BlogTeaching Methods MCQ शिक्षण MCQ Last updated: 2025/06/11 at 10:49 PM rajexaminfo.com Share 0 Min Read SHARE 16 शिक्षण MCQ 1 / 27 प्रक्षेपी सामग्री का मतलब है? अप्रक्षेपी प्रत्यक्ष दिखाई जाने वाली मृदुल श्रवण सहायक सामग्री - शिक्षण कार्य करते समय जब एक शिक्षक अपने बालको को रुचिकर तरीके से विषयवस्तु स्पष्ट करना चाहता है तो वह विभिन्न प्रकार के संसाधन सहायक सामग्री के रूप में लेता है यह सहायक सामग्री शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को रोचक बनाने के साथ ही अधिगम की मात्रा को बढ़ाने में योगदान देती है सहायक सामग्री को 03 प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है प्रकृति के आधार पर दृश्य श्रव्य दृश्य - श्रव्य निर्माण के आधार पर कठोर उपागम मृदुल उपागम उपयोग के आधार पर प्रक्षेपी अप्रक्षेपी 2 / 27 पूर्व क्रियात्मक अवस्था में शिक्षक क्या करता है? उत्तर पुस्तिका जाँच मूल्यांकन कक्षा संचालन पाठ की तैयारी शिक्षण अवस्थाएं : शिक्षण एक को ऐसा कार्य है जिसमें एक शिक्षक को 03 अलग अलग कार्य पुरे करने होते है जिनके अनुसार शिक्षण की 03 अवस्थाए होती है 03 अवस्थाए निम्न है पूर्व क्रियात्मक अवस्था अन्त: क्रियात्मक अवस्था उतर क्रियात्मक अवस्था पूर्व क्रियात्मक अवस्था :. इस अवस्था में एक शिक्षक कोई भी पाठ पठाने से पहले उसकी स्वयं तैयारी करता है और तैयारी करते समय क्या पढ़ाना है कितना पढाना है कैसे पढाना किसको पढ़ाना है आदि प्रश्नों का जवाब अपने मस्तिष्क में पैदा है और फिर उसी के आधार पर शिक्षण उद्देश्यो का निर्धारण करता है शिक्षण प्रक्रिया तय करता है सहायक सामग्री संगठित करता है और पढाने योग्य विषय वस्तु की ठीक प्रकार से तैयारी करता है तथा आवश्यकता अनुरूप नवाचार का प्रयास करता है 3 / 27 हेम्प्रे के अनुसार चिन्तन का जन्म कब होता है? अध्ययन के समय समस्या के समय विश्राम के समय सफलता के समय हेम्प्रे - "चिन्तन का जन्म समस्या के समय होता क्योंकि समस्या के समय प्राणी को लक्ष्य का रास्ता नजर नहीं आता है।” रॉस -: "चिन्तन एक मानसिक गत्यात्मक क्रिया है जिसका उपयोग समस्या समाधान के लिए होता है" एक शिक्षक जब शिक्षण कार्य करता है तो वह चिन्तन के द्वारा ही यह सोचता है कि मुझे क्या, कितना, क्यों, कैसे पढ़ाना है तथा बालको को किस सीमा तक अधिगम करवाना है इन सब के लिए उसे उच्च स्तरीय चिंतन आवश्यकता होती है। शिक्षक का कार्य अपने आप में बहुत कठिन होता है क्योकि इस कार्य के द्वारा मानव-मानव का निर्माण करता है। चिन्तन के आधार पर शिक्षक 03 प्रकार के हो सकते है (सामान्य, अच्छे, श्रेष्ठ शिक्षक) प्रारम्भ में कोई भी शिक्षक सामान्य ही होता है लेकिन जैसे जैसे अनुभव होते जाते है वह कुशलता अर्जित करने लगता जिससे वह अच्छा व श्रेष्ठ बनता है। शिक्षण कार्य न सरल होता है न जटिल होता न कठिन होता न विशेष होता है यह तो कला और विज्ञान है। N N मुखर्जी : "शिक्षण कार्य प्रत्येक व्यक्ति के चाय के प्याले के समान नही है यह तो कला और विज्ञान है।" वही शिक्षक कलाकार शिक्षक बन पाता है जिसमे विषयवस्तु का ज्ञान, शिक्षण पद्धति का ज्ञान एवं आत्मविश्वास भरा हो शिक्षण कार्य करते समय एक शिक्षक को गलतियां नहीं होने का पुरा ध्यान रखा जाता है परन्तु यदि गलती हो भी जाती है तो उसे कलात्मक तरीके से सुधारना चाहिए। क्योंकि एक गलत ज्ञान कई स्थानो पर अंतरित हो सकता है 4 / 27 उतर क्रियात्मक अवस्था में शिक्षक क्या करता है? प्रतिपुष्टि और मूल्यांकन प्रेरणा देना पाठ पढ़ाना तैयारी शिक्षण अवस्थाएं : शिक्षण एक को ऐसा कार्य है जिसमें एक शिक्षक को 03 अलग अलग कार्य पुरे करने होते है जिनके अनुसार शिक्षण की 03 अवस्थाए होती है 03 अवस्थाए निम्न है पूर्व क्रियात्मक अवस्था अन्त: क्रियात्मक अवस्था उतर क्रियात्मक अवस्था उतर क्रियात्मक अवस्था - इस अवस्था में सबसे पहले बालको से प्रतिपुष्टि प्राप्त करता है और फिर एक निश्चित अवसर देखकर बालको का मूल्याकंन करते हुए यह देखता है कि बालक में किसी प्रकार की कोई कमजोरी तो नहीं है। तथा कमजोरी पाये जाने पर उसे दूर करने के लिए उपचारात्मक कार्य करता है। 5 / 27 सहायक सामग्री शिक्षण को कैसे बनाती है? रुचिकर कठिन बोझिल व्यर्थ सहायक सामग्री - शिक्षण कार्य करते समय जब एक शिक्षक अपने बालको को रुचिकर तरीके से विषयवस्तु स्पष्ट करना चाहता है तो वह विभिन्न प्रकार के संसाधन सहायक सामग्री के रूप में लेता है यह सहायक सामग्री शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को रोचक बनाने के साथ ही अधिगम की मात्रा को बढ़ाने में योगदान देती है सहायक सामग्री को 03 प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है प्रकृति के आधार पर दृश्य श्रव्य दृश्य - श्रव्य निर्माण के आधार पर कठोर उपागम मृदुल उपागम उपयोग के आधार पर प्रक्षेपी अप्रक्षेपी 6 / 27 रॉस के अनुसार चिन्तन किसके लिए उपयोगी है? समस्या समाधान के लिए परीक्षा के लिए अनुशासन के लिए ज्ञान के लिए रॉस -: "चिन्तन एक मानसिक गत्यात्मक क्रिया है जिसका उपयोग समस्या समाधान के लिए होता है" एक शिक्षक जब शिक्षण कार्य करता है तो वह चिन्तन के द्वारा ही यह सोचता है कि मुझे क्या, कितना, क्यों, कैसे पढ़ाना है तथा बालको को किस सीमा तक अधिगम करवाना है इन सब के लिए उसे उच्च स्तरीय चिंतन आवश्यकता होती है। शिक्षक का कार्य अपने आप में बहुत कठिन होता है क्योकि इस कार्य के द्वारा मानव-मानव का निर्माण करता है। चिन्तन के आधार पर शिक्षक 03 प्रकार के हो सकते है (सामान्य, अच्छे, श्रेष्ठ शिक्षक) प्रारम्भ में कोई भी शिक्षक सामान्य ही होता है लेकिन जैसे जैसे अनुभव होते जाते है वह कुशलता अर्जित करने लगता जिससे वह अच्छा व श्रेष्ठ बनता है। 7 / 27 शिक्षण किसके द्वारा किया जाने वाला कार्य है? विद्यार्थी शिक्षक अभिभावक समाज शिक्षण - शिक्षण वह कार्य होता है जो शिक्षक के द्वारा किया जाता है। यह कार्य एक शिक्षक को गतिमान बनाता है तथा इसी कार्य के लिए वह अपनी पहचान बनाता है समाज में किये जाने वाले सभी कार्य अपने आप में एक समस्या के रूप में देखे जाते है क्योकि उन कार्यों को करने के लिए सोच समझ एवं विचार करते हुए व्यक्ति को समाधान प्राप्त करना होता है सोचना समझना विचारना अपने आप में चिन्तन होता है। तथा चिन्तन एक मानसिक क्रिया है जो समस्या समाधान में सहयोग करती है जैसा कि हेम्प्रे ने लिखा हेम्प्रे - "चिन्तन का जन्म समस्या के समय होता क्योंकि समस्या के समय प्राणी को लक्ष्य का रास्ता नजर नहीं आता है।” 8 / 27 अन्तः क्रियात्मक अवस्था में मुख्य क्रिया क्या होती है? प्रेरणा और अध्यापन प्रतिपुष्टि परिणाम मूल्यांकन शिक्षण अवस्थाएं : शिक्षण एक को ऐसा कार्य है जिसमें एक शिक्षक को 03 अलग अलग कार्य पुरे करने होते है जिनके अनुसार शिक्षण की 03 अवस्थाए होती है 03 अवस्थाए निम्न है पूर्व क्रियात्मक अवस्था अन्त: क्रियात्मक अवस्था उतर क्रियात्मक अवस्था अन्त क्रियात्मक अवस्था - शिक्षक कक्षा कक्ष में उपस्थित होकर के सबसे पहले बालको के हाव भाव समझने का प्रयास है और फिर वातावरण निर्माण करने का विचार करता है। वातावरण निर्माण करते समय बालको में प्रेरकीय स्थिति को जन्म देता है तथा जब बालक तत्परता के साथ में सीखने के लिए तैयार हो जाते है वह अपनी विषयवस्तु को प्रेषित करना शुरू करता है तथा सभी बालक ध्यानपूर्वक सीखने का प्रयास करते है 9 / 27 प्रभावी शिक्षण के लिए क्या आवश्यक है? कड़ी सजा पूर्व ज्ञान का उपयोग रटंत ज्ञान अनुशासन शिक्षण की प्रभावशीलता : जब प्रत्यक्ष ज्ञान करवाया जाता है पूर्व ज्ञान का उपयोग करना चाहिए शिक्षण उद्देश्यों की पूर्ति वाला हो क्रियात्मक व्यवहार का अधिकतम प्रयोग सहसम्बद्धता का उपयोग करना शिक्षण में रोचकता बनाये रखे विषयवस्तु को स्पष्ट करते समय बालक के परिवेश का उदाहरण दे सम्भवतः तात्कालिक एवं स्वनिर्मित सहायक साधन / सामग्री का उपयोग विषयवस्तु को जीवन से जोड़ा जाय निदानात्मक, उपचारात्मक कार्य समय समय पर किया जावे मूल्यांकन के लिए नवाचारी प्रयोग बाल केन्द्रित व्यवहार वातावरण अथवा लोकतांत्रिक कक्षा का वातावरण कक्षा कक्ष में मानसिक अनुशासन बनाये रखना 10 / 27 S.K. कोचर ने किसे शिक्षक का अस्त्र-शस्त्र कहा? पाठ्यक्रम विषय मूल्यांकन शिक्षण विधि विधि: - शिक्षण विधि वह व्यवहार है जिसके द्वारा एक शिक्षक विषयवस्तु को संगठित कर विवेकपूर्ण तरीके से बालको तक भेजता है और वह उसके उद्देश्य की पूर्ति में सहयोग करती है बाइनिग - "शिक्षण विधि शैक्षिक प्रक्रिया का गतिशील कार्य है" जान DV -"पद्धति वह तरीका है जिसके द्वारा हम-लोग विषय वस्तु को संगठित कर निष्कर्षो को प्राप्त करते है" जान DV के विचारो के आधार पर यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि शिक्षण कार्य किसी निश्चित उद्देश्य की दिशा में होना चाहिए और उद्देश्य पूर्व नियोजित व्यवहार के रूप में समझा जाना चाहिए। जैसा की स्मिथ ने भी कहा - “जहाँ शिक्षण होता है वहाँ अधिगम अनिवार्य है लेकिन जहां अधिगम होता है वहाँ शिक्षण अनिवार्य नहीं है" सरोज सक्सेना - "शिक्षण विधि वह माध्यम है जिसके द्वारा एक शिक्षक अपनी विषयवस्तु को बालको तक प्रेषित करता है और वह उसके उद्देश्य पूर्ति में सहयोग करती है” किसी भी शिक्षक को शिक्षण विधि का उपयोग करते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि वह उसके माध्यम से अपने बालको को उचित प्रकार से सीखा पायेगा जैसे - श्रीमती S.K. कोचर - "जिस प्रकार से एक सैनिक को सभी अस्त्र शस्त्रों का ज्ञान होता है उसी प्रकार से एक शिक्षक को सभी विधियों का ज्ञान होना चाहिए, यह उसके विवेक पर निर्भर है कि कब कौनसी विधि को अपनायेगा" 11 / 27 कौन-सा शिक्षण सूत्र नहीं है? स्व से पर सरल से कठिन समीप से दूरी ज्ञात से अज्ञात शिक्षण सूत्र :- सरल से कठिन की ओर ज्ञात से अज्ञात की ओर समीप से दुरी की ओर आगमन से निगमन की ओर स्थूल से सूक्ष्म की ओर विशिष्ट से सामान्य की ओर पूर्ण से अंशं की ओर प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष की ओर मनोवैज्ञानिकता से तर्क की ओर 12 / 27 किस माध्यम से शिक्षण सबसे प्रभावशाली होता है? केवल दृश्य दृश्य-श्रव्य केवल श्रव्य केवल बोलकर शिक्षण की प्रभावशीलता : जब प्रत्यक्ष ज्ञान करवाया जाता है पूर्व ज्ञान का उपयोग करना चाहिए शिक्षण उद्देश्यों की पूर्ति वाला हो क्रियात्मक व्यवहार का अधिकतम प्रयोग सहसम्बद्धता का उपयोग करना शिक्षण में रोचकता बनाये रखे विषयवस्तु को स्पष्ट करते समय बालक के परिवेश का उदाहरण दे सम्भवतः तात्कालिक एवं स्वनिर्मित सहायक साधन / सामग्री का उपयोग विषयवस्तु को जीवन से जोड़ा जाय निदानात्मक, उपचारात्मक कार्य समय समय पर किया जावे मूल्यांकन के लिए नवाचारी प्रयोग बाल केन्द्रित व्यवहार वातावरण अथवा लोकतांत्रिक कक्षा का वातावरण कक्षा कक्ष में मानसिक अनुशासन बनाये रखना 13 / 27 शिक्षण उपागम में कौन शामिल नहीं है? सिद्धांत सूत्र अनुशासन विधि शिक्षण उपागम :- एक शिक्षक शिक्षण कार्य करते समय जब अपनी विषयवस्तु को बालको तक पहुंचाने का प्रयास करता है तो वह कुछ विशेष प्रकार के साधन एवं नियम उपयोग में लाता है जिन्हें शिक्षण उपागम कहते है शिक्षण उपागम निम्न होते है। 1 विधि 2 सूत्र 3 सिद्धात 4 सहायक सामग्री उपर्युक्त क्रम से ही शिक्षक को इनका उपयोग करना होता है। 14 / 27 जैक्सन के अनुसार शिक्षण क्या है? एक कला परिपक्व से अपरिपक्व को शिक्षा देना अनुशासन सिर्फ पाठ पढ़ाना शिक्षण एक प्रक्रिया: शिक्षण एक ऐसा कार्य है जिसे करने के लिए कम से कम दो लोगो की आवश्यकता होती है तथा इन दोनों के बीच किसी विषयवस्तु को लेकर अंत क्रिया होती है। जैक्सन -"शिक्षण वह प्रक्रिया है जिसमे एक परिपक्व व्यक्ति (शिक्षक) से एक अपरिपक्व व्यक्ति (शिक्षार्थी) को अंतःक्रिया के द्वारा शिक्षा प्रदान करता है।" मौरीसन -"शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ एक अधिक परिपक्व व्यक्ति कम परिपक्व व्यक्ति को अंतः सम्बन्धो के द्वारा सीखाने का प्रयास करता है" उपर्युक्त परिभाषाओं से यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि सीखने व सीखाने वाले के बीच परिपक्वता का अंतर एवं अन्तः क्रियात्मक व्यवहार का होना आवश्यक है। तथा होने वाली क्रिया में विषयवस्तु का आदान प्रदान आवश्यक होता है। 15 / 27 शिक्षण सिद्धांतों में कौन शामिल नहीं है? प्रेरणा राष्ट्रीयता आलोचना लोचशीलता शिक्षण के सिद्धान्त :- रुचि का प्रेरणा का विषयवस्तु चयन का क्रियाशीलता का उद्देश्य पूर्ति का आवृति का सहसम्बद्धता का लोचशीलता का नियोजन का एकीकरण का राष्ट्रीयता / आनन्द का उदारता का 16 / 27 शिक्षण विधि किसका माध्यम है? विषयवस्तु को बालक तक पहुँचाने का खेलों का कक्षा सजावट का अनुशासन का विधि: - शिक्षण विधि वह व्यवहार है जिसके द्वारा एक शिक्षक विषयवस्तु को संगठित कर विवेकपूर्ण तरीके से बालको तक भेजता है और वह उसके उद्देश्य की पूर्ति में सहयोग करती है बाइनिग - "शिक्षण विधि शैक्षिक प्रक्रिया का गतिशील कार्य है" जान DV -"पद्धति वह तरीका है जिसके द्वारा हम-लोग विषय वस्तु को संगठित कर निष्कर्षो को प्राप्त करते है" जान DV के विचारो के आधार पर यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि शिक्षण कार्य किसी निश्चित उद्देश्य की दिशा में होना चाहिए और उद्देश्य पूर्व नियोजित व्यवहार के रूप में समझा जाना चाहिए। जैसा की स्मिथ ने भी कहा - “जहाँ शिक्षण होता है वहाँ अधिगम अनिवार्य है लेकिन जहां अधिगम होता है वहाँ शिक्षण अनिवार्य नहीं है" सरोज सक्सेना - "शिक्षण विधि वह माध्यम है जिसके द्वारा एक शिक्षक अपनी विषयवस्तु को बालको तक प्रेषित करता है और वह उसके उद्देश्य पूर्ति में सहयोग करती है” किसी भी शिक्षक को शिक्षण विधि का उपयोग करते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि वह उसके माध्यम से अपने बालको को उचित प्रकार से सीखा पायेगा जैसे - श्रीमती S.K. कोचर - "जिस प्रकार से एक सैनिक को सभी अस्त्र शस्त्रों का ज्ञान होता है उसी प्रकार से एक शिक्षक को सभी विधियों का ज्ञान होना चाहिए, यह उसके विवेक पर निर्भर है कि कब कौनसी विधि को अपनायेगा" 17 / 27 निम्न में से कौन-सा शिक्षण का प्रथम स्तर है? चिन्तन स्तर मूल्यांकन स्तर बोध स्तर स्मृति स्तर शिक्षण के स्तर - शिक्षण कार्य के संदर्भ में 03 स्तर माने गये है जो क्रमश: निम्न से ऊपर की ओर स्मृति, बोध, चिन्तन स्तर होते है। स्मृति स्तर - यह प्रारंभिक कक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है जहा बालको को संकेत, चिन्हा, सूत्र, वर्ण, संख्या आदि का उपयोग करते हुए ज्ञान प्रदान किया जाता है। तथा बालको को ज्ञान को स्मरण रखना होता है 18 / 27 शिक्षण प्रक्रिया त्रिमुखी होती है, इनमें कौन प्राथमिक चर है? शिक्षार्थी समाज विषयवस्तु शिक्षक शिक्षण प्रक्रिया त्रिमुखी होती है जिसमे शिक्षक - प्राथमिक चर शिक्षार्थी - द्वितीयक चर विषय - वस्तु 19 / 27 N.N. मुखर्जी के अनुसार शिक्षण क्या है? सरल प्रक्रिया कला और विज्ञान केवल ज्ञान देने की क्रिया केवल कठिन कार्य शिक्षण कार्य न सरल होता है न जटिल होता न कठिन होता न विशेष होता है यह तो कला और विज्ञान है। N N मुखर्जी : "शिक्षण कार्य प्रत्येक व्यक्ति के चाय के प्याले के समान नही है यह तो कला और विज्ञान है।" वही शिक्षक कलाकार शिक्षक बन पाता है जिसमे विषयवस्तु का ज्ञान, शिक्षण पद्धति का ज्ञान एवं आत्मविश्वास भरा हो शिक्षण कार्य करते समय एक शिक्षक को गलतियां नहीं होने का पुरा ध्यान रखा जाता है परन्तु यदि गलती हो भी जाती है तो उसे कलात्मक तरीके से सुधारना चाहिए। क्योंकि एक गलत ज्ञान कई स्थानो पर अंतरित हो सकता है 20 / 27 जॉन डी.वी. के अनुसार व्यापक शिक्षण प्रक्रिया में कौन शामिल होता है? शिक्षक, शिक्षार्थी, पाठ्यक्रम विद्यार्थी, पाठ्यक्रम, विद्यालय शिक्षक, पाठ्यक्रम, संस्था शिक्षक, शिक्षार्थी, समाज शिक्षण प्रक्रिया के दृष्टिकोण:- भारतीय दृष्टिकोण - द्विमुखी प्रक्रिया शिक्षक > अंतपुरवासी (शिक्षार्थी) शिक्षक < अंतपुरवासी (शिक्षार्थी) आधुनिक / पाश्चात्य मत - त्रिमुखी प्रक्रिया BS BLOOM - संकुचित मत शिक्षक शिक्षार्थी पाठ्यक्रम जॉन DV - व्यापक मत शिक्षक शिक्षार्थी समाज 21 / 27 चिन्तन स्तर पर क्या कराया जाता है? याद चित्र बनाना रटना समस्या समाधान शिक्षण के स्तर - शिक्षण कार्य के संदर्भ में 03 स्तर माने गये है जो क्रमश: निम्न से ऊपर की ओर स्मृति, बोध, चिन्तन स्तर होते है। चिन्तन स्तर - जब बालक ज्ञान व बोध स्तर से आगे बढ़ता है तो ऐसी स्थिति में उसे कुछ कार्य समस्या के रूप में दिये जाते है ताकि बालक स्वयं चिंतन करते हुए समाधान का प्रयास करे जिससे की उसमे चिंतन शक्ति का विकास हो 22 / 27 चिन्तन एक कैसी क्रिया है? सामाजिक यांत्रिक शारीरिक मानसिक हेम्प्रे - "चिन्तन का जन्म समस्या के समय होता क्योंकि समस्या के समय प्राणी को लक्ष्य का रास्ता नजर नहीं आता है।” रॉस -: "चिन्तन एक मानसिक गत्यात्मक क्रिया है जिसका उपयोग समस्या समाधान के लिए होता है" 23 / 27 किस प्रकार का वातावरण प्रभावी शिक्षण के लिए जरूरी है? कठोर लोकतांत्रिक मौन अनुशासनात्मक शिक्षण की प्रभावशीलता : जब प्रत्यक्ष ज्ञान करवाया जाता है पूर्व ज्ञान का उपयोग करना चाहिए शिक्षण उद्देश्यों की पूर्ति वाला हो क्रियात्मक व्यवहार का अधिकतम प्रयोग सहसम्बद्धता का उपयोग करना शिक्षण में रोचकता बनाये रखे विषयवस्तु को स्पष्ट करते समय बालक के परिवेश का उदाहरण दे सम्भवतः तात्कालिक एवं स्वनिर्मित सहायक साधन / सामग्री का उपयोग विषयवस्तु को जीवन से जोड़ा जाय निदानात्मक, उपचारात्मक कार्य समय समय पर किया जावे मूल्यांकन के लिए नवाचारी प्रयोग बाल केन्द्रित व्यवहार वातावरण अथवा लोकतांत्रिक कक्षा का वातावरण कक्षा कक्ष में मानसिक अनुशासन बनाये रखना 24 / 27 शिक्षण प्रक्रिया में मध्यस्थ चर कौन होता है? शिक्षक समाज कक्षा विषयवस्तु शिक्षण प्रक्रिया त्रिमुखी होती है जिसमे शिक्षक - प्राथमिक चर शिक्षार्थी - द्वितीयक चर विषय - वस्तु शिक्षण प्रक्रिया के 03 सोपान है शिक्षक यह स्वतंत्र चर कहलाता है। शिक्षार्थी - यह आश्रित चर कहलाता है विषयवस्तु - यह मध्यस्थ चर कहलाता है। 25 / 27 शिक्षण को जीवन से जोड़ने का अर्थ है? तर्क मनोरंजन व्यावहारिकता सामाजिकता शिक्षण की प्रभावशीलता : जब प्रत्यक्ष ज्ञान करवाया जाता है पूर्व ज्ञान का उपयोग करना चाहिए शिक्षण उद्देश्यों की पूर्ति वाला हो क्रियात्मक व्यवहार का अधिकतम प्रयोग सहसम्बद्धता का उपयोग करना शिक्षण में रोचकता बनाये रखे विषयवस्तु को स्पष्ट करते समय बालक के परिवेश का उदाहरण दे सम्भवतः तात्कालिक एवं स्वनिर्मित सहायक साधन / सामग्री का उपयोग विषयवस्तु को जीवन से जोड़ा जाय निदानात्मक, उपचारात्मक कार्य समय समय पर किया जावे मूल्यांकन के लिए नवाचारी प्रयोग बाल केन्द्रित व्यवहार वातावरण अथवा लोकतांत्रिक कक्षा का वातावरण कक्षा कक्ष में मानसिक अनुशासन बनाये रखना 26 / 27 शिक्षण प्रक्रिया में कम से कम कितने लोगों की आवश्यकता होती है? 3 1 4 2 शिक्षण एक प्रक्रिया: शिक्षण एक ऐसा कार्य है जिसे करने के लिए कम से कम दो लोगो की आवश्यकता होती है तथा इन दोनों के बीच किसी विषयवस्तु को लेकर अंत क्रिया होती है। जैक्सन -"शिक्षण वह प्रक्रिया है जिसमे एक परिपक्व व्यक्ति (शिक्षक) से एक अपरिपक्व व्यक्ति (शिक्षार्थी) को अंतःक्रिया के द्वारा शिक्षा प्रदान करता है।" मौरीसन -"शिक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ एक अधिक परिपक्व व्यक्ति कम परिपक्व व्यक्ति को अंतः सम्बन्धो के द्वारा सीखाने का प्रयास करता है" 27 / 27 बोध स्तर पर क्या विकसित होता है? चिन्तन समझ एवं व्याख्या केवल याददाश्त समस्या समाधान शिक्षण के स्तर - शिक्षण कार्य के संदर्भ में 03 स्तर माने गये है जो क्रमश: निम्न से ऊपर की ओर स्मृति, बोध, चिन्तन स्तर होते है। बोध स्तर - जब बालक समझदार व परिपक्व होने लगता है तो उसे ज्ञानात्मक क्षेत्र से आगे बढ़ाते हुए ज्ञान की समझ विकसित करने का प्रयास किया जाता है जिसमे बालक को विषयवस्तु का बोध करवाते है Your score is The average score is 66% 0% Restart quiz Share this… Telegram Whatsapp Share This Article Facebook Twitter Copy Link Print Leave a comment Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. 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