सुखवाद और उपयोगितावाद, दोनों ही दर्शनशास्त्र की महत्वपूर्ण धाराएँ हैं जो मानव जीवन के अनुभव और उसके उद्देश्य को समझने का प्रयास करती हैं। सुखवाद का मूल सिद्धांत यह है कि सुख ही सर्वोच्च मूल्य है, जबकि उपयोगितावाद का तात्पर्य है कि कार्यों का मूल्य उनके परिणामों के आधार पर आंका जाता है।
इस टेस्ट क्विज़ में, हम इन दोनों धाराओं की बुनियादी अवधारणाओं, प्रमुख विचारकों और उनके विचारों की गहराई में जाएंगे। यह न केवल आपके ज्ञान को परखने का एक अवसर है, बल्कि आपको इन दार्शनिक विचारों को और अधिक समझने में भी मदद करेगा। आइए, इस दार्शनिक यात्रा पर निकलें और अपने विचारों की सीमाओं को बढ़ाए
