन्न विभागों का गठन किया इन विभागों का विभाजन उप विभाग में किया गया इन उपविभागों को एरोडीजमेंट नाम दिया गया
  • प्रान्तों में प्रीफेक्ट एव सब प्रीफेक्ट नामक अधिकारियों की नियुक्ति की गई जिनकी नियुक्ति कौंसिल के द्वारा की जाती थी

D शिक्षा के क्षेत्र में सुधार 

  • नेपोलियन का मानना था कि क्रान्ति के पीछे बौद्धिक वर्ग का ही हाथ था इसलिए नेपोलियन ने शिक्षकों की नियुक्ति स्वयं की थी
  • शिक्षा को 03 भागो में बांट दिया (प्राथमिक, माध्यमिक ओर विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा)
  • पाठ्यक्रम में अनुशासन के साथ साथ सैन्य प्रशिक्षण को भी शामिल किया
  • नेपोलियन ने लाइसीज नामक नवीन प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना करी 
  • शिक्षा के क्षेत्र में प्रीफेक्ट नामक अधिकारी नियुक्त करे 
  • नेपोलियन ने उच्च वर्ग के लोगो की सेना लीजियन ऑफ ऑनर (जिन्होंने देश की सेवा की ) की भी घोषणा की

E कोंनकार्डेत / धार्मिक समझौता – 1801

  • नेपोलियन ने पॉप पायस सप्तम के साथ 1801 मे यह समझौता किया जिसके तहत कैथोलिक धर्म को राजकीय धर्म घोषित कर दिया गया
  • चर्च को राज्य के नियंत्रण में ला दिया गया
  • पादरियों को वेतन भोगी बना दिया गया
  • संविधान के प्रति सम्मान की भावना रखने पर ही धर्म अधिकारियों को जेल से मुक्त कर दिया गया
  • नेपोलियन ने जो चर्च संबंधी 77 नियम दिए उसे ओर्गेनिकल ऑर्टिकल कहा गया
  • नेपोलियन ने धर्म का उपयोग सत्ता को बचाने के लिए किया और कहा कि “में मिस्र में मुसलमान हु ओर फ्रांस में कैथोलिक हु” 

NOTE – नेपोलियन को लोदी के पुल की लड़ाई के बाद उसके सैनिको ने लिटिल कोरपोरल कहा 

F कानून के क्षेत्र में सुधार 

  • नेपोलियन ने सयुंक्त परिवार प्रथा में पिता को प्रमुख स्थान दिया
  • कानून के क्षेत्र में सुधार के कारण नेपोलियन को द्वितीय जस्टिनीयन भी कहा जाता है
  • नेपोलियन ने स्वयं कहा था कि दुनिया मुझे युद्धों के कारण नही बल्कि कानून निर्माण से याद करेगी
  • नेपोलियन ने ज्यूरी के द्वारा न्याय की व्यवस्था करी 
  • नेपोलियन के कानूनों में परिवार को एक महत्वपूर्ण इकाई माना गया
  • नेपोलियन के कानूनों में औरतों को पुरुषों के नियंत्रण में रखा गया 
  • सम्पत्ति पर सभी पुत्रो का समान अधिकार माना गया 
  • पूंजीपति व श्रमिक वर्ग के मध्य संघर्ष में नेपोलियन ने पूंजीपतियों को प्राथमिकता दी
  • नेपोलियन ने केवल कौंसल शासन के दौरान ही कानून नही बनाये बल्कि उसके बाद में भी कानून निर्माण की प्रक्रिया जारी रही आज भी फ़्रांस में विवाह के समय वर व वधु जो शपथ लेते है उसका निर्माण भी नेपोलियन ने किया
  • कानूनों को क्रमबद्ध करते हुए नेपोलियन कोड लागू किया
  • सम्पति के व्यक्तिगत अधिकार को मान्यता प्रदान की 
  • किसानों को भूमि का मालिक बना दिया
  • पादरियों के प्रभाव को कम करने के लिए सिविल मैरिज ओर डिवोर्स (तलाक) को मान्यता प्रदान की गई

नेपोलियन सम्राट बनने की ओर

  • 1802 में नेपोलियन ने सीनेट को धमकाकर अपने लिए जीवन पर्यन्त के लिए कौंसल का पद प्राप्त कर लिया एव उसे उतराधिकारी भी चुनने का अधिकार प्राप्त कर लिया
  • 18 मई 1804 को नेपोलियन ने सम्राट की उपाधि धारण की एव 2 दिसम्बर 1804 को पेरिस के नोत्रेदामे गिरजाघर में स्वयं को फ्रांस का शासक घोषित कर दिया ओर राज्याभिषेक करवा लिया इस समय पॉप पायस सप्तम ने नेपोलियन को राजमुकुट पहनाने का प्रयास किया इस दिन नेपोलियन ने कहा था कि “मैने फ्रांस का मुकुट धूल में भरा पाया और तलवार की नोक पर मैने इसे प्राप्त किया” 
  • फाल्वन के अनुसार – नेपोलियन का साम्राज्य युद्ध मे ही पनपा था युद्ध ही नेपोलियन के अस्तित्व का आधार बना और युद्ध में ही नेपोलियन का अंत हुआ
  • Welt politic – इस नीति से तात्पर्य है विश्व प्रभुत्व या सर्वनाश 

नेपोलियन के बाद प्रथम विश्वयुद्ध से पहले जर्मन सम्राट विलियम केसर ने भी इसी नीति का पालन किया

नेपोलियन द्वारा यूरोप में प्रभुता स्थापित करने के प्रयास 

  • 1804 में इंग्लैंड के पिट ने नेपोलियन के विरुद्ध गुट का निर्माण किया जिसमें इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया, रूस व स्वीडन शामिल थे

उल्म का युद्ध – 20 ऑक्टोम्बर 1805 

  • इस युध्द में नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया की सेनाओं को पराजित किया

ट्राफ्लगर का युद्ध – 21 ऑक्टोम्बर 1805 

  • इस युद्ध मे इंग्लैंड ने नेपोलियन व स्पेन की सेनाओं को पराजित किया परन्तु इस युद्ध मे अंग्रेज नोसेना नायक नेल्सन मारा गया
  • ट्राफलगर के युद्ध के बाद नेपोलियन ने इंग्लैंड को समुद्र में पराजित करने की योजना को त्याग दिया

ऑस्ट्रलिज का युद्ध – 2 दिसम्बर 1805 

  • इस युद्ध मे नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया व प्रशा की सेनाओं को पराजित किया
  •  एव ऑस्ट्रिया के साथ 26 दिसम्बर 1805 को प्रेसबर्ग की संधि करी 
  • नेपोलियन ने 16 छोटे छोटे राज्यो को मिलाकर राइन संघ का निर्माण किया इस राइन या जर्मन संघ का नेपोलियन संरक्षक बन गया 
  • अब नेपोलियन राजाओ का निर्माता कहा जाने लगा ऑस्ट्रिया के सम्राट फ्रांसिस ने रोमन सम्राट का पद त्याग दिया

NOTE – अगस्त 1806 में नेपोलियन ने पवित्र रोमन साम्राज्य को भंग कर दिया

जेना व ओवरस्टेट के युद्ध – ऑक्टोम्बर 1806 

  • नेपोलियन के द्वारा राइन संघ का निर्माण करने के कारण प्रशा व फ्रांस के मध्य यह युद्ध लड़े गए
  • प्रशा राइन संघ के क्षेत्रों को अपना क्षेत्र मानता था
  • इन युध्दों में नेपोलियन ने प्रशा की सेनाओं को पराजित किया था
  • अतः फ्रांस ने प्रशा के साथ राइन संघ की संधि की थी

NOTE – नेपोलियन ने इंग्लैंड के विरुद्ध जो महाद्वीपीय प्रणाली अपनायी उसका प्रारंभ जेना व ओवरस्टेट के युद्धों से माना जाता है

इलो व फ्रीडलेंड के युद्ध – फरवरी व जून 1807

  • इन युद्धों में नेपोलियन ने रूस को पराजित किया 
  • एव उसके साथ जुलाई 1807 की टिलसिट की संधि करी 
  • इस संधि के माध्यम से रूस ने राइन संघ को मान्यता दे दी और यह विश्वास दिलाया कि रूस इंग्लैंड के साथ किसी भी प्रकार का व्यापारिक संबंध नही रखेगा

महाद्वीपीय प्रणाली 

  • इस व्यवस्था को महाद्वीपीय युध्द (1806- 1815) के रूप में भी देखा गया क्योंकि महाद्वीपीय युद्ध का प्रमुख कारण भी नेपोलियन की महाद्विपीय व्यवस्था थी
  • नेपोलियन ने इंग्लैंड को पराजित करने के लिए यह प्रणाली अपनायी
  • नेपोलियन ने इस प्रणाली में इंग्लैंड का अन्य यूरोपीय देशों के साथ व्यापार रोकने का प्रयास किया
  • नेपोलियन ने कई आदेश जारी करके इंग्लैंड का यूरोपीय देशों से व्यापार रोकने का प्रयास किया
  1. बर्लिन आदेश – नोवेम्बर 1806
  2. वारसा आदेश – जनवरी 1807
  3. मिलान आदश – दिसम्बर 1807 
  • इंग्लैंड ने इन आदेशों के विरुद्ध जनवरी 1807 में ऑडर्स इन कौंसिल जारी किए जिसके द्वारा फ्रांस के व्यपार पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास किये एव नेपोलियन व उसके साथी देशो के जहाजों को नष्ट कर दिया गया
  • नेपोलियन यूरोपियन देशो को धमकाकर महाद्वीपीय प्रणाली लागू करना चाहता था किंतु सभी यूरोपीय देश नेपोलियन के आगे झुकने को तैयार नही हुए
  • नेपोलियन महाद्वीपीय प्रणाली में इंग्लैंड का यूरोप के साथ व्यापार रोकना चाहता था किंतु उसने गलती कर दी इंग्लैंड का उसके उपनिवेशों के साथ व्यापार रोकने का प्रयास नही किया
  • 1807 में नेपोलियन ने पुर्तगाल को इंग्लैंड के साथ व्यापार बन्द करने को कहा जिसमे पुर्तगाल नही माना तो नेपोलियन ने 1807 में उस पर आक्रमण कर यहाँ के ब्रोगेंजा वंश को नष्ट कर दिया

प्रायद्वीपीय युद्ध (1808-1814)

  • नेपोलियन ने स्पेन के साथ जो युद्ध लड़ा उसे प्रायद्वीपीय युद्ध कहा जाता है
  • नेपोलियन अपनी महाद्विपीय व्यवस्था को सफल बनाना चाहता था और स्पेन से बुर्बो वंश को समाप्त करना चाहता था हालांकि स्पेन ने लगभग हर युद्ध मे फ्रांस की सहायता की थी
  • नेपोलियन की सोच थी कि यदि वह स्पेन पर प्रत्यक्ष नियंत्रण कर लेता है तो महाद्वीपीय प्रणाली को अच्छे तरीके से लागू किया जा सकता है 
  • नेपोलियन ने स्पेन के युध्द को एक नासूर कहा है
  • ग्रांट एव टेम्परले ने स्पेन के युद्ध को कैंसर कहा है जिसने नेपोलियन के शक्ति रस को चूस लिया था 
  • फिशर ने स्पेन के युद्ध को उन राष्ट्रीय आन्दोलनों का अगुवा बताया है जिसने अंततः नेपोलियन के साम्राज्य को नष्ट कर दिया उनके अनुसार नेपोलियन राष्ट्रीय धर्म का शत्रु, राष्ट्रीय एकता का सहांरक एव राजमुकुट का विनाशक था 
  • नेपोलियन ने स्पेन के शासक चार्ल्स चतुर्थ व उसके पुत्र फर्डिनेंट को हटाकर अपने भाई जोसेफ को स्पेन का शासक बना दिया जिसे स्पेन के लोगो ने स्वीकार नही किया
  • स्पेन को नेपोलियन के विरुद्ध इंग्लैंड ने भी सहायता दी
  • 1812-13 में सेलामन्का व विक्टोरिया के युद्धों में इंग्लैंड के वेलीगटन ने स्पेन में फ्रांस की सेनाओं को पराजित किया

बेग्राम का युध्द (1809)

  • इस युद्ध मे नेपोलियन ने ऑस्ट्रिया को पराजित किया एव उसके साथ वियना की संधि करी 
  • ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मेरिया लुईसा के साथ नेपोलियन का विवाह भी हुआ 

[नेपोलियन की प्रथम पत्नी – जोजेफिन ब्युहाइने – 1796 में विवाह]

नेपोलियन का मास्को अभियान (1812)

  • नेपोलियन एक महान साम्राज्य की स्थापना करना चाहता था उसी का परिणाम था रूस पर आक्रमण 
  • रूस का सम्राट अलेक्जेंडर नेपोलियन की महाद्विपीय व्यवस्था का विरोध करने लगा
  • सेप्टेंबर 1812 में बोराडिनों के युद्ध में रूस की सेना को पराजित किया एव मास्को तक पहुंच गया किंतु उसने मास्को को उजड़ी हुई स्थिति में पाया
  • मास्को अभियान में भी नेपोलियन को भारी नुकसान उठाना पड़ा 
  • इस अभियान में नेपोलियन के 6 लाख सेनिको में से 1 लाख सैनिक ही जीवित बचे थे
  • इसी अभियान को आधार बनाकर टॉलस्टॉय ने WAR AND PIECE नामक उपन्यास लिखा
  • फिशर के अनुसार मास्को अभियान 02 राष्ट्रों के मध्य संघर्ष का अभियान नही था बल्कि यह तो एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षा एव एक महान धार्मिक जाति की राष्ट्रीय भावना का संघर्ष था 

NOTE – टॉलस्टॉय की पुस्तक – ‘किंगडम ऑफ गॉड विथ यू’ का प्रभाव गांधी जी पर था 

लुटजेन एव बेटजेन के युद्ध (मई 1813)

  • इन युध्दो में नेपोलियन ने प्रशा को पराजित किया
  • 1813 में ही नेपोलियन ने ड्रेक्सडन का युद्ध लड़ा जिसमे ऑस्ट्रिया को पराजित किया यह नेपोलियन की अंतिम विजय थी

लिपजिंग का युद्ध (16-19 ऑक्टोम्बर 1813)

  • इस युद्ध को राष्ट्रो का युद्ध भी कहा जाता है
  • इंग्लैंड, प्रशा, रूस, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क जैसे देशों ने नेपोलियन के खिलाफ एक संघ का निर्माण किया था जिसे मित्र राष्ट्र के नाम से जाना गया
  • इस संघ का उद्देश्य नेपोलियन को अंतिम रूप से पराजित करना था 
  • लिपजिंग के युद्ध मे नेपोलियन बोनापार्ट पराजित हुआ 
  • इस युद्ध मे नेपोलियन की सैन्य शक्ति नष्ट हो गयी

शोमैन की संधि (मार्च 1818)

  • यह संधि मित्र राष्ट्रो द्वारा सम्पन्न की गई 
  • इसमे शामिल देश – इंग्लैंड, प्रशा, ऑस्ट्रिया, रूस, डेनमार्क
  • इस संधि का उदेश्य – महाद्विपीय व्यवस्था को समाप्त करना था 

लाओ का युद्ध (मार्च 1814)

  • इस युद्ध मे मित्र देशो ने नेपोलियन को पराजित किया और 1814 में नेपोलियन के साथ फाउंटेन ब्ल्यू की संधि की जिसके तहत नेपोलियन को सत्ता से हटा दिया गया और नेपोलियन को भूमध्य सागर स्थित एल्बा द्वीप पर भेज दिया गया

NOTE – 1815 से 1848 का समय यूरोप में असमानताओं का काल कहलाता है वास्तव में इस काल मे राष्ट्रवादी शक्तियों का प्रतिक्रियावादियों से संघर्ष चलता रहा जिसमे राष्ट्रवादी असफल रहे 

नेपोलियन के बाद फ्रांस में लुई 18 वे को पुनः शासक बनाया गया

वॉटरलू का युद्ध – 18 जून 1815 

  • नेपोलियन एल्बा से पुनः पेरिस आ गया एव 100 दिन तक (20 मार्च 1815 से 29 जून 1815) फ्रांस में राज्य किया
  • वियेना में एकत्रित राजनीतिज्ञ ने पुनः सेना को इकट्ठी करी एव नेपोलियन को वाटरलू के युद्ध में पराजित किया
  • वाटरलू का मैदान बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स के पास स्थित है
  • 7 जुलाई को मित्र राष्ट्रो की सेनाओं ने पेरिस पर अधिकार कर लिया 
  • नेपोलियन ने 15 जुलाई 1815 को अंग्रेज नौसैन्य अधिकारी मेटलेंड के समक्ष आत्मसमपर्ण कर दिया
  • नेपोलियन को यहाँ से इंग्लैंड ले जाया गया और इंग्लैंड से अंटलाटिक महासागर स्थित सेंट हेलेना के द्वीप पर भेजा गया

वियना सम्मेलन – 

  • 1814-15 में ऑस्ट्रिया के चांसलर मेटरनीक के द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन किया था 
  • जिसका उद्देश्य – ऑस्ट्रिया की सर्वोच्चता सिद्ध करना एव फ्रांस को नेपोलियन से पहले की स्थिति में लाना था 
  • 5 मई 1821 को नेपोलियन की उदर कैंसर के कारण मृत्यु हुई
  • कोब्बन ने लिखा कि – नेपोलियन का साम्राज्य युद्धों में ही पनपा, युद्ध ही उसके अस्तित्व का आधार था एव युद्ध ही उसके पतन का कारण था 
  • नेपोलियन ने स्वयं कहा था कि “मैने समय को नष्ट किया एव समय ने मुझे नष्ट कर दिया”
  • हॉलेंड रोज ने नेपोलियन के पतन का कारण उसके जिद्दी स्वभाव को बताया 
  • फिशर ने नेपोलियन के पतन के 03 नाटक बताये 
  1. मास्को युद्ध
  2. लिपजिंग का युद्ध
  3. फाउंटेन ब्ल्यू की संधि

नेपोलियन के पतन के कारण

  1. महाद्वीपीय प्रणाली
  2. प्रायद्वीपीय युद्ध
  3. मास्को अभियान
  4. नौसेनीक दुर्बलता
  5. पराजित राष्ट्रों में राष्ट्रीयता का संचार होना
  6. अत्यधिक थकान व परिवार का सहयोग नही मिलना

दोस्तो हमने अपने इस वेबसाइट पर अन्य विषयों के नोट्स भी उपलब्ध करवाए है जिन्हें आप अध्ययन कर सकते है

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *