भारत की सीमाओं का विस्तार और उनकी विविधता देश की सांस्कृतिक, भौगोलिक, और राजनीतिक विविधता का प्रतीक है। इस अनुभवी भू-विज्ञानी और राजनीतिक कार्यकर्ता के लेख में, हम भारत की सीमाओं की व्यापकता और विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। वहाँ जलवायु संबंधी सीमाएँ और स्थानिक सीमाएँ, इन दोनों के महत्वपूर्ण संयोजन के साथ, देश की सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक जीवन पर कैसे प्रभाव डालती हैं, इस पर चर्चा की जाएगी।

भारत की जलीय सीमा
- कुल लम्बाई – 7516.6 Km
- कुल 9 राज्य व 4 केंद्र शासित प्रदेश की सीमा लगती
- मुख्य भाग की जलीय सीमा – 6100 Km
- (9 राज्य व 2 केंद्र शासित प्रदेश)
- द्वीप – 02 (2094 Km)
- अंडमान – निकोबार
- लक्षद्वीप
जलीय सीमा के प्रकार
सम्पूर्ण विश्व मे जलीय सीमा को तीन भागों मैं बांटा जाता है
प्रादेशिक सीमायह आधार रेखा से 12 Nm (नॉटिकल मील) की दूरी तक स्थित जलीय सीमा प्रादेशिक सीमा कहलाती है (1 नोटिकल मील – 1.852 किमी.)इस क्षेत्र में किसी देश के सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक अधिकार प्राप्त होते हैआधार रेखा – टेढ़े मेढ़े तट को मिलाने वाली कल्पित रेखा है
यह आधार रेखा से 12 Nm (नॉटिकल मील) की दूरी तक स्थित जलीय सीमा प्रादेशिक सीमा कहलाती है (1 नोटिकल मील – 1.852 किमी.)इस क्षेत्र में किसी देश के सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक अधिकार प्राप्त होते हैआधार रेखा – टेढ़े मेढ़े तट को मिलाने वाली कल्पित रेखा है
संलग्न सीमा
- यह आधार रेखा से 24 Nm की दूरी अथवा प्रादेशिक सीमा के आगे 12 Nm तक कि सीमा को संलग्न सीमा कहा जाता है
- यहाँ सामाजिक और आर्थिक अधिकार प्राप्त होते है (सीमा शुल्क की वसुली के अधिकार)
अनन्य आर्थिक क्षेत्र
- यह आधार रेखा से 200 Nm अथवा संलग्न सीमा के आगे 176 Nm तक कि सीमा / क्षेत्र को अनन्य आर्थिक क्षेत्र कहा जाता है इस क्षेत्र में भारत को वैज्ञानिक अनुसंधान नए द्वीपों के निर्माण तथा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का अधिकार है
- इस क्षेत्र में केवल आर्थिक अधिकार प्राप्त होते है
- इसके बाद उच्च सागर का विस्तार है जहाँ सभी देशो के समान अधिकार प्राप्त है
जलीय सीमा के लाभ
- तटीय सीमा भारत को उपमहाद्वीप की संज्ञा दिलाती है
- दक्षिण भारत की जलवायु को तटीय सीमा समकारी बनाये रखती है
- तटीय सीमा के कारण ही भारत मे मानसून वर्षा प्राप्त होती है
- तटवर्ती क्षेत्र में बने बन्दरगाह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देते है
- तटीय सीमा के कारण भारत अन्य देशों के साथ आसानी से सम्पर्क में रह सकता है
- तटीय सीमा महासागरीय संसाधनों तक भारत की पहुंच एवं एकाधिकार सुनिश्चित करती है
- सुरक्षा तथा सामरिक दृष्टि से तटीय सीमा महत्वपूर्ण है
- उपरोक्त लाभ के बावजूद तटीय सीमा के कुछ नुकसान भी है जैसे
- भारत को सुनामी व चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है
- समुद्री लुटेरों का डर बना रहता है
- तटीय सीमा की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त व्यय करना पड़ता है
- इन नकारात्मक पहलुओं के बावजूद तटीय सीमा के लाभकारी पक्ष अधिक है इसलिए तटीय सीमा भारत के लिए एक वरदान के समान मानी जाती है
भारत की स्थलीय सीमा
बांग्लादेश
- कुल लम्बाई – 4096 Km
- कुल राज्य – 5
- सर्वाधिक लम्बाई – पश्चिम बंगाल
- न्यूनतम लम्बाई – असम
- अन्य राज्य – मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय
- 7 मई 2015 को भारत व बांग्लादेश के मध्य भूमि आदान प्रदान किया गया जो 100 वे संविधान संशोधन के अंतर्गत किया गया
- इसमे पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय व त्रिपुरा राज्यो के साथ यह भूमि का आदान प्रदान किया गया
- असम, बांग्लादेश के साथ 2 बार सीमा निर्धारित करता है
त्रिपुरा तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है इसकी बांगलादेश से लगी सीमा को ‘0’ लाइन / शून्य रेखा कहा जाता है
चीन
- कुल लम्बाई – 3488 Km
- कुल राज्य- 4
- केंद्र शासित प्रदेश – 01
- सर्वाधिक लम्बाई – लद्दाख
- सर्वाधिक लम्बाई वाला राज्य – अरुणाचल प्रदेश
- न्यूनतम लम्बाई – सिक्किम
- अन्य राज्य – हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड
- 1914 में भारत व चीन के मध्य हुए शिमला समझौते के तहत मैकमोहन रेखा का निर्धारण किया गया
- 1962 में भारत चीन युद्ध के बाद जम्मु कश्मीर व अक्साई चीन के मध्य सीमा रेखा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के रूप में निर्धारित की गई
- प्रमुख विवाद –
- अक्साई चीन
- तवांग विवाद
- ब्रह्मपुत्र नदी जल विवाद
- डोकलाम विवाद
- स्टेपल वीजा विवाद
नेपाल
- कुल लम्बाई – 1752 Km
- कुल राज्य – 5
- सर्वाधिक लम्बाई – उत्तरप्रदेश
- न्यूनतम लम्बाई – पश्चिम बंगाल
- अन्य राज्य – उत्तराखंड, बिहार, सिक्किम
- प्रमुख विवाद –
- कालापानी – लिपुलेख विवाद
म्यांमार
- कुल लम्बाई – 1643 Km
- कुल राज्य – 4
- सर्वाधिक लम्बाई – अरुणाचल प्रदेश
- न्यूनतम लम्बाई – नागालैंड
- अन्य राज्य – मणिपुर, मिजोरम
भूटान
- कुल लम्बाई – 699 Km
- कुल राज्य – 04
- सर्वाधिक लम्बाई – असम
- न्यूनतम लम्बाई – सिक्किम
- अन्य राज्य – पश्चिम बंगाल, अरूणाचल प्रदेश
अफ़ग़ानिस्तान
- कुल लम्बाई – 106 Km
- कुल केंद्र शासित प्रदेश – 01 (लद्दाख)
- भारत व अफगानिस्तान के मध्य 12 नवम्बर 1893 को मार्टियर डुरंड द्वारा डुरंड रेखा का निर्धारण किया गया जो वर्तमान में पाकिस्तान व अफगानिस्तान के मध्य है
पाकिस्तान
- कुल लम्बाई – 3323 Km
- कुल राज्य – 3
- कुल केंद्र शासित प्रदेश – 2
- सर्वाधिक लम्बाई – राजस्थान
- न्यूनतम लम्बाई – गुजरात
- अन्य – पंजाब, जम्मूकश्मीर, लद्दाख़
- भारत व पाकिस्तान के मध्य 17 अगस्त 1947 को रेडक्लिफ रेखा अस्तित्व में आई जिसका निर्धारण सर सिरिल रेड क्लिफ द्वारा किया गया।
- भारत व पाकिस्तान के 1971 के युद्ध के बाद POK व जम्मूकश्मीर के मध्य LOC (नियंत्रण रेखा) का निर्धारण किया गया
- प्रमुख विवाद
- POK विवाद
- सिंधु नदी जल विवाद
- सियाचिन विवाद
- सीमा रेखा विवाद
- सरक्रीक विवाद
FAQ
भारत की सीमा रेखा के नाम
भारत की सीमा कितने देशों से लगती है
भारत की सीमा से लगे देश
भारत की जलीय सीमा कितनी है
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