
दसवीं अनुसूची-
- दल- बदल विरोधी कानून
- यह 52 वें संविधान संशोधन 1985 के द्वारा जोड़ी गई।
- 91 वें संविधान संशोधन 2003 के द्वारा 10 वीं अनुसूची में संशोधन किया गया।
- दल-बदल कानून MP, MLA, MLC पर लागू होता है।
- प्रावधान –
- यदि कोई व्यक्ति दल बदलता है, तो उसकी सदन की सदस्यता समाप्त हो जाती हैं।
- किसी दल के ⅔ सदस्य एक साथ किसी दूसरे दल में सम्मिलित हो सकते हैं
- निर्दलीय सदस्य किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकते। निर्दलीय अपना समर्थन किसी भी दल को दे सकता है।
- मनोनीत सदस्य 6 माह के भीतर किसी भी राजनीतिक दल में शामिल हो सकता है, उसके बाद नहीं हो सकता ।
- यदि कोई व्यक्ति पार्टी whip (सचेतक) का उल्लंघन करता है तथा पार्टी उसे 15 दिन में क्षमा नहीं करे तो वह दल बदल का दोषी माना जायेगा ।
- लोकसभा अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष पर बल दल-बदल कानून लागू नहीं होता है।
- दल – बदल के बारे में निर्णय सदन का अध्यक्ष या सभापति लेता है।
- किहोतो होलोहा वाद 1992 –
- सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि दल-बदल के मामले में सभापति या अध्यक्ष के निर्णय को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती हैं।