भारत के क्रांतिकारी आंदोलन पार्ट 4

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भारत के क्रांतिकारी आंदोलन पार्ट 4

असहयोग आंदोलन के प्रारंभ के कारण क्या थे?

  • असहयोग आंदोलन का प्रारंभ 1 अगस्त 1920 को हुआ। इसके मुख्य कारण रोलेट एक्ट, जलियांवाला बाग हत्याकांड, हंटर कमेटी की रिपोर्ट, और खिलाफत आंदोलन थे।

रोलेट एक्ट क्या था और इसे काला कानून क्यों कहा गया?

  • रोलेट एक्ट 18 मार्च 1919 को पारित किया गया। इस कानून के तहत मजिस्ट्रेट संदेह के आधार पर किसी व्यक्ति को अनिश्चित काल के लिए जेल में डाल सकता था। गांधीजी ने इसे काला कानून कहा, क्योंकि यह न्याय की मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन करता था।

जलियांवाला बाग हत्याकांड क्या था और इसके परिणाम क्या हुए?

  • 13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में निहत्थे लोगों पर गोली चलवा दी, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए। इसके विरोध में रविंद्र नाथ टैगोर ने अपनी नाइटहुड की उपाधि लौटा दी, और शंकर नायर ने वायसराय की कार्यकारिणी परिषद से त्यागपत्र दे दिया।

हंटर कमेटी की स्थापना क्यों की गई और इसकी रिपोर्ट पर गांधीजी की क्या प्रतिक्रिया थी?

  • हंटर कमेटी की स्थापना जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच के लिए की गई थी। कमेटी ने जनरल डायर के गोली चलाने को उचित ठहराया, जिसे गांधीजी ने सरकारी लीपापोती की संज्ञा दी।

खिलाफत आंदोलन क्यों प्रारंभ हुआ और इसके अंत के कारण क्या थे?

  • खिलाफत आंदोलन 1920 में तुर्की के खिलाफ अंग्रेजों की नीति के विरोध में शुरू हुआ। यह आंदोलन तब समाप्त हो गया जब तुर्की में कमाल पाशा के नेतृत्व में सरकार बनी और खलीफा का पद समाप्त कर दिया गया।

असहयोग आंदोलन के रचनात्मक और गैर-रचनात्मक कार्यक्रम क्या थे?

  • रचनात्मक कार्यक्रम में हिंदू-मुस्लिम एकता, खादी का प्रयोग, और अस्पृश्यता निवारण शामिल थे। गैर-रचनात्मक कार्यक्रम में सरकारी स्कूलों का बहिष्कार, सरकारी उपाधियों की वापसी, और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार शामिल था।

असहयोग आंदोलन का अंत क्यों और कैसे हुआ?

  • असहयोग आंदोलन का अंत 5 फरवरी 1922 को चौरी चौरा कांड के बाद हुआ, जब गांधीजी ने हिंसा के कारण इसे समाप्त करने का निर्णय लिया।

स्वराज पार्टी की स्थापना किसने की और इसका उद्देश्य क्या था?

  • स्वराज पार्टी की स्थापना 1923 में मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास ने की थी। इसका उद्देश्य विधानसभाओं के अंदर से ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष करना था।

स्वराज पार्टी की प्रमुख उपलब्धियां क्या थीं?

  • स्वराज पार्टी की प्रमुख उपलब्धियों में मुडीमैन समिति का गठन, विठ्ठल भाई पटेल का सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली के अध्यक्ष बनना, और गोलमेज सम्मेलन का सुझाव देना शामिल हैं।

गांधी-दास पैक्ट क्या था और इसके क्या परिणाम हुए?

  • गांधी-दास पैक्ट नवंबर 1924 में हुआ था, जिसके तहत असहयोग अब राष्ट्रीय कार्यक्रम नहीं रहेगा और स्वराज पार्टी को कांग्रेस के नाम और अंग के रूप में विधानसभाओं के अंदर काम करने का अधिकार दिया गया।

चौरी चौरा कांड का असहयोग आंदोलन पर क्या प्रभाव पड़ा?

  • चौरी चौरा कांड के कारण गांधीजी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन को समाप्त कर दिया, जिससे आंदोलन की गति थम गई।

सुभाष चंद्र बोस ने असहयोग आंदोलन की आलोचना क्यों की?

  • सुभाष चंद्र बोस ने असहयोग आंदोलन की आलोचना इसलिए की क्योंकि उन्हें लगता था कि आंदोलन का अचानक समाप्त होना देश के लिए नुकसानदायक था। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘द इंडियन स्ट्रगल’ में इसका उल्लेख किया।

गांधीजी को 1922 में क्यों गिरफ्तार किया गया और उन्हें क्या सजा दी गई?

  • गांधीजी को असहयोग आंदोलन के कारण मार्च 1922 में गिरफ्तार किया गया। अंग्रेज न्यायाधीश ब्रूम्सफील्ड ने उन्हें 6 साल के कारावास की सजा सुनाई, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्हें फरवरी 1924 में रिहा कर दिया गया।

हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन (HRA) की स्थापना किसने की और इसके प्रमुख कार्य क्या थे?

  • HRA की स्थापना 1924 में शचीन्द्र नाथ सान्याल और चंद्रशेखर आजाद ने की थी। इसके प्रमुख कार्यों में काकोरी कांड (1925) शामिल था, जिसमें HRA के सदस्यों ने ट्रेन लूट की थी।

हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन (HSRA) की स्थापना और उद्देश्य क्या थे?

  • HSRA की स्थापना 1928 में चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह ने की थी। इसका उद्देश्य भारत में समाजवादी गणराज्य की स्थापना करना था।

लाहौर षड्यंत्र केस क्या था और इसके अंतर्गत किन क्रांतिकारियों को सजा दी गई?

  • लाहौर षड्यंत्र केस 1929 में भगत सिंह और उनके साथियों द्वारा सांडर्स की हत्या के बाद शुरू हुआ। इसके तहत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा दी गई।

काकोरी कांड क्या था और इसके प्रमुख क्रांतिकारी कौन थे?

  • काकोरी कांड 9 अगस्त 1925 को हुआ, जब HRA के सदस्यों ने ट्रेन लूट ली थी। इसमें रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, रोशन लाल, और राजेन्द्र लाहिड़ी प्रमुख थे।

भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली में बम क्यों फेंका?

  • भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक और व्यापार विवाद विधेयक का विरोध करते हुए असेम्बली में बम फेंका। यह बम नफरत के बजाय एक क्रांति का प्रतीक था।

‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा किसने दिया और इसका क्या महत्व था?

  • ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा भगत सिंह ने दिया, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों का प्रमुख नारा बन गया।

नौजवान सभा की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई?

  • नौजवान सभा की स्थापना 1926 में भगत सिंह, छबीलदास, और यशपाल ने पंजाब में की थी। इसका उद्देश्य युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल करना था।

हिंदु महासभा की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई?

  • हिंदु महासभा की स्थापना 1915 में मदन मोहन मालवीय ने हरिद्वार के कुम्भ मेले में की थी। इसका उद्देश्य हिंदुओं के धार्मिक और सांस्कृतिक हितों की रक्षा करना था।

अकाली आंदोलन का उद्देश्य क्या था और इसे कैसे सफलता मिली?

  • अकाली आंदोलन का उद्देश्य गुरुद्वारों को भ्रष्ट महंतों से मुक्त कराना था। 1925 में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की स्थापना के साथ यह आंदोलन सफल हुआ।

वामपंथी आंदोलन क्या था और इसका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान था?

  • वामपंथी आंदोलन का उद्देश्य समाजवाद और साम्यवाद को बढ़ावा देना था। इसका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान क्रांतिकारी विचारधारा को बढ़ावा देना और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष करना था।

चटगांव आर्मरी रेड क्या थी और इसमें कौन प्रमुख रूप से शामिल थे?

  • चटगांव आर्मरी रेड अप्रैल 1930 में हुई, जिसमें सूर्यसेन और उनके साथियों ने चटगांव और बारीसाल स्थित शस्त्रागारों पर हमला किया। इसमें कल्पना दत्त और प्रीति लता वाडेकर भी शामिल थीं।

सूर्यसेन को किस कारण फांसी दी गई और उनकी भूमिका क्या थी?

  • सूर्यसेन को 1934 में चटगांव आर्मरी रेड के कारण फांसी दी गई। वह इस आंदोलन के प्रमुख नेता थे और उन्हें मास्टर दा के नाम से जाना जाता था।

राष्ट्रीय उदारवादी लीग की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई?

  • राष्ट्रीय उदारवादी लीग की स्थापना 1918 में सुरेन्द्रनाथ बनर्जी और तेज बहादुर सप्रू द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य संवैधानिक सुधारों के लिए आंदोलन करना था।

क्रिप्स मिशन का उद्देश्य क्या था और क्यों असफल रहा?

  • क्रिप्स मिशन 1942 में भारत को युद्ध के बाद स्वतंत्रता देने का प्रस्ताव लेकर आया। यह मिशन असफल रहा क्योंकि भारतीय नेताओं ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, क्योंकि इसमें ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण की शर्तें शामिल थीं।

भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?

  • भारत छोड़ो आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेजों से तुरंत भारत छोड़ने की मांग करना था। यह आंदोलन 8 अगस्त 1942 को गांधीजी के नेतृत्व में शुरू हुआ था।

भारत छोड़ो आंदोलन में महिलाओं की भूमिका क्या थी?

  • भारत छोड़ो आंदोलन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका थी। अरुणा आसफ अली, सुचेता कृपलानी, और ऊषा मेहता जैसी महिलाओं ने आंदोलन को संगठित और प्रेरित किया।

भारत छोड़ो आंदोलन का अंत कैसे हुआ?

  • भारत छोड़ो आंदोलन का अंत 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ, जब अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्रता देने की योजना बनाई।

कांग्रेस और लीग के बीच 1946 के कैबिनेट मिशन प्लान का क्या महत्व था?

  • कैबिनेट मिशन प्लान 1946 में भारत की संविधान सभा के गठन के लिए आया। इसने भारत को एक संघीय ढांचे में बांटने का प्रस्ताव दिया, जिसे कांग्रेस ने आंशिक रूप से और लीग ने पूरी तरह से स्वीकार किया।

माउंटबेटन प्लान के प्रमुख प्रावधान क्या थे?

  • माउंटबेटन प्लान 1947 में भारत के विभाजन का प्रस्ताव लेकर आया। इसके प्रमुख प्रावधानों में भारत और पाकिस्तान के अलग-अलग देशों के रूप में स्वतंत्रता और सीमाओं का निर्धारण शामिल था।

भारत के विभाजन के कारण क्या थे?

  • भारत का विभाजन धार्मिक और राजनीतिक असहमति के कारण हुआ। जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने मुस्लिमों के लिए अलग देश की मांग की, जिसे अंततः स्वीकार किया गया।

भारतीय संविधान सभा का गठन कैसे हुआ और इसका उद्देश्य क्या था?

  • भारतीय संविधान सभा का गठन 1946 में कैबिनेट मिशन प्लान के तहत हुआ। इसका उद्देश्य भारत के लिए संविधान तैयार करना था।

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के प्रमुख प्रावधान क्या थे?

  • भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 में भारत और पाकिस्तान को स्वतंत्रता देने का प्रावधान किया गया। इसके तहत ब्रिटिश राज का अंत हुआ और दो नए राष्ट्रों का गठन हुआ।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सबसे बड़ी चुनौती क्या थी?

  • सबसे बड़ी चुनौती जन समर्थन और राष्ट्रीय एकता का निर्माण करना था। असहयोग, सविनय अवज्ञा, और भारत छोड़ो आंदोलन ने इस चुनौती का सामना किया।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुस्लिम लीग और कांग्रेस के बीच मतभेदों के प्रमुख कारण क्या थे?

  • मुख्य कारण धर्म आधारित राजनीति, मुस्लिम लीग की अलग राष्ट्र की मांग, और कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण थे।

भारतीय समाजवादी आंदोलन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान था?

  • समाजवादी आंदोलन ने क्रांतिकारी विचारधारा को प्रेरित किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को समाजवादी दृष्टिकोण दिया।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्या थी?

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन किया और अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष का नेतृत्व किया। उनका नारा “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” प्रसिद्ध हुआ।

भारत में समाजवादी और साम्यवादी आंदोलनों का क्या महत्व था?

  • इन आंदोलनों ने भारतीय राजनीति में वामपंथी विचारधारा का प्रसार किया और श्रमिक और किसान आंदोलनों को प्रेरित किया।

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गांधीजी की भूमिका क्या थी?

  • गांधीजी ने भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया और अंग्रेजों से भारत छोड़ने की अपील की। उन्हें आंदोलन के प्रारंभ में ही गिरफ्तार कर लिया गया।

स्वतंत्रता के बाद भारतीय समाज में होने वाले प्रमुख बदलाव क्या थे?

  • स्वतंत्रता के बाद भारतीय समाज में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, और सामाजिक समानता के सिद्धांतों का प्रसार हुआ।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान साहित्य का क्या योगदान था?

  • साहित्य ने स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया और राष्ट्रीय चेतना का प्रसार किया। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की “वंदे मातरम्” और रवींद्रनाथ टैगोर की “जन गण मन” प्रमुख उदाहरण हैं।

भारत में नागरिक अधिकारों की संकल्पना स्वतंत्रता संग्राम से कैसे प्रभावित हुई?

  • स्वतंत्रता संग्राम ने भारत में नागरिक अधिकारों की संकल्पना को जन्म दिया। असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों ने नागरिक अधिकारों की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित किया।

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की भूमिका क्या थी?

  • कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया और गांधीजी के “करो या मरो” के आह्वान का पालन किया।

स्वराज पार्टी का गठन कब और क्यों किया गया था?

  • स्वराज पार्टी का गठन 1923 में मोतीलाल नेहरू और चित्तरंजन दास ने किया था। इसका उद्देश्य अंग्रेजों के खिलाफ संवैधानिक ढांचे के भीतर संघर्ष करना था।

असहयोग आंदोलन का देशव्यापी प्रभाव क्या था?

  • असहयोग आंदोलन ने भारतीय जनता को राष्ट्रीय आंदोलन में एकजुट किया और अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक विरोध का मार्ग प्रशस्त किया।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कौन से प्रमुख आंदोलन हिंसक थे?

  • हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन (HRA) और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक एसोसिएशन (HSRA) जैसे क्रांतिकारी संगठनों के आंदोलन हिंसक थे। इनमें काकोरी कांड, सांडर्स हत्या, और असेम्बली बमकांड शामिल थे।

क्रांतिकारी आंदोलनों का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान था?

  • क्रांतिकारी आंदोलनों ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष को उग्र और तीव्र बनाया। उन्होंने युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम चरण में क्या प्रमुख घटनाएँ घटीं?

  • अंतिम चरण में भारत छोड़ो आंदोलन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आजाद हिंद फौज के नेतृत्व में सशस्त्र संघर्ष, और माउंटबेटन प्लान का प्रस्ताव शामिल थे।

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