वाक्य
दोस्तो वाक्य टॉपिक लगभग हर एग्जाम के लिए उपयोगी है हमने ओर टॉपिक के हिंदी के नोट्स उपलब्ध करवाए है जिनका आप अध्ययन कर सकतें है
इसलिए हमने वाक्य टॉपिक को चरण से लिखने का प्रयास किया है जैसे
वाक्य का सामान्य परिचय
वाक्य के प्रकार

- भाषा या व्याकरण की दृष्टि से सबसे बड़ा अंग वाक्य होता है
- दो या दो से अधिक शब्दो के सार्थक योग को वाक्य कहते है जैसे
राम पुस्तक पढ़ता है
- NOTE – शब्दो का योग यदि सार्थक न हो तो वह शब्द ही रहेंगे जैसे
राम, मोहन सीता राधा
- NOTE – भाव / भावार्थ के आधार पर भाषा की सबसे बड़ी इकाई – वाक्य होती है
- NOTE – भाव / भावार्थ के आधार पर भाषा की सबसे छोटी इकाई – वाक्य होती है
वाक्य के प्रकार
A प्रयोग व संरचना के आधार पर
- सरल वाक्य
- सयुंक्त वाक्य
- मिश्र / मिश्रित वाक्य
1 साधारण वाक्य
- जिस वाक्य में एक उद्देश्य व एक ही विधेय हो साधारण वाक्य कहलाता है जैसे
मोहन पुस्तक पढता है
- वाक्य के अंग – 02 (उद्देश्य, विधेय)
- उद्देश्य
- वाक्य में प्रयुक्त कर्ता को उद्देश्य कहा जाता है
- कर्ता + कर्ता विस्तारक + कर्ता विशेषण
- विधेय
- उद्देश्य के संदर्भ में कहा गया कथन
- कर्म + कर्म विस्तारक + क्रिया + क्रिया विस्तारक + सहायक क्रिया + पूर्वक शब्द (other word)
बुद्धिमान | राम | धार्मिक | पुस्तक | ज्यादा | पढता | है |
कर्ता विस्ताक | कर्ता | कर्म विस्तारक | कर्म | क्रिया विस्तारक | क्रिया | सहायक क्रिया |
उद्देश्य – कर्ता विस्तारक + कर्ता
विधेय – कर्म विस्तारक + कर्म + क्रिया विस्तारक + क्रिया + सहायक क्रिया
बुद्धिमान | राम | इंटरनेट से | धार्मिक | पुस्तक | ज्यादा | पढता | है |
कर्ता विस्तारक | कर्ता | करण (पूरक) | कर्म विस्तारक | कर्म | क्रिया विस्तारक | क्रिया | सहायक क्रिया |
उद्देश्य – बुद्धिमान राम
विधेय – इंटरनेट से धार्मिक पुस्तक ज्यादा पढता है
NOTE 1 – यदि वाक्य में कर्ता एक से अधिक हो तथा उनके द्वारा की गई क्रिया समान हो तो समस्त कर्ता एक ही उद्देश्य माने जाते है तो वाक्य साधारण वाक्य कहलाते है जैसे
- राम व मोहन पुस्तक पढ़ते है
एक उद्देश्य – राम व मोहन
एक विधेय – पुस्तक पढ़ते है (समान क्रिया)
NOTE 2 – यदि वाक्य में कर्ता एक हो तथा क्रियाएं एक से अधिक हो तो सभी क्रियाएं एक ही विधेय मानी जाती है अतः वाक्य साधारण ही होगा जैसे
- राम पढता व लिखता है
उद्देश्य – राम
विधेय – पढता व लिखता है (अधिक क्रियाएं)
- मोहन पढता, लिखता व खेलता है
एक कर्ता – मोहन (एक उद्देश्य)
अनेक क्रियाए – पढता, लिखता व खेलता है (एक विधेय)
NOTE 3 – यदि वाक्य में कर्ता भी एक से अधिक हो तथा क्रियाएं भी एक से अधिक हो लेकिन प्रत्येक कर्ता द्वारा प्रत्येक क्रियाएं की जाती है तो समस्त कर्ता एक उद्देश्य व समस्त क्रियाएं एक विधेय मानी जायेगी अर्थात वाक्य साधारण होगा जैसे
- मोहन, राम व श्याम पढ़ते व लिखते है
- कुत्ता व बिल्ली झाड़ियों में बैठे बैठे चूहे की प्रतीक्षा कर रहे है
2 सयुंक्त वाक्य
- वह वाक्य जिसमे एक से अधिक साधारण व स्वतंत्र उपवाक्य हो तो वह सयुंक्त वाक्य कहलाता है
- ये उपवाक्य किंतु, लेकिन, व, और, अथवा, एवं, वरन्, बल्कि, या, अथवा, अपितु आदि योजक चिन्हों द्वारा आपस मे जुड़े रहते है
जैसे
- राधा खाना बनाती है, सीता पुस्तक पढती है और मोहिनी गाने सुनती है
- राम पढता है, श्याम सोता है
3 मिश्र / मिश्रित वाक्य
- वह वाक्य जिसमे एक प्रधान उपवाक्य हो शेष अन्य सभी आश्रित उपवाक्य हो मिश्र वाक्य कहलाता है जैसे
- गाँधीजी ने कहा कि सदा सत्य बोलो
प्रधान उपवाक्य – गांधीजी ने कहा
योजक – कि
आश्रित उपवाक्य – सदा सत्य बोलो
प्रधान उपवाक्य
- यह एक प्रकार का साधारण वाक्य होता है
- प्रायः वाक्य के आरम्भ में होता
आश्रित उपवाक्य
- प्रधान उपवाक्य पर आधारित उपवाक्यों को आश्रित कहा जाता है
- इनका प्रारंभ सदैव योजक शब्दो से होता है
- इसके तीन भेद होते है
- संज्ञा आश्रित उपवाक्य
- प्रधान उपवाक्य पर क्या प्रश्न करने से जो उत्तर आता हो
- ट्रिक – कि, क्योंकि
- विशेषण आश्रित उपवाक्य
- प्रधान उपवाक्य पर कौन, किसे, किन्हें प्रश्न करने पर जो उत्तर आता हो
- ट्रिक – जिसका, जिन्हें, जिसे
- क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य
- वैसे- वैसे, जैसे- जैसे, क्योंकि- इसलिए, जिधर- उधर, ज्यो ही त्यों ही, जैसे- वे, जब- तक, जब- तो, जहाँ- वहाँ, यदि- तो
उदाहरण
- जिसकी लाठी उसकी भैंस (विशेषण आश्रित)
आश्रित उपवाक्य – जिसकी लाठी
प्रधान उपवाक्य – उसकी भैंस
- जो पढ़ेगा सो पास होगा (क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य )
आश्रित उपवाक्य – जो पढ़ेगा
प्रधान उपवाक्य – सो पास होगा
NOTE – योजक शब्दो से आरम्भ होने वाले वाक्यो में पहला उपवाक्य – आश्रित एव अंतिम उपवाक्य – प्रधान उपवाक्य होता है
- जैसे जैसे तुम चले वैसे वैसे हम (क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य)
आश्रित उपवाक्य – जैसे जैसे तुम चले
प्रधान उपवाक्य – वैसे वैसे हम
B अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद – 8
- विधानार्थक – विधान
- संदेहार्थक – संशय
- संकेतार्थक – संकेत / शर्त
- आज्ञार्थक – आज्ञा
- प्रश्नार्थक – प्रश्न
- इच्छार्थक – इच्छा / दुआ / श्राप
- निषेधार्थक – निषेध
- विस्मयार्थक – विस्मय
1 विधानार्थक वाक्य
- यदि किसी वाक्य में कार्य का होना पाया जाता है तो वहाँ विधानार्थक वाक्य होता है जैसे
राम पढता है
सीता खाना बनाती है
2 संदेहार्थक वाक्य
- संदेह के भाव का बोध कराने वाले वाक्य संदेहार्थक कहलाते है
- संदेह, संशय या शंका का भाव
3 संकेतार्थक वाक्य
- संकेत या शर्त के भाव का बोध करवाने वाले वाक्य संकेतार्थक कहलाते है जैसे
यदि आप बुलावोगे तो में आऊंगा
यदि पढोंगे तो पास होंगे
4 आज्ञार्थक वाक्य
- आज्ञा या आदेश के भाव का बोध करवाने वाले वाक्य होते है जैसे
दरवाजा बंद कर दो
चुपचाप पढ़ो
5 प्रश्नार्थक वाक्य
- प्रश्न पूछे जाने का बोध करवाने वाले वाक्य जैसे
आप कहाँ रहते हो
क्यों तुम पढ़ते हो
6 इच्छार्थक वाक्य
- मन की इच्छा के भाव का बोध होना जैसे
मुझे लड्डू मिल जाये
मैं पास हो जाऊ
NNOTE – यदि वाक्य में आशीर्वाद, दुआ, श्राप, गाली व बदुआ के भाव का बोध कराने वाले वाक्य भी इच्छार्थक होते है जैसे
खुश रहो (आशीर्वाद)
उसे नरक में भी जगह नही मिले (बदुआ)
7 निषेधार्थक वाक्य
- मना करने के भाव का बोध कराने वाले वाक्य जैसे
सड़क पर मत खेलो
गन्दगी मत फैलाओ
8 विस्मयार्थक वाक्य
- आश्चर्य / विस्मय के भाव का बोध कराने वाले वाक्य होते है जैसे
अरे ! आप कब आये
C क्रिया के आधार पर वाक्य / वाच्य के प्रकार – 03
- कृर्त वाच्य – अकर्मक / सकर्मक / ने
- कर्म वाच्य – सकर्मक
- भाव वाच्य – अकर्मक
1 कृर्त वाच्य
- वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का लिंग व वचन कर्ता के अनुसार प्रभावित हो जैसे
राम चलता है
सीता पत्र लिखती है
- इसमे क्रिया अकर्मक व सकर्मक दोनो में कोई भी हो सकती है
- यदि वाक्य में कर्ता के साथ ‘ने’ विभक्ति का प्रयोग हो तो वहाँ सदैव कृर्तवाच्य होगा जैसे
भारत ने नया उपग्रह छोड़ा
कर्ता + ने होने पर सदैव
- वाच्य – कृर्त
- क्रिया – सकर्मक
- काल – भूतकाल होगा
2 कर्मवाच्य
- वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का लिंग व वचन कर्म के अनुसार परिवर्तित व प्रभावित हो
- इसमे क्रिया सदैव सकर्मक होगी जैसे
हलवाई के द्वारा जलेबी बनाई जाती है
श्याम के द्वारा पत्र लिखा जाता है
3 भाव वाच्य
- वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का लिंग व वचन कर्ता व कर्म दोनो के अनुसार ही परिवर्तन न हो तो वहाँ भाव वाच्य होगा जैसे
मोहन के द्वारा चला जाता है
राम से चला नही जाता है
- भाव वाच्य में सदैव क्रिया – एकवचन व पुल्लिंग में होती
Imp
कृर्त वाच्य | कर्ता विभक्ति रहित(यदि विभक्ति होगी तो केवल ‘ने’) |
कर्म वाच्य | कर्ता + से / के द्वारा विभक्ति + क्रिया सकर्मक |
भाव वाच्य | कर्ता + से / के द्वारा विभक्ति + क्रिया अकर्मक |
यह टॉपिक हमने राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओ को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है