Blogराजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था MCQ राज्य लोक सेवा आयोग MCQ Last updated: 2024/07/06 at 7:16 AM rajexaminfo.com Share 0 Min Read SHARE राज्य लोक सेवा आयोग MCQ 1 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते है ? (2ND ग्रेड 2022) संघ लोक सेवा आयोग को भारत के राष्ट्रपति को राजस्थान के राज्यपाल को राजस्थान की राज्य विधानसभा को अनुच्छेद 323 - वार्षिक प्रतिवेदन राज्य लोक सेवा आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को प्रदान करता है जिसे राज्यपाल विधानमंडल के समक्ष रखवाता है पद से इस्तीफा दिया - कांता खतुरिया - UPSC की सदस्य बनी शिवपाल सिंह नांगल दिव्या सिंह श्याम सुंदर शर्मा - सदस्य पद से इस्तीफा देकर अध्यक्ष बने RPSC के सदस्य जो बाद में UPSC के सदस्य बने - कांता खतुरिया - राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही प्रकाशवति शर्मा RPSC के सदस्य जो सांसद रहे- धूलेश्वर मीणा दिव्या सिंह सदस्य जो मुख्य सचिव रहे - संवलदान चारण सदस्य जो विधानसभा अध्यक्ष रहे - NL जैन हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान जयपुर में है जिसका कार्य प्रशिक्षण देना है 2 / 21 निम्नलिखित में से कौन राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष पद पर नही रहे है ? (2 ND ग्रेड 2022) स टाक HN मीणा GP पिलानिया LL जोशी अब तक सात कार्यवाहक अध्यक्ष रहे - LL जोशी SC सिंघानिया SS टाक HL मीना RD सैनी शिवसिंह राठौड़ जसवंत सिंह राठी - कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में सबसे छोटा 15 दिन का कार्यकाल था प्रथम महिला अध्यक्ष - कांता खतुरिया राज्य के मुख्य सचिव जो RPSC के सदस्य रहे - SD उज्ज्वल RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो RPSC के सचिव भी रहे - नन्दकिशोर बैरवा RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो राजस्थान उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे - SK घोष RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो DGP रहे - भूपेंद्र सिंह यादव (35वे) RPSC के वह अध्यक्ष जो बाद में केंद्रीय मंत्री रहे - CR चौधरी RPSC के वे सदस्य जो अन्य सेवाओ से रहे श्री रघुकुल तिलक - वाइस चांसलर व राजस्थान के राज्यपाल श्री धूलेश्वर मीणा - भूतपूर्व सांसद श्री NL जैन - भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती कांता खतुरिया - Ex MLA श्रीमती कमला भील - राजस्थान सरकार में भूतपूर्व राज्यमंत्री श्री OP गुप्ता - भूतपूर्व मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा RPSC अध्यक्ष तथा सदस्य में रूप में महिलाएं - अब तक एक भी महिला अध्यक्ष नही बनी है अब तक RPSC सदस्य के रूप में कुल 7 महिलाएं रही है श्रीमती कांता खतुरिया कमला भील प्रकाशवति शर्मा दिव्या सिंह पद से इस्तीफा दिया - कांता खतुरिया - UPSC की सदस्य बनी शिवपाल सिंह नांगल दिव्या सिंह श्याम सुंदर शर्मा - सदस्य पद से इस्तीफा देकर अध्यक्ष बने RPSC के सदस्य जो बाद में UPSC के सदस्य बने - कांता खतुरिया - राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही प्रकाशवति शर्मा RPSC के सदस्य जो सांसद रहे- धूलेश्वर मीणा दिव्या सिंह सदस्य जो मुख्य सचिव रहे - संवलदान चारण सदस्य जो विधानसभा अध्यक्ष रहे - NL जैन हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान जयपुर में है जिसका कार्य प्रशिक्षण देना है 3 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या और सेवा शर्तों का अवधारण कौन करता है ? (2Nd ग्रेड 2018) राज्यपाल राष्ट्रपति राज्य विधानसभा मुख्यमंत्री अनुच्छेद 318 - सदस्यों की सेवा शर्ते का निर्धारण आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की सेवा शर्तों का निर्धारण राज्यपाल करता है आयोग के सदस्यों की संख्या निर्धारित करने का अधिकार भी राज्यपाल को होता है नियुक्ति के पश्चात इनकी सेवा शर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नही किया जा सकता। 4 / 21 राजस्थान में राजकीय विद्यालयों के लिए स्कूल व्याख्याता का चयन किया जाता है ? (PTI 2018) सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय द्वारा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा अनुच्छेद 319 - सदस्य न रहने पर अन्य पद धारण करने के प्रतिबंध RPSC के अध्यक्ष तथा सदस्य / UPSC का अध्यक्ष तथा सदस्य के रूप में या किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य पद हेतु पात्र नही होगा। अनुच्छेद 320 - आयोग के कार्य RPSC राजस्थान का सबसे बड़ा अभिकरण है, यह विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन करता है तथा साक्षात्कार का आयोजन करता है यह अन्य सेवा की भर्तियों से संबंधित नियम बनाता है तथा राज्यपाल द्वारा निर्देशित किसी विषय पर सलाह देता है। एक सेवा से दूसरी सेवा से पदोन्नति संबंधी नियम बनाता है तथा पदोन्नति संबंधी कार्यो में सहयोग प्रदान करता है 5 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को निलंबित किया जा सकता है ? (2Nd ग्रेड 2016) राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा राजस्थान के मुख्य सचिव द्वारा राजस्थान के राज्यपाल द्वारा राजस्थान के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा अनुच्छेद 317 - RPSC के अध्यक्ष या सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जा सकता है जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई जांच के उपरांत दिए गए प्रतिवेदन पर आधारित हो। NOTE RPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है लेकिन वह उन्हें पद से नही हटा सकता (लेकिन निलंबित कर सकता है) अध्यक्ष तथा सदस्यों को पद से हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है राष्ट्रपति उन्हें उसी आधार पर हटा सकते है जिन आधारों पर UPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों को हटाया जाता है जिनके आधार निम्नलिखित है - अगर उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाता है या मानसिक रूप से असक्षम हो गया हो। अपनी पदावधि के दौरान अपने पद के कर्तव्यों के बाहर किसी सेवतन नियोजन में लगा हो, या इसके अलावा राष्ट्रपति RPSC के अध्यक्ष व सदस्यों को कदाचार के कारण भी हटा सकता है लेकिन कदाचार के मामले में राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय से सलाह करता है अनुच्छेद 318 - सदस्यों की सेवा शर्ते का निर्धारण आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की सेवा शर्तों का निर्धारण राज्यपाल करता है आयोग के सदस्यों की संख्या निर्धारित करने का अधिकार भी राज्यपाल को होता है नियुक्ति के पश्चात इनकी सेवा शर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नही किया जा सकता। 6 / 21 निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद में कहा गया कि “इस अनुच्छेद को उपबन्धों के अधीन रहते हुए, संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग और प्रत्येक राज्य के लिए एक लोक सेवा आयोग होगा” ? (2ND ग्रेड 2018) अनुच्छेद 174 अनुच्छेद 248 अनुच्छेद 315 अनुच्छेद 310 राजस्थान लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक आयोग है जिसका उल्लेख संविधान के भाग -14वे (अनुच्छेद 308 से 323) के दूसरे अध्याय (अनुच्छेद 315 से 323) में है अनुच्छेद 315 के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक लोक सेवा आयोग होगा राजस्थान के गठन के समय तीन रियासतों जोधपुर (1939) जयपुर (1940) बीकानेर (1946) में इनके अपने लोक सेवा आयोग थे राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठन हेतु राजस्थान सरकार ने 16 अगस्त 1949 को एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत 20 अगस्त 1949 को जयपुर में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई इसी अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया कि जिस दिन से आयोग में सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित की जाएगी उसी दिन से आयोग प्रभाव में आ जायेगा अतः राजस्थान राजपत्र में 22 दिसम्बर 1949 को सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित होने के साथ ही आयोग प्रभाव में आ गया। राज्य पुनर्गठन के बाद 1957 में सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर इसे अजमेर स्थानांतरित किया गया। आयोग का सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है। सचिव द्वारा समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य का निष्पादन किया जाता है सदस्य संख्या तथा सदस्यों की योग्यता संविधान में आयोग के सदस्यों की संख्या का उल्लेख नही किया गया और न ही सदस्यों की योग्यता का उल्लेख किया गया तथा यह राज्यपाल की स्वविवेकीय शक्ति है लेकिन यह कहा जाता है कि आयोग के कम से कम आधे सदस्य भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष तक पद धारण कर चुके अनुभव प्राप्त व्यक्ति हो। 7 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल है - ? (2ND ग्रेड 2022) 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो कार्यकाल अनुच्छेद 316 - आयोग के सदस्य तथा सदस्य पद ग्रहण की तिथि से 06 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तब तक पद धारण करता है अध्यक्ष तथा सदस्य राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र से अपना पद छोड़ सकते है 8 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में किसका कार्यकाल सबसे लंबा रहा है ? (RAS PRE 2016) सावलदान चारण DS तिवारी NK गुप्ता कांता खतुरिया RPSC के प्रथम अध्यक्ष - SK घोष थे RPSC के वर्तमान अध्यक्ष - संजय कुमार क्षोत्रिय (38वे) है RPSC के वर्तमान सचिव - हरजी लाल अटल प्रथम महिला सचिव - ओटीमा बोरादिया, रोली सिंह, मुकधा सिन्हा (कार्यवाहक), रेणु जयपाल, शुभम चौधरी RPSC के सबसे लंबे अवधि तक रहने वाले अध्यक्ष - DS तिवारी अध्यक्ष के रूप में न्यूनतम कार्यकाल BL रावत (1.08.1966 से 3.09.1966) - 34 दिन SK घोष (22.12.1949 से 25.01.1950) - 35 दिन PS यादव (1.10.1997 से 6.11.1997) - 37 दिन आयोग के प्रथम अल्पसंख्यक अध्यक्ष - मोहम्मद याकूब आयोग के प्रथम कार्यवाहक अध्यक्ष - LL जोशी (1958 से 1960) अब तक सात कार्यवाहक अध्यक्ष रहे - LL जोशी SC सिंघानिया SS टाक HL मीना RD सैनी शिवसिंह राठौड़ जसवंत सिंह राठी - कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में सबसे छोटा 15 दिन का कार्यकाल था प्रथम महिला अध्यक्ष - कांता खतुरिया राज्य के मुख्य सचिव जो RPSC के सदस्य रहे - SD उज्ज्वल RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो RPSC के सचिव भी रहे - नन्दकिशोर बैरवा RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो राजस्थान उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे - SK घोष RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो DGP रहे - भूपेंद्र सिंह यादव (35वे) RPSC के वह अध्यक्ष जो बाद में केंद्रीय मंत्री रहे - CR चौधरी 9 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्यों की संख्या (अध्यक्ष को छोड़कर) कितनी है ? (2ND ग्रेड 2022) 4 3 5 7 सदस्य संख्या तथा सदस्यों की योग्यता संविधान में आयोग के सदस्यों की संख्या का उल्लेख नही किया गया और न ही सदस्यों की योग्यता का उल्लेख किया गया तथा यह राज्यपाल की स्वविवेकीय शक्ति है लेकिन यह कहा जाता है कि आयोग के कम से कम आधे सदस्य भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष तक पद धारण कर चुके अनुभव प्राप्त व्यक्ति हो। RPSC की वर्तमान संरचना वर्तमान में आयोग में एक अध्यक्ष एवं सात सदस्य है जबकि शुरुआत में अध्यक्ष तथा दो सदस्य थे - वर्ष अध्यक्ष + सदस्य 1949 1+2 1968 1+3 1973 1+ 4 1981 1 +5 2011 1 +7 10 / 21 1956 में राज्य पुनर्गठन के बाद किस समिती की सिफारिश पर राजस्थान लोक सेवा आयोग को अजमेर स्थान्तरित किया गया ? (उद्योग निरीक्षक 2018) फजल अली समिति जसराज चोपड़ा समिति सत्यनारायण राव समिति दुवे समिति SC राजस्थान लोक सेवा आयोग राजस्थान लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक आयोग है जिसका उल्लेख संविधान के भाग -14वे (अनुच्छेद 308 से 323) के दूसरे अध्याय (अनुच्छेद 315 से 323) में है अनुच्छेद 315 के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक लोक सेवा आयोग होगा राजस्थान के गठन के समय तीन रियासतों जोधपुर (1939) जयपुर (1940) बीकानेर (1946) में इनके अपने लोक सेवा आयोग थे राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठन हेतु राजस्थान सरकार ने 16 अगस्त 1949 को एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत 20 अगस्त 1949 को जयपुर में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई इसी अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया कि जिस दिन से आयोग में सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित की जाएगी उसी दिन से आयोग प्रभाव में आ जायेगा अतः राजस्थान राजपत्र में 22 दिसम्बर 1949 को सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित होने के साथ ही आयोग प्रभाव में आ गया। राज्य पुनर्गठन के बाद 1957 में सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर इसे अजमेर स्थानांतरित किया गया। आयोग का सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है। सचिव द्वारा समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य का निष्पादन किया जाता है 11 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों की अध्यक्ष सहित कुल अनुमत संख्या है ? (2Nd ग्रेड 2013) 5 6 7 8 RPSC की वर्तमान संरचना वर्तमान में आयोग में एक अध्यक्ष एवं सात सदस्य है जबकि शुरुआत में अध्यक्ष तथा दो सदस्य थे - वर्ष अध्यक्ष + सदस्य 1949 1+2 1968 1+3 1973 1+ 4 1981 1 +5 2011 1 +7 12 / 21 निम्नलिखित में से किस मामले में राज्य लोक सेवा आयोग से परामर्श नही लिया जाता है ? (SI 2021) सिविल सेवा के लिए भर्ती की पद्धति पर सिविल सेवाओ की नियुक्ति में अनुसरण के लिए जाने वाले सिद्धान्तों पर सिविल सेवाओ में प्रोन्नति एवं एक सेवा से दूसरी सेवा में अंतरण के लिए अनुसरण के लिए जाने वाले सिद्धान्तों पर सिविल सेवाओ का स्थानांतरण पर अनुच्छेद 320 - आयोग के कार्य RPSC राजस्थान का सबसे बड़ा अभिकरण है, यह विभिन्न प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन करता है तथा साक्षात्कार का आयोजन करता है यह अन्य सेवा की भर्तियों से संबंधित नियम बनाता है तथा राज्यपाल द्वारा निर्देशित किसी विषय पर सलाह देता है। एक सेवा से दूसरी सेवा से पदोन्नति संबंधी नियम बनाता है तथा पदोन्नति संबंधी कार्यो में सहयोग प्रदान करता है अनुच्छेद 321 - लोक सेवा आयोगों के कार्यो का विस्तार UPSC के कार्यो का विस्तार संसद करती है जबकि RPSC के कार्यो का विस्तार राज्य विधानमंडल करती है 13 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के संबंध में निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही है ? (2ND ग्रेड 2022) राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य आयोग के अध्यक्ष को संबोधित अपने हस्ताक्षर लेख द्वारा अपना पद त्याग सकता है अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों में से यथासम्भव निकटतम एक तिहाई ऐसे व्यक्ति होंगे जो अपनी अपनी नियुक्ति की तारीख पर भारत सरकार अथवा राजस्थान सरकार के अधीन कम से कम दस वर्ष तक पद धारण कर चुके है राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य छह वर्ष की अवधि तक या बासठ वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक इनमे से जो भी पहले हो अपना पद धारण करेगा अनुच्छेद 316 - आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है तथा राज्यपाल इसके अंतर्गत आधे ऐसे सदस्यों को नियुक्त कर सकेगा जिनके पास 10 वर्ष के सरकारी कार्य का अनुभव हो तथा सदस्यों की दूबारा पुनः नियुक्ति सदस्य के रूप में नही की जा सकेगी तथा राज्यपाल आयोग के किसी सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष भी नियुक्त कर सकता है कार्यकाल अनुच्छेद 316 - आयोग के सदस्य तथा सदस्य पद ग्रहण की तिथि से 06 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तब तक पद धारण करता है अध्यक्ष तथा सदस्य राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र से अपना पद छोड़ सकते है अध्यक्ष को पद से हटाना अनुच्छेद 317 - RPSC के अध्यक्ष या सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जा सकता है जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई जांच के उपरांत दिए गए प्रतिवेदन पर आधारित हो। NOTE RPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है लेकिन वह उन्हें पद से नही हटा सकता (लेकिन निलंबित कर सकता है) अध्यक्ष तथा सदस्यों को पद से हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है राष्ट्रपति उन्हें उसी आधार पर हटा सकते है जिन आधारों पर UPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों को हटाया जाता है\ सदस्य संख्या तथा सदस्यों की योग्यता संविधान में आयोग के सदस्यों की संख्या का उल्लेख नही किया गया और न ही सदस्यों की योग्यता का उल्लेख किया गया तथा यह राज्यपाल की स्वविवेकीय शक्ति है लेकिन यह कहा जाता है कि आयोग के कम से कम आधे सदस्य भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष तक पद धारण कर चुके अनुभव प्राप्त व्यक्ति हो। 14 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों के संबंध में निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही नही है ? (कॉलेज लेक्चर 2019) सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की जाएगी सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से 6 वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक, इसमे से जो भी पहले हो अपना पद त्याग करेगा सदस्य अपनी पदावधि की समाप्ति पर उस पद पर पुनर्नियुक्त का पात्र नही होगा सदस्य अपने पद से राजस्थान के राज्यपाल द्वारा निलम्बित किया जा सकता है अनुच्छेद 316 - आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है तथा राज्यपाल इसके अंतर्गत आधे ऐसे सदस्यों को नियुक्त कर सकेगा जिनके पास 10 वर्ष के सरकारी कार्य का अनुभव हो तथा सदस्यों की दूबारा पुनः नियुक्ति सदस्य के रूप में नही की जा सकेगी तथा राज्यपाल आयोग के किसी सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष भी नियुक्त कर सकता है अनुच्छेद 316 - आयोग के सदस्य तथा सदस्य पद ग्रहण की तिथि से 06 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तब तक पद धारण करता है अध्यक्ष तथा सदस्य राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र से अपना पद छोड़ सकते है अनुच्छेद 317 - RPSC के अध्यक्ष या सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जा सकता है जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई जांच के उपरांत दिए गए प्रतिवेदन पर आधारित हो। NOTE RPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है लेकिन वह उन्हें पद से नही हटा सकता (लेकिन निलंबित कर सकता है) अध्यक्ष तथा सदस्यों को पद से हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है राष्ट्रपति उन्हें उसी आधार पर हटा सकते है जिन आधारों पर UPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों को हटाया जाता है 15 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से सही कथन चुनिए आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य तब तक अपने पद पर बने रहते है जब तक कि वे 06 वर्ष का कार्यकाल अथवा 60 वर्ष की आयु पूर्ण नही कर लेते इसका गठन 1 अगस्त 1949 को हुआ था आयोग का सदस्य बनने के लिए कोई योग्यता निर्धारित नही है, सिवाय इसके की आधे सदस्य केंद्र या राज्य सरकार के अधीन 10 वर्ष तक पदासीन रहे हो डॉ SC त्रिपाठी आयोग के प्रथम अध्यक्ष थे 1,3 और 4 2 ओर 4 दोनों केवल 3 2 ओर 3 दोनों RPSC के प्रथम अध्यक्ष - SK घोष थे RPSC के वर्तमान अध्यक्ष - संजय कुमार क्षोत्रिय (38वे) है RPSC के वर्तमान सचिव - हरजी लाल अटल प्रथम महिला सचिव - ओटीमा बोरादिया, रोली सिंह, मुकधा सिन्हा (कार्यवाहक), रेणु जयपाल, शुभम चौधरी RPSC के सबसे लंबे अवधि तक रहने वाले अध्यक्ष - DS तिवारी अनुच्छेद 316 - आयोग के सदस्य तथा सदस्य पद ग्रहण की तिथि से 06 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तब तक पद धारण करता है अध्यक्ष तथा सदस्य राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र से अपना पद छोड़ सकते है अनुच्छेद 316 - आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है तथा राज्यपाल इसके अंतर्गत आधे ऐसे सदस्यों को नियुक्त कर सकेगा जिनके पास 10 वर्ष के सरकारी कार्य का अनुभव हो तथा सदस्यों की दूबारा पुनः नियुक्ति सदस्य के रूप में नही की जा सकेगी तथा राज्यपाल आयोग के किसी सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष भी नियुक्त कर सकता है राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठन हेतु राजस्थान सरकार ने 16 अगस्त 1949 को एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत 20 अगस्त 1949 को जयपुर में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई इसी अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया कि जिस दिन से आयोग में सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित की जाएगी उसी दिन से आयोग प्रभाव में आ जायेगा अतः राजस्थान राजपत्र में 22 दिसम्बर 1949 को सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित होने के साथ ही आयोग प्रभाव में आ गया। 16 / 21 निम्नलिखित में से कौन राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिव एवं अध्यक्ष दोनो रहे है ? (SI 2021) NK बैरवा यतींद्र सिंह DD चौहान देवेंद्र सिंह RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो RPSC के सचिव भी रहे - नन्दकिशोर बैरवा RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो राजस्थान उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे - SK घोष RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो DGP रहे - भूपेंद्र सिंह यादव (35वे) RPSC के वह अध्यक्ष जो बाद में केंद्रीय मंत्री रहे - CR चौधरी RPSC के वे सदस्य जो अन्य सेवाओ से रहे श्री रघुकुल तिलक - वाइस चांसलर व राजस्थान के राज्यपाल श्री धूलेश्वर मीणा - भूतपूर्व सांसद श्री NL जैन - भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती कांता खतुरिया - Ex MLA श्रीमती कमला भील - राजस्थान सरकार में भूतपूर्व राज्यमंत्री श्री OP गुप्ता - भूतपूर्व मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा RPSC अध्यक्ष तथा सदस्य में रूप में महिलाएं - अब तक एक भी महिला अध्यक्ष नही बनी है अब तक RPSC सदस्य के रूप में कुल 7 महिलाएं रही है श्रीमती कांता खतुरिया कमला भील प्रकाशवति शर्मा दिव्या सिंह 17 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के संबंध में निम्नलिखित में से कौनसा कथन सत्य नही है ? (2ND ग्रेड 2018) आयोग के सदस्य भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाएंगे आयोग के सदस्य अपने पद से भारत के राष्ट्रपति द्वारा हटाये जाएंगे आयोग के सदस्यों का कार्यकाल अपने पद ग्रहण करने से 06 वर्ष या 62 वर्ष की आयु जो भी पहले हो होगा आयोग के सदस्य, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हेतु पात्र होंगे सदस्यों की नियुक्ति - दो या दो से अधिक राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग की नियुक्ति का प्रावधान संसद करेगी तथा नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है अनुच्छेद 316 - आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है तथा राज्यपाल इसके अंतर्गत आधे ऐसे सदस्यों को नियुक्त कर सकेगा जिनके पास 10 वर्ष के सरकारी कार्य का अनुभव हो तथा सदस्यों की दूबारा पुनः नियुक्ति सदस्य के रूप में नही की जा सकेगी तथा राज्यपाल आयोग के किसी सदस्य को कार्यवाहक अध्यक्ष भी नियुक्त कर सकता है अनुच्छेद 319 - सदस्य न रहने पर अन्य पद धारण करने के प्रतिबंध RPSC के अध्यक्ष तथा सदस्य / UPSC का अध्यक्ष तथा सदस्य के रूप में या किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य पद हेतु पात्र नही होगा। कार्यकाल अनुच्छेद 316 - आयोग के सदस्य तथा सदस्य पद ग्रहण की तिथि से 06 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तब तक पद धारण करता है अध्यक्ष तथा सदस्य राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र से अपना पद छोड़ सकते है 18 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ? (पटवार 2021) SS त्रिपाठी SK घोष DS तिवारी MM शर्मा RPSC के प्रथम अध्यक्ष - SK घोष थे RPSC के वर्तमान अध्यक्ष - संजय कुमार क्षोत्रिय (38वे) है RPSC के वर्तमान सचिव - हरजी लाल अटल प्रथम महिला सचिव - ओटीमा बोरादिया, रोली सिंह, मुकधा सिन्हा (कार्यवाहक), रेणु जयपाल, शुभम चौधरी RPSC के सबसे लंबे अवधि तक रहने वाले अध्यक्ष - DS तिवारी अध्यक्ष के रूप में न्यूनतम कार्यकाल BL रावत (1.08.1966 से 3.09.1966) - 34 दिन SK घोष (22.12.1949 से 25.01.1950) - 35 दिन PS यादव (1.10.1997 से 6.11.1997) - 37 दिन आयोग के प्रथम अल्पसंख्यक अध्यक्ष - मोहम्मद याकूब आयोग के प्रथम कार्यवाहक अध्यक्ष - LL जोशी (1958 से 1960) अब तक सात कार्यवाहक अध्यक्ष रहे - LL जोशी SC सिंघानिया SS टाक HL मीना RD सैनी शिवसिंह राठौड़ जसवंत सिंह राठी - कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में सबसे छोटा 15 दिन का कार्यकाल था प्रथम महिला अध्यक्ष - कांता खतुरिया राज्य के मुख्य सचिव जो RPSC के सदस्य रहे - SD उज्ज्वल RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो RPSC के सचिव भी रहे - नन्दकिशोर बैरवा RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो राजस्थान उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे - SK घोष RPSC के एकमात्र अध्यक्ष जो DGP रहे - भूपेंद्र सिंह यादव (35वे) RPSC के वह अध्यक्ष जो बाद में केंद्रीय मंत्री रहे - CR चौधरी 19 / 21 निम्नलिखित में से कौनसा कथन राजस्थान लोक सेवा आयोग के संबंध में असत्य है ? (2ND GRADE 2022) इसकी स्थापना दिसम्बर 1949 को हुई प्रारंभ में इसमे अध्यक्ष सहित चार सदस्य थे 1951 में राजप्रमुख द्वारा आयोग के कार्यो को नियमित करने के उद्देश्य से विनियम पारित किए गए मुख्य न्यायाधीश SK घोष को इसका अध्यक्ष बनाया गया वर्तमान में आयोग में एक अध्यक्ष एवं सात सदस्य है जबकि शुरुआत में अध्यक्ष तथा दो सदस्य थे - वर्ष अध्यक्ष + सदस्य 1949 1+2 1968 1+3 1973 1+ 4 1981 1 +5 2011 1 +7 राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठन हेतु राजस्थान सरकार ने 16 अगस्त 1949 को एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत 20 अगस्त 1949 को जयपुर में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई विशेष तथ्य - RPSC के प्रथम अध्यक्ष - SK घोष थे RPSC के वर्तमान अध्यक्ष - संजय कुमार क्षोत्रिय (38वे) है RPSC के वर्तमान सचिव - हरजी लाल अटल प्रथम महिला सचिव - ओटीमा बोरादिया, रोली सिंह, मुकधा सिन्हा (कार्यवाहक), रेणु जयपाल, शुभम चौधरी RPSC के सबसे लंबे अवधि तक रहने वाले अध्यक्ष - DS तिवारी 20 / 21 यदि राजस्थान लोकसेवा आयोग का अध्यक्ष / सदस्य इस्तीफा देना चाहता है तो वह अपना त्याग पत्र किसे देगा ? (पटवार 2021) राष्ट्रपति प्रधानमंत्री राज्यपाल मुख्यमंत्री कार्यकाल अनुच्छेद 316 - आयोग के सदस्य तथा सदस्य पद ग्रहण की तिथि से 06 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तब तक पद धारण करता है अध्यक्ष तथा सदस्य राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र से अपना पद छोड़ सकते है अध्यक्ष को पद से हटाना अनुच्छेद 317 - RPSC के अध्यक्ष या सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जा सकता है जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई जांच के उपरांत दिए गए प्रतिवेदन पर आधारित हो। NOTE RPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल करता है लेकिन वह उन्हें पद से नही हटा सकता (लेकिन निलंबित कर सकता है) अध्यक्ष तथा सदस्यों को पद से हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को प्राप्त है राष्ट्रपति उन्हें उसी आधार पर हटा सकते है जिन आधारों पर UPSC के अध्यक्ष तथा सदस्यों को हटाया जाता है जिनके आधार निम्नलिखित है - अगर उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाता है या मानसिक रूप से असक्षम हो गया हो। अपनी पदावधि के दौरान अपने पद के कर्तव्यों के बाहर किसी सेवतन नियोजन में लगा हो, या इसके अलावा राष्ट्रपति RPSC के अध्यक्ष व सदस्यों को कदाचार के कारण भी हटा सकता है लेकिन कदाचार के मामले में राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय से सलाह करता है 21 / 21 राजस्थान लोक सेवा आयोग से संबंधित निम्नलिखित में से कौनसा कथन गलत है ? (2ND ग्रेड 2022) राजस्थान के गठन के समय कुल 22 प्रान्तों में से केवल तीन प्रान्त - जयपुर, जोधपुर ओर बीकानेर में ही लोक सेवा आयोग कार्यरत थे राजस्थान लोक सेवा आयोग 22 दिसम्बर 1949 से प्रभाव में आया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 234, 315 से 323 तक लोक सेवा आयोगों के विभिन्न कार्यो ओर शक्तियों से संबंधित है प्रारंभ में, आयोग में एक अध्यक्ष और 3 सदस्य थे RPSC की वर्तमान संरचना वर्तमान में आयोग में एक अध्यक्ष एवं सात सदस्य है जबकि शुरुआत में अध्यक्ष तथा दो सदस्य थे - वर्ष अध्यक्ष + सदस्य 1949 1+2 1968 1+3 1973 1+ 4 1981 1 +5 2011 1 +7 राजस्थान लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक आयोग है जिसका उल्लेख संविधान के भाग -14वे (अनुच्छेद 308 से 323) के दूसरे अध्याय (अनुच्छेद 315 से 323) में है अनुच्छेद 315 के अनुसार प्रत्येक राज्य में एक लोक सेवा आयोग होगा राजस्थान के गठन के समय तीन रियासतों जोधपुर (1939) जयपुर (1940) बीकानेर (1946) में इनके अपने लोक सेवा आयोग थे राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठन हेतु राजस्थान सरकार ने 16 अगस्त 1949 को एक अध्यादेश जारी किया जिसके तहत 20 अगस्त 1949 को जयपुर में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई इसी अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया कि जिस दिन से आयोग में सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित की जाएगी उसी दिन से आयोग प्रभाव में आ जायेगा अतः राजस्थान राजपत्र में 22 दिसम्बर 1949 को सदस्य नियुक्त करने की अधिसूचना प्रकाशित होने के साथ ही आयोग प्रभाव में आ गया। Your score is The average score is 82% 0% Restart quiz Share this… Telegram Whatsapp Share This Article Facebook Twitter Copy Link Print Leave a comment Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. 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