Blogविश्व इतिहास MCQ रूस की क्रांति MCQ Last updated: 2024/04/22 at 7:19 AM rajexaminfo.com Share 0 Min Read SHARE रुस की क्रांति MCQ 1 / 31 रूस में रूबल किस वर्ष स्थिर की गई ? (स्कूल लेक्चर 2006) 1921 1922 1924 1926 ◆ रूस के गृह युद्ध का काल - 1917 से 20 ◆ युद्ध कालीन साम्यवाद (1918-21) 1918 से 1921 के मध्य लेनिन ने रूस के विकास के लिए जो नीति अपनाई उसे युद्धकालीन साम्यवाद कहा गया इस नीति में लेनिन ने सभी उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करना व किसानों से जबरदस्ती अनाज लेने का कार्य किया गया 1918 से 1921 के मध्य लेनिन ने जो नीति अपनाई उसने रूस को बर्बाद कर दिया पत्रकार HG वेल्स ने अंधकार ग्रस्त रूस के नाम से पुस्तक लिखी 1921 के बाद लेनिन ने रूस के विकास के लिए नवीन आर्थिक नीति को अपनाया गया यह नवीन आर्थिक नीति NEP के नाम से जानी गयी जो कि 1928 तक चली और इसके बाद ही रूस में पंचवर्षीय योजनाएं शुरू हुई थी ◆ नवीन आर्थिक नीति / NEP इस नीति में लेनिन ने निम्नलिखित कार्य किये कृषि का पुनः उद्धार कृषि का समूहीकरण कृषि का राष्ट्रीयकरण सीमित मात्रा में निजी उद्योगों का प्रचलन मुद्रा व्यवस्था में सुधार रूस में पुरानी मुद्रा रूबल के साथ साथ चेवोनेल्स नामक नई मुद्रा को जारी किया था रूसी सरकार ने 1924 में अनाज के स्थान पर रूबल की विनिमय दर भी स्थिर कर दी गई थी अनिवार्य श्रम प्रथा को समाप्त कर दिया गया लेनिन की आर्थिक नीति को एक कदम पीछे एव दो कदम आगे चलना भी कहा जाता है जिसका अर्थ है - समाजवाद को लाने के लिए कुछ मात्रा में पूंजीवाद को अपनाया जा सकता है लास्की ने रूस की क्रांति को ईसा मसीह के जन्म के बाद कि सबसे बड़ी घटना बताया है HG वेल्स ने इस क्रांति को इस्लाम के उदय के बाद कि सबसे बड़ी घटना बताया है 2 / 31 लेनिन ने अपने विरोधियों को दण्ड देने के लिए विशेष न्यायालय स्थापित किये उन्हें कहते है ? (DSSSB ) चेका कोमिसर्स S.A. मार्क वोल्शेविक इस दल की स्थापना जुलाई 1903 में हुई थी वोल्शेविक का रूसी भाषा मे अर्थ - बहुमत मैनशेविक इसका रूसी भाषा मे अर्थ - अल्पमत इनके द्वारा ही फरवरी मार्च की क्रांति की गई थी इस दल ने रूस में भूमि का विभाजन समाज के प्रत्येक वर्ग में नही किया और रूस को प्रथम विश्वयुद्ध से अलग नही किया। इसलिए मैनशेविक का पतन हो गया श्वेत सरकार मित्र राज्यो के द्वारा अपनी सेनाएं भेजकर रूस में बोल्शेविको के खिलाफ विद्रोह कराया और इन विद्रोहियों के द्वारा जो सरकार स्थापित की गई उसे श्वेत सरकार कहा गया कमांडर क्षेत्र डेनिकीन दक्षिणी रूस जरनल रेंगल दक्षिणी युक्रेन क्रिमिया युडेनिच रूस की उत्तर पश्चिम कोलचक साइबेरिया (सर्व रूसी सरकार) लाल सेना वोल्शेविको ने विदेशी सेनाओं का सामना करने के लिए लाल सेना का गठन किया गया (गठन - ट्राटस्की ने किया था ) जुलाई 1918 में लाल सेना के द्वारा जार व जरीना की हत्या कर दी गयी ◆ चेका लेनिन ने अपने विरोधियों का दमन करने के लिए जो विशेष न्यायालय स्थापित किये उन्हें चेका कहा गया 3 / 31 प्रथम विश्वयुद्ध के अंत मे यह कौनसी संधि थी जिसके अंतर्गत जर्मनी तथा रूस के मध्य हुए युद्ध से विलय हुआ ? (स्कूल लेक्चर 2006) जर्मनी से संधि बुल्गारिया से संधि वर्साय की सन्धि ब्रेस्टलिटोवस्क की सन्धि मार्च 1918 में रूस ने धुरी राष्ट्रो (जर्मनी) के साथ ब्रेस्टलिटोवस्क की संधि करी जिसके द्वारा रूस प्रथम विश्वयुद्ध से अलग हो गया हेजन ने इस संधि के बारे में लिखा कि “ऐसा कोई और उदाहरण नही है जब किसी देश ने कलम के एक प्रहार से अपने देश का इतना बड़ा भाग समर्पित कर दिया” इस संधि मे लेनिन ने यूक्रेन के क्षेत्र को खाली करने का वचन दिया एव यह भी कहा था कि वह यूरोप में समाजवाद का प्रचार नही करेगा इस संधि पर लेनिन की ओर से उसके विदेशी मंत्री ट्राटस्की ने हस्ताक्षर किए थे नवम्बर क्रांति के बाद भी रूस में शांति स्थापित नही हुई लेनिन ने अपने विरोधियों का शक्ति के बल पर दमन किया। लेनिन के आंतक को लाल आंतक एव उसके विरोधियों के आंतक को श्वेत आंतक कहा गया स्टालिन मूल नाम - जुगश्विली था लेनिन ने इन्हें स्टालिन नाम दिया था जिसका अर्थ - लौहे पुरुष स्टालिन अंकल जो के नाम से भी प्रसिद्ध थे रूस में सामुहिक खेती की शुरुआत स्टालिन ने की ओर रूस में पंचवर्षीय योजना इनके द्वारा लागू की गई (1928 से) चित्स्का योजना यह एक शुद्धिकरण योजना थी जो कि स्टालिन के द्वारा विरोधी उद्योगपति व श्रमिकों के खिलाफ चलाई गई थी। इस योजना के तहत विरोधियों का दमन करने के 16 का मुकदमा, 17 का मुकदमा व 21 का मुकदमा चलाया गया था 4 / 31 लेनिन ने सत्ता प्राप्त करने के बाद जो मंत्रिमंडल बनाया उसे कहते है ? (DSSSB 2017) कौंसल कोमिसर्स S.A. चेका लेनिन व रूस की अस्थायी सरकार के मध्य कई बातों को लेकर विवाद था जून 1917 में लेनिन ने अस्थायी सरकार के विरोध के बावजूद मास्को मे अखिल रूसी सोवियत कांग्रेस का सम्मेलन बुलाया इस सम्मेलन में 300 सदस्यों की अखिल रूसी सोवियत कार्यकारिणी का गठन किया गया किंतु वास्तव शक्ति 20 सदस्यों के प्रेसीडियम को सौंपी गई प्रेसीडियम मे एक भी बोल्वेशिक नेता को शामिल नही किया गया नवम्बर 1917 की क्रांति के समय लेनिन फिनलैंड मे था 6 व 7 नवम्बर की रात्रि को बोल्वेशिको ने केरेन्सी के नेतृत्व वाली अस्थायी सरकार को बन्दी बना लिया एव रूस की सत्ता पर अधिकार कर लिया लेनिन के लिए गैरिसन शब्द काम मे लिया गया कोमिसर्स लेनिन ने सत्ता प्राप्ति के बाद अपना मंत्रिमंडल बनाया। लेनिन के मंत्रियों को कोमिसर्स कहा गया 5 / 31 प्रथम विश्वयुद्ध के समय दी डिक्टेटरशिप ऑफ प्रोलेटरेट की स्थापना कहा हुई थी ? (स्कूल लेक्चर 2009) ब्रिटेन रूस इटली फ्रांस समाजवाद वह विचारधारा है जो कहती है कि सत्ता पर मजदूर वर्ग का नियंत्रण होना चाहिए या सत्ता सर्वहारा वर्ग के नियंत्रण में होनी चाहिए रूस मे सर्वहारा वर्ग को प्रोलेतारी कहा गया रूस का समाज 03 भागो में बंटा हुआ था मध्यम कुलीन सर्वहारा वर्ग समाज मे सर्वहारा वर्ग की स्थिति दयनीय थी ड्यूमा - यह रूस की प्रतिनिधि संस्था थी इसके सदस्यों का निर्वाचन जनता के द्वारा किया जाता था यह एक सलाहकारी संस्था थी जो कानूनों को अंतिम रूप प्रदान करती थी इसके आधार पर जार का नियंत्रण रखा जाता था। जार ने ड्यूमा की शक्ति पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए साम्राज्य परिषद नामक द्वितीय सदन का गठन किया जिसके सदस्य जार के द्वारा नियुक्त किये जाते थे निकोलस द्वितीय के काल मे रूसी जनता ने जार के इस कदम का विरोध किया था रूस की क्रांति ने ना केवल राजा के निरंकुश शासन को समाप्त किया बल्कि राजनीतिज्ञ, आर्थिक व व्यवसायिक क्षेत्र में पूंजीपतियों, जमीदारों व कुलीनों के विशेषाधिकारो को समाप्त किया एव सर्वहारा वर्ग की तानाशाही को स्थापित किया 6 / 31 अप्रैल थीसिस का संबंध है ? (MP SET 2015) गैरीबाल्डी मेजिनी कावूर लेनिन मार्च 1917 की क्रांति के समय लेनिन स्विट्जरलैंड मे था वह् बर्न के रास्ते से रूस में पहुंचा था अप्रेल 1917 में लेनिन रूस लौट आया लेनिन की पुस्तकें रूस में पूंजीवाद का विकास इसे लेनिन की प्रथम पुस्तक माना जाता है अप्रैल थिसिस लेनिन ने अप्रैल 1917 में अपनी थिसिस जारी करी जिसमें कहा गया कि सत्ता में आने के बाद बोल्वेशिक किस तरह रूस का विकास करेंगे इस थीसिस को पेत्रोग्राद सम्मेलन में 27 अप्रैल 1917 को अनुमोदन किया गया इसके मुख्य प्रावधान सोवियत गणराज्य की स्थापना करना पूंजीवाद व युद्ध की समाप्ति भूमि का राष्ट्रीयकरण उधोगों पर कामगारों के नियंत्रण बैंको का राष्ट्रीयकरण पुलिस एव सेना की समाप्ति क्या करे लेनिन ने इस पुस्तक में राष्ट्र के विकास की बात कही इस पुस्तक का अन्य नाम - ‘हमे क्या करना चाइये’ भी मिलता है राज्य व क्रांति साम्राज्यवाद 7 / 31 ड्यूमा क्या है ? फिलीपीन्स की विधानसभा रूस साम्राज्य की विधानसभा चीन साम्राज्य की विधानसभा जर्मन साम्राज्य की विधानसभा ड्यूमा - यह रूस की प्रतिनिधि संस्था थी इसके सदस्यों का निर्वाचन जनता के द्वारा किया जाता था यह एक सलाहकारी संस्था थी जो कानूनों को अंतिम रूप प्रदान करती थी इसके आधार पर जार का नियंत्रण रखा जाता था। जार ने ड्यूमा की शक्ति पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए साम्राज्य परिषद नामक द्वितीय सदन का गठन किया जिसके सदस्य जार के द्वारा नियुक्त किये जाते थे निकोलस द्वितीय के काल मे रूसी जनता ने जार के इस कदम का विरोध किया था 8 / 31 चिंगारी किसका समाचार पत्र था ? (DSSSB ) निकोलस द्वितीय लेनिन स्टालिन रूसो 1900 मे लेनिन ने जर्मनी के म्यूनिख से प्रथम समाचार पत्र - इस्क्रा (चिंगारी) प्रकाशित किया 1912 मे लेनिन का प्रथम दैनिक समाचार पत्र प्रावदा - पेरिस से प्रकाशित हुआ ★ अन्य समाचार पत्र प्रोलेतारी - लेनिन ने स्टालिन के साथ मिलकर यह समाचार पत्र प्रकाशित किया था रोबोचाया गजेता प्रोशविशचेनिय नोवाया जीन्स - यह रूस में लेनिन का प्रमुख समाचार पत्र था नाशपुत - इसका अर्थ - हमारा पथ ज्वेजदा मीसल बेदनोत - नवम्बर 1917 की क्रांति के बाद लेनिन ने इस समाचार पत्र का प्रकाशन किया मार्च 1917 की क्रांति के समय लेनिन स्विट्जरलैंड मे था वह् बर्न के रास्ते से रूस में पहुंचा था अप्रेल 1917 में लेनिन रूस लौट आया लेनिन की पुस्तकें रूस में पूंजीवाद का विकास इसे लेनिन की प्रथम पुस्तक माना जाता है अप्रैल थिसिस लेनिन ने अप्रैल 1917 में अपनी थिसिस जारी करी जिसमें कहा गया कि सत्ता में आने के बाद बोल्वेशिक किस तरह रूस का विकास करेंगे इस थीसिस को पेत्रोग्राद सम्मेलन में 27 अप्रैल 1917 को अनुमोदन किया गया इसके मुख्य प्रावधान सोवियत गणराज्य की स्थापना करना पूंजीवाद व युद्ध की समाप्ति भूमि का राष्ट्रीयकरण उधोगों पर कामगारों के नियंत्रण बैंको का राष्ट्रीयकरण पुलिस एव सेना की समाप्ति क्या करे लेनिन ने इस पुस्तक में राष्ट्र के विकास की बात कही इस पुस्तक का अन्य नाम - ‘हमे क्या करना चाइये’ भी मिलता है राज्य व क्रांति साम्राज्यवाद 9 / 31 22 जनवरी 1905 को रूस के इतिहास में जाना जाता है ? (स्कूल लेक्चर 2009) खूनी मंगलवार खुशी के घण्टे खूनी रविवार श्वेत पत्र दिवस 1905 की रूस की क्रांति ◆ तत्कालीक कारण - रूस जापान युद्ध 1904-05 का रूस जापान युद्ध 1905 की रूसी क्रांति का तात्कालिक कारण था इस युद्ध मे जापान जैसे छोटे से देश ने रूस को पराजित कर दिया था तथा 5 सितंबर 1905 को रूस को जापान के साथ पोर्ट्स माउथ की अपमानजनक संधि करनी पड़ी इस पराजय से दुखी होकर रूस की जनता शासन में सुधार करने के लिए राजा को ज्ञापन देना चाहती थी ◆ खूनी रविवार की घटना - 22 जनवरी 1905 इस दिन रूस की जनता सेंट पीटर्स बर्ग मे पादरी गैपन के नेतृत्व में राजा को ज्ञापन देने जा रही थी किंतु राजा ने दुफोफस नामक सैनिक अधिकारी की सहायता से जनता पर गोलियां चलवा दी थी खूनी रविवार की घटना के बाद रूस में जगह जगह विद्रोह प्रारंभ हो गए एव सोवियतों (परिषदों) का गठन प्रारंभ हो गए। सर्वप्रथम इवानेवो बोजनेस्क कपड़ा मिल के मजदूरों ने अपनी सोवियत का गठन किया। लगातार स्थिति को बिगड़ता हुआ देखकर राजा ने अकटुम्बर 1905 मे जनता की प्रतिनिधि सभा ड्यूमा के निर्वाचन की घोषणा कर दी इससे जनता शांत हो गयी कालान्तर मे राजा ने पुनः ड्यूमा को कुचलने का प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप 1917 की क्रांति हुई 10 / 31 लेनिन का जन्म कहा हुआ ? (MP SET 2010) सिम्बिसर्क अजासियो पेत्रोग्राद इवानेवो बोजनेसक अकटुम्बर नवम्बर की क्रांति 6 से 7 नवम्बर की रात्रि को लेनिन की बोल्वेशिक पार्टी ने अस्थायी सरकार को बन्दी बनाकर रूस की सत्ता पर अधिकार कर लिया लेनिन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ बोल्शेविकों के द्वारा पोलित ब्यूरो नामक अधिकारी की नियुक्ति की गई ट्राटस्की, स्टालिन इस नयी सरकार के सदस्य बने। बोल्शेविकों ने पेत्रोगार्ड पर अधिकार कर लिया और बिना रक्तपात के ही सत्ता बोल्शेविकों के पास आ गयी थी लेनिन के नेतृत्व में जो मंत्रिमंडल बना उसे पिपुल्स कोमिसोर्स के नाम से जाना गया लेनिन (1870- 1924) हेजन के अनुसार जूलियस सीजर के समय से इतिहास का वह (लेनिन) सबसे प्रभावशाली व्यक्ति था डैरी व जर्मेन ने लिखा कि युद्ध ने अवसर दिया एव भाग्य ने लेनिन जैसे व्यक्ति को जन्म दिया उसकी बुद्धिमत्ता एव कुशलता ने अवसर को परखकर परिस्थिति में बदल दिया जन्म स्थान - रूस में वोल्गा नदी के समीप सिम्बिस्रक स्थान पर पुरा नाम - ब्लादिमीर इलिया उलियानोफ लेनिन पिता - इलिया उलियानोफ माता - अलेक्सांद्रवना ब्लांक पत्नी - नदेज्दा क्रुप्सकाया लेनिन ने कानून की शिक्षा समारा व सेंट पीटर्सबर्ग से प्राप्त करी थी लेनिन को उसकी विद्रोही प्रवृत्ति के कारण उसे कई बार रूस से निर्वासित होना पड़ा लेनिन ने अपना अधिकांश समय रूस से बाहर स्विट्जरलैंड मे व्यतीत किया था 1897 से 1900 के मध्य लेनिन को साइबेरिया मे निर्वासित किया गया चर्निशेवस्की के उपन्यास का नाम - ‘क्या करना है’ का लेनिन के जीवन पर अत्यधिक प्रभाव था 11 / 31 ‘टेन डेज दैट शुक द वर्ल्ड’ रूसी क्रान्ति का आंखों देखा विवरण है ? (स्कूल लेक्चर 2013) EH कार लिओन ट्राटस्की जॉन रीड मार्क फेरो लेखक पुस्तक मैक्सिम गोर्की माँ (मदर) ऑड्रे जिद सोवियत भूमि से वापसी टॉलस्टॉय वॉर एंड पीस जॉन रीड दस दिन जिन्होंने दुनिया को हला दिया (टेन डेज दैट शुक द वर्ल् 12 / 31 1917 की रूसी क्रान्ति का तात्कालिक कारण क्या था ? (DSSSB 2008) मजदूर वर्ग में असंतोष गैर रूसियो पर अत्याचार भुखमरी की समस्या ड्यूमा को कुचलने का प्रयास ड्यूमा को कुचलने का प्रयास 1905 की क्रांति के बाद रूस में ड्यूमा के निर्वाचन हुए किंतु कालान्तर मे निकोलस द्वितीय ने ड्यूमा को कुचलने के लिए उसके विरोध में अपने व्यक्तियों का साम्रज्य परिषद नामक संगठन बनाया 10 तात्कालिक कारण - प्रथम विश्वयुद्ध एव भुखमरी की समस्या प्रथम विश्वयुद्ध में रूस मित्र राष्ट्रो के पक्ष में शामिल हुआ था प्रारंभ में रूस को काफी सफलतायें मिली किंतु ज्यूँ ज्यूँ युद्ध आगे बढ़ता गया एक तरफ रूस के सैनिक सीमाओं पर मर रहे थे एव दूसरी तरफ देश मे भुखमरी फैल गयी 07 मार्च 1917 को पेत्रोगार्ड (सेंट पीटर्सबर्ग या लेनिनगार्द) के कारखानों के मजदूरों ने हड़ताल कर दी एव लगातार स्थिति बिगड़ती गयी यहाँ मजदूरों ने नारा दिया - “हमे युद्ध नही रोटी चाहिए’ 08 मार्च को महिलाओं ने भी हड़ताल प्रारंभ कर दी 14 मार्च को निकोलस द्वितीय ने सिहांसन त्याग दिया एव प्रिंस ल्वोब के नेतृत्व में अस्थायी सरकार का गठन हो गया इस सरकार ने मृत्यु दंड समाप्त करने व वयस्क मताधिकार दिए जाने की घोषणा की थी रूस की जनता ने शलसबर्ग के दुर्ग पर अधिकार कर लिया इस शलसबर्ग के किले को रूस का बास्तिल कहा जाता है 13 / 31 1917 में लेनिन में सत्ता हाथ मे ली और अपना भावी कार्यक्रम घोसित किया। निम्नलिखित में से कौनसा कथन इस कार्यक्रम के बारे में सही नही है ? (स्कूल लेक्चर 2020) बैंको का राष्ट्रीयकरण बिना किसी क्षतिपूर्ति के समस्त निजी भूमि का राष्ट्रीयकरण ओर अधिक तीव्रता से युद्ध पूंजीपतियों को राज्य अधिकारों से वंचित किया जाएगा अप्रैल थिसिस लेनिन ने अप्रैल 1917 में अपनी थिसिस जारी करी जिसमें कहा गया कि सत्ता में आने के बाद बोल्वेशिक किस तरह रूस का विकास करेंगे इस थीसिस को पेत्रोग्राद सम्मेलन में 27 अप्रैल 1917 को अनुमोदन किया गया इसके मुख्य प्रावधान सोवियत गणराज्य की स्थापना करना पूंजीवाद व युद्ध की समाप्ति भूमि का राष्ट्रीयकरण उधोगों पर कामगारों के नियंत्रण बैंको का राष्ट्रीयकरण पुलिस एव सेना की समाप्ति 14 / 31 रूस में निहलिज्म आंदोलन का संबंध है ? लेनिन का विरोध करना पुरानी व्यवस्था का अंत कुलको के विरुद्ध आंदोलन ड्यूमा को कुचलना कोप्टिकिन के द्वारा शून्यवाद का प्रचार किया गया। यह शून्यवाद आंदोलन निहलिस्ट के नाम से भी जाना गया जिसका तात्पर्य है समस्त प्रचलित व्यवस्थाओं को समाप्त करके पुनः प्राकृतिक स्थिति में जाने का प्रयास किया जाना चाहिए (प्रकृति की ओर लौटो) 15 / 31 निम्नलिखित में से कोनसा लेनिन की प्रसिद्ध अप्रैल थीसिस का एक भाग नही था ? (स्कूल लेक्चर 2020) युद्ध का अंत बैंको का राष्ट्रीयकरण भूमि का किसानों को हस्तांतरण जार को गलत कामो की सजा देना लेनिन की पुस्तकें रूस में पूंजीवाद का विकास इसे लेनिन की प्रथम पुस्तक माना जाता है अप्रैल थिसिस लेनिन ने अप्रैल 1917 में अपनी थिसिस जारी करी जिसमें कहा गया कि सत्ता में आने के बाद बोल्वेशिक किस तरह रूस का विकास करेंगे इस थीसिस को पेत्रोग्राद सम्मेलन में 27 अप्रैल 1917 को अनुमोदन किया गया इसके मुख्य प्रावधान सोवियत गणराज्य की स्थापना करना पूंजीवाद व युद्ध की समाप्ति भूमि का राष्ट्रीयकरण उधोगों पर कामगारों के नियंत्रण बैंको का राष्ट्रीयकरण पुलिस एव सेना की समाप्ति क्या करे लेनिन ने इस पुस्तक में राष्ट्र के विकास की बात कही इस पुस्तक का अन्य नाम - ‘हमे क्या करना चाइये’ भी मिलता है राज्य व क्रांति साम्राज्यवाद 16 / 31 निम्नलिखित में से मैक्सिम गोर्की की पुस्तक का नाम है ? (MP SET 2012) प्रावदा कोमिसर्स मदर वॉर एंड पीस 5 मजदूर वर्ग में अंसतोष राजा अलेक्जेंडर तृतीय व निकोलस द्वितीय के समय रूस में औधोगिक विकास हुआ एव मजदूर वर्ग उत्पन्न हुआ एव इसी वर्ग के असन्तोष को लेनिन ने अपनी ताकत बनाया 6 गैर रूसियो पर अत्याचार रूस के आर्मीनिया व फिनलैंड के क्षेत्रों में रहने वाले गैर रूसियो पर अत्याचार किये गए 7 बौद्धिक चेतना का विकास रूस में टॉलस्टॉय, तुर्गनेव, दोस्तोवस्की एव मैक्सिम गोर्की जैसे बुद्धिजीवी हुए जिन्होंने रूस की जनता को जाग्रत किया गोर्की लेनिन का मित्र था गोर्की ने मां नामक पुस्तक की रचना की थी तुर्गनेव के द्वारा फादर एन्ड संस् नामक पुस्तक की रचना की गई थी रूस में इस समय शून्यवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही थी कोप्टिकिन के द्वारा शून्यवाद का प्रचार किया गया। यह शून्यवाद आंदोलन निहलिस्ट के नाम से भी जाना गया जिसका तात्पर्य है समस्त प्रचलित व्यवस्थाओं को समाप्त करके पुनः प्राकृतिक स्थिति में जाने का प्रयास किया जाना चाहिए (प्रकृति की ओर लौटो) लेखक पुस्तक मैक्सिम गोर्की माँ (मदर) ऑड्रे जिद सोवियत भूमि से वापसी टॉलस्टॉय वॉर एंड पीस जॉन रीड दस दिन जिन्होंने दुनिया को हला दिया (टेन डेज दैट शुक द वर्ल् 17 / 31 रूस में नवीन आर्थिक नीति किसके द्वारा लागू की गई ? (कॉलेज लेक्चर 2021) करेन्सकी स्टालिन लेनिन ट्राटस्की ◆ नवीन आर्थिक नीति / NEP इस नीति में लेनिन ने निम्नलिखित कार्य किये कृषि का पुनः उद्धार कृषि का समूहीकरण कृषि का राष्ट्रीयकरण सीमित मात्रा में निजी उद्योगों का प्रचलन मुद्रा व्यवस्था में सुधार रूस में पुरानी मुद्रा रूबल के साथ साथ चेवोनेल्स नामक नई मुद्रा को जारी किया था रूसी सरकार ने 1924 में अनाज के स्थान पर रूबल की विनिमय दर भी स्थिर कर दी गई थी अनिवार्य श्रम प्रथा को समाप्त कर दिया गया लेनिन की आर्थिक नीति को एक कदम पीछे एव दो कदम आगे चलना भी कहा जाता है जिसका अर्थ है - समाजवाद को लाने के लिए कुछ मात्रा में पूंजीवाद को अपनाया जा सकता है लास्की ने रूस की क्रांति को ईसा मसीह के जन्म के बाद कि सबसे बड़ी घटना बताया है HG वेल्स ने इस क्रांति को इस्लाम के उदय के बाद कि सबसे बड़ी घटना बताया है 18 / 31 रूस में मीर प्रथा का संबंध है ? (DSSSB 2018) पुरानी व्यवस्था का अंत भूमि का स्वामी समाज को माना जाता कर संग्रह करने की प्रणाली लेनिन का न्यायालय 2 सामाजिक विषमता फ्रांस की तरह रूस का भी समाज अधिकार युक्त व अधिकार विहीन वर्ग में बंटा था रूस के अधिकांश लोग स्लाव जाति के थे 3 भ्रष्ट नोकरशाही फिशर के अनुसार रूस के राजा के चारो ओर जो नौकरशाही थी वो पूरी तरह भ्रष्ट थी NOTE - कल्हण लिखता है कि जैसे केंकड़ा अपने पिता को खा जाता है दीमक अपनी माता (लकड़ी) को चाट जाता है उसी तरह यदि नौकरशाही भ्रष्ट हुई तो पूरे देश को खा जाएगी 4 कृषकों मे असंतोष 1861 मे अलेक्जेंडर द्वितीय ने रूस में कृषक दासता समाप्त कर दी थी इसलिए अलेक्जेंडर द्वितीय को मुक्ति दाता के नाम से जाना गया राजा निकोलस द्वितीय ने अपने प्रधानमंत्री स्टोलिपिन की सहायता से रूस में मीर प्रथा को समाप्त किया एव किसानों को जमीन का व्यक्तिगत स्वामी बनाया ◆ मीर प्रथा रूस के गांवो मे जमीन किसानों की व्यक्तिगत संपत्ति नही थी बल्कि सम्पूर्ण ग्रामीण समाज की मानी जाती थी कोई किसान जमीन को बेच नही सकता था ◆ कुलक रूस में बड़े जमीदारों को कुलक कहा गया। मीर प्रथा समाप्त होने के बाद जब किसान जमीनों के व्यक्तिगत स्वामी बने तो कई किसानों की जमीनों को कुलको ने खरीद ली 19 / 31 रूसी क्रान्ति का नेतृत्व किसने किया ? (कॉलेज लेक्चर 2016) डोरियन्स मेंशविको बोल्शेविकों लोकतन्त्रवादियो लेनिन व रूस की अस्थायी सरकार के मध्य कई बातों को लेकर विवाद था जून 1917 में लेनिन ने अस्थायी सरकार के विरोध के बावजूद मास्को मे अखिल रूसी सोवियत कांग्रेस का सम्मेलन बुलाया इस सम्मेलन में 300 सदस्यों की अखिल रूसी सोवियत कार्यकारिणी का गठन किया गया किंतु वास्तव शक्ति 20 सदस्यों के प्रेसीडियम को सौंपी गई प्रेसीडियम मे एक भी बोल्वेशिक नेता को शामिल नही किया गया नवम्बर 1917 की क्रांति के समय लेनिन फिनलैंड मे था 6 व 7 नवम्बर की रात्रि को बोल्वेशिको ने केरेन्सी के नेतृत्व वाली अस्थायी सरकार को बन्दी बना लिया एव रूस की सत्ता पर अधिकार कर लिया लेनिन के लिए गैरिसन शब्द काम मे लिया गया 20 / 31 रूस की क्रांति में मैन ऑफ द गॉड से कोन था ? (MPSET 2011) अलेक्सान्दर फेदरोवना निकोलस द्वितीय रासपुतिंन प्रिंस युसोपाव अलेक्जेंडर तृतीय इसके समय रूस में एक जार, एक रूस एव एक चर्च की नीति अपनाई गई जिसका विरोध रूस में रहने वाली जातियों (यहूदी, ततार, उजबेग, पोल, कजान, फिन) के द्वारा किया गया NOTE - रूस की क्रांति की तारीखें दो कैलेंडर के अनुसार मिलती है (जूलियन कैलेंडर व ग्रेगेरियन कैलेंडर) रूस में क्रांति के बाद ग्रेगेरियन कैलेंडर लागू किया गया था इन दिनों कैलेण्डरों मे 13 दिन का अंतर है पुराने कैलेंडर के अनुसार वोल्शेविक क्रांति 25 अकटुम्बर 1917 को हुई थी जबकि नए कैलेंडर के अनुसार रूस में क्रांति 7 नवम्बर 1917 को हुई थी इसलिए रूसी क्रांति को अकटुम्बर नवम्बर 1917 की क्रांति कहा जाता है ◆ निकोलस द्वितीय यह अपनी रानी अलेकसांन्द्रा फेदरोवना (एलिस इम्प्रेस) के प्रभाव में था रानी जो रासपुटिन (ग्रेगरी एफिमोविच नोविख) के प्रभाव में थी 1916 मे प्रिंस यूसोपोव ने रासपुटिन की हत्या कर दी थी निकोलस द्वितीय रासपुटिन को मैन ऑफ द गॉड कहता था निकोलस द्वितीय ने पोबिदोनॉस्टेव व प्लेहवे जैसे सलाहकारों के परामर्शों पर निरंकुशता की नीति अपनाई थी 21 / 31 रूस में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का विघटन कब हुआ ? (कॉलेज लेक्चर 2016) 1883 1893 1898 1903 रूस में राजनैतिक चेतना का विकास कार्ल मार्क्स के विचारों को रूस में प्लेखानोव ने फैलाया था 1893 मे रूस में रशियन सोसियल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन हुआ इसका गठन प्लेखानोव ने किया था 1898 मे यही पार्टी रशियन सोसियल डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी बन गयी 1903 मे इस पार्टी का लन्दन मे विघटन हो गया जिससे बोल्वेशिक (नेता लेनिन) व मैनशेविक (नेता मार्तोब) दल बन गए रूस में कैडेट दल (कॉन्स्टिट्यूशन डेमोक्रेटिक पार्टी ) का नेता ल्वाव था एव अक्टूब्ररिस्ट दल का नेता - गुशकोव था रूस में 1860 के बाद हर्जेन व चर्नेवस्की के समर्थक नारोदनिक या पॉपुलिस्ट कहलाये ये लोग हिंसापूर्ण तरीके से समाजवाद लाना चाहते थे ZEMSTOW - रूस में स्थानीय स्वशासन की संस्थाएं थी जो जेमस्टोव के नाम से जानी जाती थी लेनिन के भाई अलेक्सांद्र जो नरोदन्या वोल्वा संगठन का सदस्य था इसने राजा अलेक्जेंडर तृतीय की हत्या का प्रयास किया था जिसके आरोप में इसे 1887 मे फांसी दे दी गयी रूस में निहलिज्म (शून्यवाद) आंदोलन भी चला जिसका उद्देश्य था पुरानी व्यवस्था को समाप्त करके नवीन व्यवस्था बनाना था 22 / 31 रूस के राजा का वंश था ? (DSSSB 2018) बुर्बो होहैंजोजर्न हेपसबर्ग रोमोनोव 1917 की रूसी क्रांति कारण 1 जारशाही की निरंकुशता रूस के जार या राजा रोमोनोव वंश के थे रूस में भी फ्रांस की तरह वंशानुगत निरंकुश राजतंत्र था यहाँ पर भी राजत्व का दैव्य सिद्धांत प्रचलित था जार स्वय को किसी के प्रति उत्तरदायी नही समझता था। जार ईवान चतुर्थ के सिद्धांतों का पालन करते थे। ईवान चतुर्थ का कहना था कि जार रूस का एकाधिपति है पीटर महान ने जार के लिए कहा था जार दुनिया मे किसी के प्रति उत्तरदायी नही है जार अलेक्जेंडर प्रथम ने उदारवादी नीतियां अपनायी थी अलेक्जेंडर द्वितीय ने भी कुछ उदारवादी नीतियां अपनायी परन्तु सामन्तो के विरोध के कारण अपनी नीतियों में परिवर्तन कर दिया। जार निकोलस द्वितीय ने स्टालिपिन की सहायता से पुनः निरंकुश शासन स्थापित किया था अलेक्जेंडर प्रथम (1801-1825) निकोलस प्रथम (1825-1858) अलेक्जेंडर द्वितीय (1858- 1881) अलेक्जेंडर तृतीय (1881- 1894) निकोलस द्वितीय (1894- 1917) 23 / 31 निम्नलिखित में से कौनसा युग्म (श्वेत सेना के कमांडर - कमांडिंग क्षेत्र) सुमेलित नही है ? (कॉलेज लेक्चर 2016) कोलचक - साइबेरिया डेनकीन - दक्षिणी रूस युडेनिक - उतर पश्चिम रूस केलडीन - पश्चिम रूस श्वेत सरकार मित्र राज्यो के द्वारा अपनी सेनाएं भेजकर रूस में बोल्शेविको के खिलाफ विद्रोह कराया और इन विद्रोहियों के द्वारा जो सरकार स्थापित की गई उसे श्वेत सरकार कहा गया कमांडर क्षेत्र डेनिकीन दक्षिणी रूस जरनल रेंगल दक्षिणी युक्रेन क्रिमिया युडेनिच रूस की उत्तर पश्चिम कोलचक साइबेरिया (सर्व रूसी सरकार) लाल सेना वोल्शेविको ने विदेशी सेनाओं का सामना करने के लिए लाल सेना का गठन किया गया (गठन - ट्राटस्की ने किया था ) जुलाई 1918 में लाल सेना के द्वारा जार व जरीना की हत्या कर दी गयी ◆ चेका लेनिन ने अपने विरोधियों का दमन करने के लिए जो विशेष न्यायालय स्थापित किये उन्हें चेका कहा गया 24 / 31 खूनी रविवार की घटना हुई थी ? (MP SET 2015) अक्टूबर 1905 जनवरी 1905 नवम्बर 1917 अप्रैल 1917 ◆ खूनी रविवार की घटना - 22 जनवरी 1905 इस दिन रूस की जनता सेंट पीटर्स बर्ग मे पादरी गैपन के नेतृत्व में राजा को ज्ञापन देने जा रही थी किंतु राजा ने दुफोफस नामक सैनिक अधिकारी की सहायता से जनता पर गोलियां चलवा दी थी खूनी रविवार की घटना के बाद रूस में जगह जगह विद्रोह प्रारंभ हो गए एव सोवियतों (परिषदों) का गठन प्रारंभ हो गए। सर्वप्रथम इवानेवो बोजनेस्क कपड़ा मिल के मजदूरों ने अपनी सोवियत का गठन किया। लगातार स्थिति को बिगड़ता हुआ देखकर राजा ने अकटुम्बर 1905 मे जनता की प्रतिनिधि सभा ड्यूमा के निर्वाचन की घोषणा कर दी इससे जनता शांत हो गयी कालान्तर मे राजा ने पुनः ड्यूमा को कुचलने का प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप 1917 की क्रांति हुई 25 / 31 निम्नलिखित में से कोनसा स्थान प्रावधान रूस के युद्ध साम्यवाद का हिस्सा था ? (कॉलेज लेक्चर 2016) मुक्त व्यापार पंचवर्षीय योजना किसानों के अधिशेष खाद्यान का बलात अधिग्रहण सामुदायिक कृषि ◆ रूस के गृह युद्ध का काल - 1917 से 20 ◆ युद्ध कालीन साम्यवाद (1918-21) 1918 से 1921 के मध्य लेनिन ने रूस के विकास के लिए जो नीति अपनाई उसे युद्धकालीन साम्यवाद कहा गया इस नीति में लेनिन ने सभी उद्योगों का राष्ट्रीयकरण करना व किसानों से जबरदस्ती अनाज लेने का कार्य किया गया 1918 से 1921 के मध्य लेनिन ने जो नीति अपनाई उसने रूस को बर्बाद कर दिया पत्रकार HG वेल्स ने अंधकार ग्रस्त रूस के नाम से पुस्तक लिखी 1921 के बाद लेनिन ने रूस के विकास के लिए नवीन आर्थिक नीति को अपनाया गया यह नवीन आर्थिक नीति NEP के नाम से जानी गयी जो कि 1928 तक चली और इसके बाद ही रूस में पंचवर्षीय योजनाएं शुरू हुई थी 26 / 31 पोर्ट्स माउथ की सन्धि कौनसे राष्ट्रों के मध्य हुई थी ? (DSSSB 2020) रूस और इंग्लैंड रूस और फ्रांस इंग्लैंड और जापान रूस और जापान 1905 की रूस की क्रांति ◆ तत्कालीक कारण - रूस जापान युद्ध 1904-05 का रूस जापान युद्ध 1905 की रूसी क्रांति का तात्कालिक कारण था इस युद्ध मे जापान जैसे छोटे से देश ने रूस को पराजित कर दिया था तथा 5 सितंबर 1905 को रूस को जापान के साथ पोर्ट्स माउथ की अपमानजनक संधि करनी पड़ी इस पराजय से दुखी होकर रूस की जनता शासन में सुधार करने के लिए राजा को ज्ञापन देना चाहती थी ◆ खूनी रविवार की घटना - 22 जनवरी 1905 इस दिन रूस की जनता सेंट पीटर्स बर्ग मे पादरी गैपन के नेतृत्व में राजा को ज्ञापन देने जा रही थी किंतु राजा ने दुफोफस नामक सैनिक अधिकारी की सहायता से जनता पर गोलियां चलवा दी थी खूनी रविवार की घटना के बाद रूस में जगह जगह विद्रोह प्रारंभ हो गए एव सोवियतों (परिषदों) का गठन प्रारंभ हो गए। सर्वप्रथम इवानेवो बोजनेस्क कपड़ा मिल के मजदूरों ने अपनी सोवियत का गठन किया। लगातार स्थिति को बिगड़ता हुआ देखकर राजा ने अकटुम्बर 1905 मे जनता की प्रतिनिधि सभा ड्यूमा के निर्वाचन की घोषणा कर दी इससे जनता शांत हो गयी कालान्तर मे राजा ने पुनः ड्यूमा को कुचलने का प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप 1917 की क्रांति हुई 27 / 31 ब्रेस्ट लिटोवस्क की सन्धि के द्वारा नीचे दिए गए देशो के किस समूह को स्वतंत्र घोषित किया गया ? (कॉलेज लेक्चर 2016) पोलेंड, चेकोस्लोवाकिया, बेलारूस रोमानिया, पोलेंड, फिनलैंड पोलेंड, लाटविया, उज्ज्बेकिस्तान बेलारूस, युक्रेन, फिनलैंड मार्च 1918 में रूस ने धुरी राष्ट्रो (जर्मनी) के साथ ब्रेस्टलिटोवस्क की संधि करी जिसके द्वारा रूस प्रथम विश्वयुद्ध से अलग हो गया हेजन ने इस संधि के बारे में लिखा कि “ऐसा कोई और उदाहरण नही है जब किसी देश ने कलम के एक प्रहार से अपने देश का इतना बड़ा भाग समर्पित कर दिया” इस संधि मे लेनिन ने यूक्रेन के क्षेत्र को खाली करने का वचन दिया एव यह भी कहा था कि वह यूरोप में समाजवाद का प्रचार नही करेगा इस संधि पर लेनिन की ओर से उसके विदेशी मंत्री ट्राटस्की ने हस्ताक्षर किए थे नवम्बर क्रांति के बाद भी रूस में शांति स्थापित नही हुई लेनिन ने अपने विरोधियों का शक्ति के बल पर दमन किया। लेनिन के आंतक को लाल आंतक एव उसके विरोधियों के आंतक को श्वेत आंतक कहा गया 28 / 31 रूस की क्रांति की तुलना किस क्रान्ति से की जा सकती है ? (MP SET 2012) अमेरिकन स्वतन्त्रता संग्राम से चीन की क्रांति भारत की क्रांति इंग्लैंड की गौरवपूर्ण क्रान्ति ड्यूमा - यह रूस की प्रतिनिधि संस्था थी इसके सदस्यों का निर्वाचन जनता के द्वारा किया जाता था यह एक सलाहकारी संस्था थी जो कानूनों को अंतिम रूप प्रदान करती थी इसके आधार पर जार का नियंत्रण रखा जाता था। जार ने ड्यूमा की शक्ति पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए साम्राज्य परिषद नामक द्वितीय सदन का गठन किया जिसके सदस्य जार के द्वारा नियुक्त किये जाते थे निकोलस द्वितीय के काल मे रूसी जनता ने जार के इस कदम का विरोध किया था रूस की क्रांति ने ना केवल राजा के निरंकुश शासन को समाप्त किया बल्कि राजनीतिज्ञ, आर्थिक व व्यवसायिक क्षेत्र में पूंजीपतियों, जमीदारों व कुलीनों के विशेषाधिकारो को समाप्त किया एव सर्वहारा वर्ग की तानाशाही को स्थापित किया फ्रांस की क्रांति ने 19वी शताब्दी के इतिहास को प्रभावित किया तो रूस की क्रांति ने 20वी शताब्दी के इतिहास को प्रभावित किया नवम्बर 1917 की रूस की क्रांति की तुलना इंग्लैंड की 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति से की जा सकती है उस क्रांति को रक्तहीन क्रांति भी कहा जा सकता है नवम्बर 1917 की क्रांति को भी रक्तहीन क्रांति कहा जा सकता है लेनिन के विदेश मंत्री ट्राटस्की ने नवम्बर 1917 की क्रांति के बारे में कहा था कि “हमने सुना है कि जब बलवा होगा तब क्रांति रक्त की नदियों में डूब जाएगी किंतु हमने एक भी व्यक्ति की मृत्यु की खबर नही सुनी थी इतिहास में ऐसा कोई ओर उदाहरण नही है कि किसी क्रांति मे इतने भाग ले ओर वह रक्तहीन हो” 29 / 31 रूस की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का संस्थापक था ? (कॉलेज लेक्चर 2016) कार्ल मार्क्स प्लेखानोव लेनिन मार्तोब रूस में राजनैतिक चेतना का विकास कार्ल मार्क्स के विचारों को रूस में प्लेखानोव ने फैलाया था 1893 मे रूस में रशियन सोसियल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन हुआ इसका गठन प्लेखानोव ने किया था 1898 मे यही पार्टी रशियन सोसियल डेमोक्रेटिक लेबर पार्टी बन गयी 1903 मे इस पार्टी का लन्दन मे विघटन हो गया जिससे बोल्वेशिक (नेता लेनिन) व मैनशेविक (नेता मार्तोब) दल बन गए रूस में कैडेट दल (कॉन्स्टिट्यूशन डेमोक्रेटिक पार्टी ) का नेता ल्वाव था एव अक्टूब्ररिस्ट दल का नेता - गुशकोव था रूस में 1860 के बाद हर्जेन व चर्नेवस्की के समर्थक नारोदनिक या पॉपुलिस्ट कहलाये ये लोग हिंसापूर्ण तरीके से समाजवाद लाना चाहते थे ZEMSTOW - रूस में स्थानीय स्वशासन की संस्थाएं थी जो जेमस्टोव के नाम से जानी जाती थी लेनिन के भाई अलेक्सांद्र जो नरोदन्या वोल्वा संगठन का सदस्य था इसने राजा अलेक्जेंडर तृतीय की हत्या का प्रयास किया था जिसके आरोप में इसे 1887 मे फांसी दे दी गयी रूस में निहलिज्म (शून्यवाद) आंदोलन भी चला जिसका उद्देश्य था पुरानी व्यवस्था को समाप्त करके नवीन व्यवस्था बनाना था 9 ड्यूमा को कुचलने का प्रयास 1905 की क्रांति के बाद रूस में ड्यूमा के निर्वाचन हुए किंतु कालान्तर मे निकोलस द्वितीय ने ड्यूमा को कुचलने के लिए उसके विरोध में अपने व्यक्तियों का साम्रज्य परिषद नामक संगठन बनाया 30 / 31 प्रोलेतारी का संबंध है ? (DSSSB 2022) रूस का सर्वहारा वर्ग लेनिन के समाचार पत्र का नाम नवीन आर्थिक नीति जार का वंश रूस की क्रांति कार्ल मार्क्स के सैद्धान्तिक विचारों को रूस की क्रांति के द्वारा व्यवहारिक रूप से लागू किया जाना कार्ल मार्क्स को वैज्ञानिक समाजवाद का प्रेणता कहा जाता है क्योंकि सर्वप्रथम उसी ने बताया कि समाजवाद को किस तरह लाया जा सकता है कार्ल मार्क्स ने रूस की जमीन को कभी भी समाजवाद के लिए उपयुक्त नही बताया था इसका कारण था कि कार्ल मार्क्स के समय रूस में औधोगिक क्रान्ति नही हुई थी एव रूस में मजदूर वर्ग नही था एव बिना मजदूरों के कारण समाजवाद नही लाया जा सकता है समाजवाद वह विचारधारा है जो कहती है कि सत्ता पर मजदूर वर्ग का नियंत्रण होना चाहिए या सत्ता सर्वहारा वर्ग के नियंत्रण में होनी चाहिए रूस मे सर्वहारा वर्ग को प्रोलेतारी कहा गया रूस का समाज 03 भागो में बंटा हुआ था मध्यम कुलीन सर्वहारा वर्ग समाज मे सर्वहारा वर्ग की स्थिति दयनीय थी 31 / 31 22 जनवरी 1905 को श्रमिकों द्वारा जार निकोलस द्वितीय के विरुद्ध प्रदर्शन किसके नेतृत्व में किया गया ? (कॉलेज लेक्चर 2021) फादर गेपेन अलेक्सान्दर लेनिन रोडिशेड ◆ खूनी रविवार की घटना - 22 जनवरी 1905 इस दिन रूस की जनता सेंट पीटर्स बर्ग मे पादरी गैपन के नेतृत्व में राजा को ज्ञापन देने जा रही थी किंतु राजा ने दुफोफस नामक सैनिक अधिकारी की सहायता से जनता पर गोलियां चलवा दी थी खूनी रविवार की घटना के बाद रूस में जगह जगह विद्रोह प्रारंभ हो गए एव सोवियतों (परिषदों) का गठन प्रारंभ हो गए। सर्वप्रथम इवानेवो बोजनेस्क कपड़ा मिल के मजदूरों ने अपनी सोवियत का गठन किया। लगातार स्थिति को बिगड़ता हुआ देखकर राजा ने अकटुम्बर 1905 मे जनता की प्रतिनिधि सभा ड्यूमा के निर्वाचन की घोषणा कर दी इससे जनता शांत हो गयी कालान्तर मे राजा ने पुनः ड्यूमा को कुचलने का प्रयास किया जिसके परिणामस्वरूप 1917 की क्रांति हुई Your score is The average score is 53% 0% Restart quiz Share this… Telegram Whatsapp Share This Article Facebook Twitter Copy Link Print Leave a comment Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. 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