
फासीवाद
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी की तरह इटली में भी तानाशाही सरकार बनी।
- इटली में जो फासीवाद की विचारधारा उत्पन्न हुई वह नाजीवाद की तरह किसी सिद्धान्तों पर आधारित नही थी।
- मुसोलिनी स्वयं कहता था कि फासीवाद किसी विचारधारा पर आधारित नही है इसके सिद्धान्त समय की आवश्यकता कर अनुसार परिवर्तित किये जा सकते है
- फासीवाद में फासी शब्द लैटिन भाषा के फैसियो शब्द से बना है जिसका अर्थ है छड़ो का गट्ठर / Bundle Of Roads
- रोमन साम्राज्य में Bundle Of Roads को शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता था
- मुसोलिनी ने Bundle Of Roads के साथ Axe (कुल्हाड़ी) को शक्ति के प्रतीक के रूप में अपनाया।
- प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यह लगने लगा कि इटली भी रूस की तरह समाजवादी देश बन जायेगा क्योंकि इटली के नगरों में लेनिन चिरंजीवी हो के नारे गूंजने लगे किंतु अनुभव व कच्चे माल की कमी के कारण इटली में समाजवाद नही आया
- पेरिस के शांति सम्मेलन ने इटली की महत्वकांक्षाओ पर चोट पहुंचाई थी। मुसोलिनी ने पेरिस के शान्ति सम्मेलन को एक ओपनेवेशिक भौज कहा था
- केटलबी ने मुसोलिनी को इटली का गोलीटर (नाजी पार्टी का क्षेत्रीय नेता) कहा।
- मुसोलिनी ने इनसाइक्लोपीडिया इन इटेलियन में युद्धो को मानवीय ऊर्जा का उच्चतम स्तर कहा
- लैंग्सम के अनुसार धुरी या Axis शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग मुसोलिनी ने ही किया था
- मुसोलिनी का मानना था कि लोकतंत्र एक सड़ी हुई लाश के समान है
- मुसोलिनी हीगल के सर्वशक्तिवाद सिद्धांत में विश्वास करता था जिसके अनुसार राज्य साध्य है और मनुष्य साधन है
- हीगल – हीगल ने सभी विचारों का केंद्र राष्ट्र को बताया है हीगल के अनुसार व्यक्तियों को केवल उतने ही अधिकार प्राप्त होने चाहिए कि जितने की राष्ट्र प्रदान करता है
फासीवाद के सिद्धांत
- सवाइन लिखते है कि फासीवाद कोई स्पष्ट विचारधारा नही है यह विभिन्न स्रोतों का संकलन मात्र है जो समय की आवश्यकता के अनुसार लिए गए
- अल्फ़्राडो रांको के अनुसार फासीवाद एक नूतन जीवन की परिकल्पना, एक शक्तिशाली परिवर्तनकारी आंदोलन व संस्कृति के उन्नायक के रूप में देखा जा सकता है
- फासीवाद कार्ल मार्क्स की इतिहास की भौतिकतावादी व्याख्या व वर्ग संघर्ष को नही मानता है कार्ल मार्क्स के अनुसार ऐतिहासिक संबंध आर्थिक कारणो से निर्धारित होते है जबकि मुसोलिनी के अनुसार ऐतिहासिक संबंध राजनैतिक कारणों से निर्धारित होते है
- फासीवादी मार्क्सवाद की आलोचना करता है
- व्यक्तिवाद के विरुद्ध
- लोकतंत्र के विरुद्ध
- शांति के विरुद्ध
- शक्तिशाली राज्य की स्थापना
- साम्यवाद का विरोधी
- बुद्धिवाद का विरोधी
- स्वतंत्र व्यापार का विरोधी
- मुसोलिनी पहले साम्यवादी विचारधारा को मानने वाला था प्रथम विश्वयुद्ध के बाद इटली में भी साम्यवादी विचारधारा फैली किन्तु कच्चे माल की कमी व अनुभव की कमी के कारण इसका प्रसार नही हो पाया
- मुसोलिनी के द्वारा मार्च 1919 में इटली के मिलान स्थान पर फासिस्ट पार्टी का गठन किया गया फासिस्ट को मानने वाले सदस्य काली कमीज पहनते थे इसलिए इसे काली कुर्ती दल के नाम से भी जाना गया इस दल के सदस्य अनुशासन प्रिय थे और अपने साथ हथियार रखा करते थे मुसोलिनी इस काली कुर्ती दल का प्रधान कमांडर था जिसे ड्यूस कहा जाता था
- फासिस्ट पार्टी का पहला सम्मेलन 1922 में नेपल्स में आयोजित किया गया
फासीवाद के उदय के कारण
- EH कार के अनुसार युद्ध के परिणामों ने इटली की तृष्णा को बुझाने की जगह ओर बढ़ा दिया
- ब्रून एव मेमेते के अनुसार इटालियन पश्चिमी मित्र राष्ट्रों के मध्य अपने आप को एक गरीब अजनबी की तरह महसूस कर रहे थे
- विलसन के 14 सूत्रों में से पहले सूत्र में गुप्त सन्धियों का परित्याग करने की बात कही गयी इस कारण अप्रैल 1915 की लन्दन की गुप्त सन्धि में इटली को जो वादे किए गए वे सभी पूरी तरह लागू नही हुए
- इटली फ़्यूम पर अधिकार करना चाहता था किंतु जब उसे यह नही मिला तो 1919 में इटली के कवि एननजियो ने इस पर अधिकार कर लिया किंतु 1920 की रेपेलो की सन्धि के द्वारा इटली को फ़्यूम छोड़ना पड़ा एव यूगोस्लाविया को देना पड़ा।
- प्रथम विश्वयुद्ध में इटली का निराशाजनक प्रदर्शन
- प्रथम विश्वयुद्ध में इटली को मित्र राष्ट्रों ने ऑस्ट्रिया को पराजित करने की जिम्मेदारी सौंपी थी
- 1917 के कोपेरेतो के युद्ध मे ऑस्ट्रीया ने इटली को हराया
- 1918 में इटली के डियाज ने विक्टोरिया वेनेतो के युद्ध मे ऑस्ट्रीया को पराजित कर इटली को समान दिलाया
- राष्ट्रीयता पर आघात
- इटली अफ्रीका में औपनिवेशिक विस्तार करना चाहता था किंतु उसे सफलता नही मिली।
- 1881 में इटली ने ट्यूनिश पर अधिकार की कोशिश करी किंतु जर्मनी के समर्थन से फ्रांस ने इस पर अधिकार कर लिया
- 1910 में इटली ने ट्रीपोली पर अधिकार कर लिया
- सरकारो की अकर्मण्यता
- फासिस्ट पार्टी से पहले इटली में गणतंत्र की सरकार थी इस सरकार के द्वारा आर्थिक सुधार से संबंधित कोई कार्य नही किया गया
- इटली का सम्राट विक्टर इमेन्युल के काल मे व्यापारी, श्रमिक, किसान व सेना उसके खिलाफ हो गयी जिसका फायदा मुसोलिनी को प्राप्त हुआ
- साम्यवाद का भय
- हीगल के सिद्धांतों पर प्रचार
- हीगल के सिद्धांतों को इटली में जेंटिल एव प्रोजोलीन ने प्रचारित किया
- हीगल के सिद्धांतों में राज्य को दैवीय बताया गया था जो कभी गलती नहीं करता है
- आर्थिक संकट
- प्रथम विश्वयुद्ध के बाद इटली में व्यापार वाणिज्य का पतन हो गया राष्ट्र भुखमरी व बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गया अतः इटली में यह कहा जाने लगा “हमने युद्ध मे विजय तो प्राप्त कर ली परन्तु अपने राष्ट्र की शांति को खो दिया”
मुसोलिनी (1883-1945)
- जन्मस्थान – वेरोना डी कोस्टा (रोमोगना में)
- पिता – अलेक्सान्द्रा (एक लौहार)
- मुसोलिनी ने प्रारम्भ में शिक्षण का कार्य किया
- इसने एवेंटी व इन पौपले डी इटालियन नामक समाचार पत्र लिखे
- ★ 1919 में मुसोलिनी ने मिलान में फासिस्ट पार्टी की स्थापना करी।
- मुसोलिनी ने नेपोलियन को अपना आदर्श माना था
- मुसोलिनी ने कहा था – “विश्वास करो, आज्ञा मानो ओर लड़ो”
रोम मार्च (oct- 1922)
- नेपल्स में फासिस्ट पार्टी का सम्मेलन बुलाया गया
- इस सम्मेलन में मुसोलिनी ने इटली की सरकार के समक्ष 04 मांगे रखी गयी
- सरकार में 05 फासिस्ट मंत्री शामिल किए जावे
- नवीन चुनावो की घोषणा की जाए
- विदेश नीति को मजबूत किया जावे
- आर्थिक सुधार किये जावे
- इटली की सरकार ने उसकी मांगे नही मानी तो 27 अक्टूबर 1922 को मुसोलिनी अपनी काली कमीज वाले स्वयं सेवकों के साथ रोम आ गया। फेक्टा की सरकार ने त्यागपत्र दे दिया एव राजा विक्टर इमेन्युल ने मुसोलिनी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया
- मुसोलिनी का प्रथम सेनापति डियाज था
- मुसोलिनी अपने आप को ड्यूश / Duche (प्रतिभासंपन्न व्यक्ति) कहलाना पसंद करता था
मुसोलिनी की सरकार
- मिनिस्ट्री
- इसमे केवल फासिस्ट पार्टी के लोगो को ही शामिल किया जाता था
- यह एक प्रकार की कैबिनेट थी
- ग्रांड कौंसिल ऑफ फासिस्ट पार्टी
- इसमे फासिस्ट दल के 25 सदस्यों को शामिल किया गया
- यह फासिस्ट दल की सर्वोच्च समिति थी जिसका प्रधान मुसोलिनी था
- पार्लियामेंट
- इसके 02 सदन थे
- सीनेट
- इसके सदस्यों के चुनाव केवल मुसोलिनी करता था
- यह सद्स्य आजीवन इस सदन के सदस्य होते थे
- चैम्बर ऑफ डेप्यूटीज
- इसके सदस्यो के चुनाव के लिए फासिस्ट पार्टी 400 सदस्यों की सूची जारी करती थी इटली की जनता को इस सूची के पक्ष व विपक्ष में मत देने का अधिकार था
- सीनेट
- प्लेट व ड्रमंड के अनुसार मुसोलिनी कहता था कि कोई आश्चर्य नही है कि मैने स्वतंत्रता की सड़ी हुई लाश को दफन कर दिया
- कालांतर में मुसोलिनी ने अपनी राजनैतिक व्यवस्था को पूरी तरह आर्थिक व्यवस्था से जोड़ दिया उसने अलग अलग उद्योगों की एव अलग अलग काम करने वालो की सिंडिकेट बनाई।
- मुसोलिनी के राज्य को सिंडिकेट निगमित राज्य भी कहा जाता है
- सिंडिकेट व्यवस्था – मुसोलिनी के द्वारा लागू की गई यह व्यवस्था उद्योगपति व श्रमिको के मध्य संघर्ष को समाप्त करने के लिए लायी गयी 1926 में लायी गयी सिंडिकेट व्यवस्था के तहत 1927 में मजदूर घोषणा पत्र जारी किया गया जिसके तहत मजदूरों को रविवार का अवकाश (सवैतनिक) दिया गया एवं मजदूरों के मनोरंजन के लिए डोपालोबोरा नामक संगठन बनाया गया
मुसोलिनी / फासिस्ट दल की गृहनीति
- आर्थिक सुधार
- मुसोलिनी ने डी स्टेफोनी को वित्त व उद्योग मंत्री बनाकर आर्थिक सुधार के कार्यक्रम लागू किये
- मुसोलिनी के समय इटली की फियेट कार कम्पनी ने भी काफी विकास किया
- लेटरन समझौता – [11 फरवरी 1929]
- मुसोलिनी की सरकार ने यह समझौता पॉप पायस 11 वे के साथ किया। इस समझौते पर पॉप की ओर से कार्डिनल गेस्पारि के द्वारा हस्ताक्षर किए गए
- इस समझौते की 03 प्रमुख बाते थी
- पॉप के नेतृत्व में वेंटिकन एक स्वतंत्र देश बना।
- केथोलिक धर्म को इटली में मान्यता दी गयी
- इटली ने पॉप को क्षति पूर्ति के रूप में धन देना भी स्वीकार किया।
- युवक व युवतियों का संगठन
- बॉलिला –
- 8 से 14 वर्ष के बच्चों का संगठन
- अवानगार्डिया –
- 15 से 18 वर्ष के युवाओं का संगठन
- गिओवानी फासिस्टी
- 19 से 21 वर्ष के युवाओं का संगठन
- लड़के व महिलाओं के लिए गिओवानी इटालियन एव पिकोले इटालियन नामक संगठन बनाये गए
- आंतक के राज्य की स्थापना
- ओवेरा –
- गुप्त पुलिस
- पोडेस्टा –
- नगरपालिकाओं में मुसोलिनी द्वारा निर्वाचित व्यक्तियों के स्थान पर नियुक्त किये गए व्यक्ति
- प्रान्तों में मुसोलिनी ने प्रीफेक्ट नामक अधिकारी नियुक्त किये
- स्कवैड्रीज्म –
- लेंगसम के अनुसार मुसोलिनी ने लोगो को आंतकित करने के लिए जो नीति अपनाई उसे स्कवैड्रीज्म कहते है
- गिओविनोजा –
- इटली का राष्ट्रीय गीत था
- डोपालावेरा –
- इटली में छुट्टियो में मजदूरों के मनोरंजन के लिए यह संस्थाएं बनाई गई
मुसोलिनी की विदेश नीति
- रोडस व डोडेकनीज पर अधिकार
- इटली भूमध्यसागर में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता था एव इटली को बन्दरगाहों तक पँहुचने के लिए इन क्षेत्रों की आवश्यकता थी
- 1923 में लोसाने की संधि के द्वारा यह क्षेत्र तुर्की से प्राप्त हुए
- कोर्फ्यू पर आक्रमण
- कोर्फ्यू यूनान का क्षेत्र था इस क्षेत्र पर 1923 में इटली ने आक्रमण कर दिया। यह मामला सुलझाने के लिए राजदूतों का सम्मेलन बुलाया गया इटली ने कोर्फ्यू से सेना हटाने की बात मान ली
- फ़्यूम की प्राप्ति – 1924
- इसे प्राप्त करने के लिए इटली ने युगोस्लाविया के साथ समझौता किया इस समझौते के द्वारा फ़्यूम का बन्दरगाह इटली को मिला व फ़्यूम का प्रमुख नगर पोर्ट बर्रास युगोस्लाविया के पास रहा
- अल्बानिया को संरक्षित राज्य बनाना (नवम्बर 1926)
- यहां पर अहमद बे जोगु के नेतृत्व में सरकार थी इस सरकार ने 1926 में इटली के साथ टिराना की संधि कर ली जिसके द्वारा अल्बानिया इटली का संरक्षित राज्य बन गया
- अबीसीनिया पर आक्रमण – (1935)
- अफ्रीका में इटली के साम्राज्य में लीबिया त्रिपोली व सोमानीलेण्ड के नजदीक अबीसीनिया का क्षेत्र था
- इटली इस पर अधिकार करके अफ्रीका में अपना साम्राज्य बढ़ाना चाहता था
- दिसम्बर 1934 में इटली व अबीसीनिया की सीमा पर वालवाल नामक स्थान पर दोनों देशों के सैनिकों की झड़प हो गयी एव दोनो पक्ष के सैनिक मारे गए
- इस घटना के कारण जनवरी 1935 में इटली ने अबीसीनिया पर आक्रमण कर दिया इस मामले को ब्रिटेन राष्ट्रसंघ में ले गया
- राष्ट्रसंघ ने 16वी धारा के अनुसार इटली पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया।
- इटली पर आर्थिक प्रतिबंध लगवाने के बाद ब्रिटेन तनाव में आ गया
- दिसम्बर 1935 में ब्रिटेन का विदेश मंत्री सेम्युअल होर फ्रांस के विदेश मंत्री लावाल्स से मिलने पहुंचा यही पर कुख्यात लावाल्स होर समझौता हुआ इस समझौते में स्वीकारा गया कि इटली ने अबीसीनिया में जितने क्षेत्र जीते है उससे ज़्यादा क्षेत्र इटली को दे दिया जावे एव इटली पर लगे आर्थिक प्रतिबंधो को कमजोर करते हुए उसे तेल की आपूर्ति नही रोकी जाये
- होर लावाल्स समझौते से प्रेरित होकर 1936 में इटली ने अबीसीनिया पर अधिकार कर लिया 1938 में ब्रिटेन व फ्रांस ने भी इस समझौते को मान्यता दे दी
■ भद्र पुरुष समझौता / जेंटलमैन अग्रीमेंट – 1937
Contents
- यह समझौता ब्रिटेन व इटली के मध्य हुआ
- गेथोन हार्डी ने व्यंग्यात्मक रूप से इसे भद्र पुरूष समझौता कहा
- स्पेन का गृहयुद्ध (1936- 39)
- इस गृहयुद्ध को लघु द्वितीय विश्वयुद्ध भी कहा जाता है
- स्पेन में जनरल फ्रांको ने वहाँ की गणतंत्र सरकार को नष्ट करके तानाशाही सरकार की स्थापना करी थी
- इस मामले में इंग्लैंड व फ्रांस ने तटस्थता की नीति अपनायी
- इटली व जर्मनी ने फ्रांको को सहायता दी एकमात्र देश जिसने स्पेन की गणतंत्र सरकार को बचाने का प्रयास किया था वह रूस था
- जून 1940 में इटली जर्मनी के पक्ष में द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हो गया