मध्यकालीन यूरोप की प्रमुख घटनाएं निम्नलिखित है
- सामंतवाद का उदय - सामंतवाद के लिए फेडयूलिस्म व कमेंडेशन शब्द भी काम मे लिया जाता है
अंग्रेजी का फेडयूलिस्म शब्द जर्मन भाषा के फ़्यूडल शब्द से बना है जिसका अर्थ होता - जमीन का टुकड़ा
यूरोप में बर्बर आक्रमणो से रक्षा के रूप में सामंतवाद का उदय हुआ किंतु भारत मे प्रशासनिक आवश्यकताओं के नाम पर सामंतवाद आया था
भारतीय सामंतवाद प्रारंभ में आनुवांशिक था किंतु यूरोपियन नही
भारतीय सामंतवाद मे राजा एव सामन्त के मध्य रक्त संबंध भी नजर आता है किंतु यूरोपियन सामंतवाद मे ऐसा नही था
- शार्लमा का शासन (768 - 814 ई)
स्विस इतिहासकार जैकब बुर्कहार्ट की रचना ‘सिविलाइजेशन ऑफ रिनेसाँ इन इटली’ के प्रकाशन के बाद में यह मान्यता चरम सीमा पर पहुंच गई कि यूरोप का मध्यकाल पूरी तरह अंधकार का युग था एवं लंबी नैतिक एव बौद्धिक जड़ता के बाद पुनर्जागरण का उदय हुआ किंतु वर्तमान में इस धारणा को सही नही माना जाता है
यूरोप में शार्लमा के शासनकाल में साहित्य, कला व विज्ञान में विकास हुआ था इसके शासनकाल को कैरोलिंगयन पुनर्जागरण भी कहते है
रोमन साम्राज्य के पतन के बाद यूरोप में अव्यवस्था उत्पन्न हुई
फ्रेंक जाति ने आक्रमण करके गॉल (फ्रांस) पर अधिकार कर लिया इसी जाति में शार्लमा नामक शासक हुआ
शार्लमा के राज्य को फ्रेंकिश राज्य भी कहा जाता है
9 वी शताब्दी ई मे पॉप लियो 3rd के विरुद्ध जनता ने बगावत कर दी थी तब पॉप को पुनः पद शार्लमा ने दिलवाया था पॉप ने शार्लमा को पवित्र रोमन सम्राट की उपाधि दी थी
शार्लमा के पतन के बाद पवित्र रोमन साम्राज्य कमजोर हो गया किंतु फिर भी यह 19 वी शताब्दी ई तक चलता रहा
नेपोलियन ने 19 वी शताब्दी में पवित्र रोमन साम्राज्य को भंग कर दिया था
- अंधकार युग मे रोम को दुनियां की राजधानी माना जाता था
- चर्च का प्रमुख पॉप होता था
- जो अपने आप को सर्वोच्च मानता था
- जो भी शिक्षा दी जाती थी वह चर्च के माध्यम से दी जाती थी
- चर्च का उद्देश्य - धर्म का प्रचार करना था
- चर्च ने यहाँ तक कहा था - “मनुष्य का पृथ्वी पर जन्म लेना ही पाप है अगर मनुष्य अपने जीवन मे सुधार चाहता है तो उसे चर्च की शरण मे आना पड़ेगा” मनुष्य के पास दो विकल्प है 1 स्वर्ग , 2- नरक
स्वर्ग की चाबी पीटर के हाथों में है और पीटर को ईसाई धर्म का पहला पॉप माना जाता है
- यदि कोई व्यक्ति चर्च की मान्यता का विरोध करता है तो उसे जिंदा जला दिया जाता था
- धर्मयुद्ध / क्रुसेड - इसे पुर्नजागरण के कारणों में बताया हुआ है
- मेनर शब्द का अर्थ - एक गांव का कृषि फार्म
- मेनर व्यवस्था का वास्तविक उद्देश्य - किसानों का शोषण करना था
- श्रेणि व्यवस्था / ग्रिल्ड सिस्टम
- जब समाज मे एक समूह विशेष एक ही व्यवसाय को विकसित करते है तब श्रेणी विकसित होती है इस व्यवस्था के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी योग्यता व इच्छा के अनुसार कार्य नही कर सकता था