Blogपशु परिचर MCQ पशु प्रजनन बंधियाकरण कृत्रिम गर्भाधान Last updated: 2024/04/05 at 1:48 PM rajexaminfo.com Share 0 Min Read SHARE पशु प्रजनन बंधियाकरण MCQ 1 / 16 बंधियाकरण की किस विधि में बर्डीजो केस्ट्रेटर का उपयोग किया जाता है ? (LSA 2018) बंद विधि खुली विधि अर्द्ध बन्द विधि अर्द्ध खुली विधि बंध्याकरण ऐसी प्रक्रिया जिसमे नर व मादा पशु को प्रजनन के लिए अयोग्य बना देना यानी नर व मादा के प्राथमिक जनन अंग (वृषण तथा अण्डाशय ) को हटा देना बंध्याकरण कहलाता है मांस उत्पादन, शांत स्वभाव तथा आसानी से नियंत्रित करने के लिए किया जाता है मुख्य रूप से 02 विधिया प्रचलित है खुली विधि - इसमे सर्जरी के माध्यम से किया जाता है जिसमे खून बहना एव संक्रमण का खतरा बना रहता है जैसे - चीरा लगाकर वृषण बाहार निकालना चीरा लगाकर वृषण निकालना यह कार्य पशु चिकित्सक की देखरेख में किया जाता है बन्द विधि - इसे रक्तविहीन विधि भी कहते है इसमें चीरा लगाने की आवश्यकता नही रहती है इसकी 02 विधिया प्रचलित है बुडिन्जोकास्ट्रेटर द्वारा इस यंत्र की सहायता से पशुओ को बँधीयाकरण किया जाता है इस विधि को रक्त रहित कस्ट्रेशन भी कहते है यह सर्वाधिक प्रचलित एव कारगार विधि है एलेस्ट्रेटर विधि इस विधि मे अण्डकोष पर रबड़ का सख्त छल्ला चढ़ा दिया जाता है 2 / 16 बंधियाकरण के लिए कोनसे औजार का प्रयोग करते है ? (JET 2015) जेम्बो केंची सुई बर्डीजो ◆ वेसेक्टोमी नर बंधियाकृत पशु को वेसेक्टोमी कहते है बछड़ा को बैल बनाने के उद्देश्य से बंधियाकरण उम्र - 2 से 2.5 वर्ष भेड़ व बकरी के नर की मांस प्रति के उद्देश्य से बँधीयाकरण उम्र - 6 से 12 माह ★ उरोलिथियासिस - इसे गुर्दे की पथरी भी कहते है ये नर बंधियाकरण पशुओ में अधिक मिलती है पशु का नाम बंधियाकरण के लिए उत्तम समय (मांस हेतु) बंधियाकृत नर गाय 6 से 12 माह स्टीर भैंस 6 से 12 माह स्टीर भेड़ 6 माह वीडर बकरी 6 माह बक ऊंट 1.5 से 2 वर्ष स्टीर सुअर 4 से 6 सप्ताह स्टेग / हॉग मुर्गा 8 से 10 सप्ताह केपन ★ NOTE - गाय , भैंस के बैल हेतु 1.5 से 2 वर्ष में बंधियाकरण करते है बंधियाकृत नर बुलक कहलाता है बंधियाकृत नर बकरा वीडर कहलाता है बंधियाकृत मादा पशु को स्पेइंग कहते है 3 / 16 बकरी के बच्चे का बंधियाकरण का सही समय है ? (कृषि पर्यवेक्षक 2021) 2 से 4 सप्ताह 15 से 20 सप्ताह 8 से 10 सप्ताह 10 दिन पशु का नाम बंधियाकरण के लिए उत्तम समय (मांस हेतु) बंधियाकृत नर गाय 6 से 12 माह स्टीर भैंस 6 से 12 माह स्टीर भेड़ 6 माह वीडर बकरी 6 माह बक ऊंट 1.5 से 2 वर्ष स्टीर सुअर 4 से 6 सप्ताह स्टेग / हॉग मुर्गा 8 से 10 सप्ताह केपन 4 / 16 सांड के बंधियाकरण की उम्र होती है ? (JET 2020) 2 वर्ष 3 वर्ष 1 वर्ष 1.5 वर्ष पशु का नाम बंधियाकरण के लिए उत्तम समय (मांस हेतु) बंधियाकृत नर गाय 6 से 12 माह स्टीर भैंस 6 से 12 माह स्टीर भेड़ 6 माह वीडर बकरी 6 माह बक ऊंट 1.5 से 2 वर्ष स्टीर सुअर 4 से 6 सप्ताह स्टेग / हॉग मुर्गा 8 से 10 सप्ताह केपन ★ NOTE - गाय , भैंस के बैल हेतु 1.5 से 2 वर्ष में बंधियाकरण करते है बंधियाकृत नर बुलक कहलाता है बंधियाकृत नर बकरा वीडर कहलाता है बंधियाकृत मादा पशु को स्पेइंग कहते है 5 / 16 किसमे सीमन की मात्रा सर्वाधिक होती है ? (JET 2018) कुत्ता घोड़ा सांड सुअर एक बार मे स्खलित वीर्य की मात्रा गाय - 5 से 8 ml भैंस - 5 से 8 ml भेड़ - 1 से 2 ml बकरी - 1 से 2 ml घोड़ा - 125 ml ★ सुअर - 250 ml ★ NOTE - कृत्रिम गर्भाधान के लिए एक मिनिस्ट्रा मे 0.25 ml वीर्य की मात्रा होती है BBC टेस्ट वीर्य की शुद्धता जानने के लिए किया जाने वाला टेस्ट MBR टेस्ट वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या व गतिशीलता जानने के लिए किया जाता NOTE - 1 सांड 1 वर्ष में 50 से 60 गाये गर्भित करवा सकते है जबकि कृत्रिम गर्भाधान से 2000 से 3000 गाये गर्भित करवा सकते है वीर्य को एकत्रित करने का उपयुक्त समय - प्रातः काल वीर्य को एकत्रित करने का उचित मौसम - सर्दी का 6 / 16 गायो का गर्भकाल होता है ? (अस्सिस्टेंट एग्रीकल्चर 2019) 230 से 235 दिनों का 280 से 285 दिनों का 305 से 310 दिनों का 315 से 320 दिनों का फ्लसिंग गर्भित पशुओ को अलग से सांद्रित पदार्थ खिलाना फ्लसिंग कहलाता है गर्भकाल मादा के गर्भ में होने की जांच गर्भित होने के 02 माह बाद करते है जिसे रेक्टम पाल्पेशन विधि कहते है पशु का नाम गर्भकाल अवधि ★ गाय 9 माह 9 दिन ★ भैंस 10 माह 10 दिन ★ बकरी 151 दिन ★ भेड़ 147 दिन ★ ऊंट 395 दिन ★ मुर्गी 21 दिन सुअर 114 - 120 दिन घोड़ी 340 दिन ★ हाथी 640 दिन 7 / 16 भेड़ में मदचक्र की अवधि कितनी होती है ? (कृषि पर्यवेक्षक 2017) 16.5 दिन 18.5 दिन 20.5 दिन 13.5 दिन मदचक्र दो मदकालो के बीच का समय पशु का नाम मदचक्र अवधि ★ गाय 21 दिन ★ भैंस 21 दिन ★ बकरी 21 दिन ★ भेड़ 16.5 दिन ऊंट 14 दिन सूअर 16 दिन ★ पशु के गर्भित कराने का सर्वोच्च समय मद मे आने के 12 से 18 घण्टे के बीच का होता है गाय, भैंस मुख्यतः ब्याने के 2 से 3 महिनो के बाद पुनः मद मे आ जाती है 8 / 16 गाय में मदचक्र की अवधि होती है ? (स्कूल व्याख्यता 2022) 2 से 8 दिन 10 से 16 दिन 18 से 24 दिन 26 से 32 दिन मदचक्र दो मदकालो के बीच का समय पशु का नाम मदचक्र अवधि ★ गाय 21 दिन ★ भैंस 21 दिन ★ बकरी 21 दिन ★ भेड़ 16.5 दिन ऊंट 14 दिन सूअर 16 दिन ★ पशु के गर्भित कराने का सर्वोच्च समय मद मे आने के 12 से 18 घण्टे के बीच का होता है गाय, भैंस मुख्यतः ब्याने के 2 से 3 महिनो के बाद पुनः मद मे आ जाती है 9 / 16 निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है ? (एग्रीकल्चर सुपरवाइजर ) भेंस की गर्भकाल अवधि गाय से अधिक होती हैं भैंस ओर गाय की मदचक्र अवधि समान होती है बकरी की गर्भकाल अवधि भेड़ से कम होती है उपर्युक्त सभी गर्भकाल मादा के गर्भ में होने की जांच गर्भित होने के 02 माह बाद करते है जिसे रेक्टम पाल्पेशन विधि कहते है पशु का नाम गर्भकाल अवधि ★ गाय 9 माह 9 दिन ★ भैंस 10 माह 10 दिन ★ बकरी 151 दिन ★ भेड़ 147 दिन ★ ऊंट 395 दिन ★ मुर्गी 21 दिन सुअर 114 - 120 दिन घोड़ी 340 दिन ★ हाथी 640 दिन 10 / 16 कोनसा रसायन वर्तमान में संरक्षित वीर्य को शीतलन करने के लिए काम मे आता है ? (स्कूल व्याख्यता 2022) द्रव CO2 ठोस CO2 ठोस N2 तरल N2 ★ वीर्य का संरक्षण वीर्य को तरल नाइट्रोजन मे (-196 ℃) या कार्बन डाईऑक्साइड (-79 ℃) तापमान पर संरक्षित किया जाता है रेफ्रिजरेटर में 5℃ के तापमान पर किया जाता है ★ वीर्य का तनुकरण इसके लिए अंडे का पीत + फ्रुक्टोज़ (शर्करा) + ग्लिसरीन मिलाते है ★ थ्राविंग वीर्य को बर्फ से पिघलाना थ्राविंग कहलाता है यह कार्य 37 ℃ तापमान पर किया जाता जो कि 30 सेकेण्ड तक कि प्रक्रिया होती है इसमें गर्म पानी का प्रयोग किया जाता है ★ विटामिन E - पशुओ में विटामिन E की कमी से प्रजनन क्षमता कम हो जाती है इसे बंधयरोधी घटक भी कहते है क्रायो प्रिजर्वेशन वीर्य को द्रवित नाइट्रोजन मे भण्डारित करना क्रायो प्रिजर्वेशन कहलाता है 11 / 16 कृत्रिम गर्भाधान के लिए सीमेन को किस तापमान पर संग्रहित करते है ? (कृषि पर्यवेक्षक 2018) 25℃ 50℃ 15℃ 5℃ ★ वीर्य का संरक्षण वीर्य को तरल नाइट्रोजन मे (-196 ℃) या कार्बन डाईऑक्साइड (-79 ℃) तापमान पर संरक्षित किया जाता है रेफ्रिजरेटर में 5℃ के तापमान पर किया जाता है ★ वीर्य का तनुकरण इसके लिए अंडे का पीत + फ्रुक्टोज़ (शर्करा) + ग्लिसरीन मिलाते है ★ थ्राविंग वीर्य को बर्फ से पिघलाना थ्राविंग कहलाता है यह कार्य 37 ℃ तापमान पर किया जाता जो कि 30 सेकेण्ड तक कि प्रक्रिया होती है इसमें गर्म पानी का प्रयोग किया जाता है ★ विटामिन E - पशुओ में विटामिन E की कमी से प्रजनन क्षमता कम हो जाती है इसे बंधयरोधी घटक भी कहते है क्रायो प्रिजर्वेशन वीर्य को द्रवित नाइट्रोजन मे भण्डारित करना क्रायो प्रिजर्वेशन कहलाता है 12 / 16 गाय के कृत्रिम गर्भाधान के समय वीर्य जमाव (deposition) हेतु सर्वश्रेष्ठ स्थान कोनसा है ? (अस्सिस्टेंट ऑफिसर 2010) गर्भाशय ग्रीवा छिद्र मध्य गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का अंतिम शिरा योनि में कृत्रिम गर्भाधान की विधियां रेक्टोवेजाइनल / गुदा योनि विधि गाय व भैंस में काम मे ली जाती है इस प्रकार गर्भित करने में अंतिम चरण - मादा में वीर्य का सेंचन (insemination) होता है इसमें एक हाथ मलद्वार में डालकर गर्भाशय ग्रीवा को बाहर से पकड़ लेते है तथा दूसरे हाथ से जीवाणु रहित प्लास्टिक की पिपेट योनि में धीरे धीरे डालते है पिपेट का एक शिरा ★ मध्य गर्भाशय ग्रीवा तक पहुंचना चाहिए तथा उसके बाहरी सिरे से 05 मिली. वीर्य को पिचकारी के द्वारा अंदर पहुंचा देते है वेजाइनल स्पेकुलम / VAGINAL SPECULUM METHOD भेड़ व बकरी मे काम ली जाती वेजाइनल विधि / VAGINAL METHOD घोड़ी में Corck - screw pipette method सुअरिया ★ NOTE - कृत्रिम गर्भाधान मे सीमेन को मध्य गर्भाशय ग्रीवा मे छोड़ा जाता है 13 / 16 तरल वीर्य को किस तापमान पर संग्रहित किया जाता है ? (कृषि पर्यवेक्षक ) -96℃ -196℃ 96℃ 196℃ कृत्रिम योनि कृत्रिम योनि का उपयुक्त तापमान 39 से 41℃ ★ वीर्य का संरक्षण वीर्य को तरल नाइट्रोजन मे (-196 ℃) या कार्बन डाईऑक्साइड (-79 ℃) तापमान पर संरक्षित किया जाता है रेफ्रिजरेटर में 5℃ के तापमान पर किया जाता है ★ वीर्य का तनुकरण इसके लिए अंडे का पीत + फ्रुक्टोज़ (शर्करा) + ग्लिसरीन मिलाते है ★ थ्राविंग वीर्य को बर्फ से पिघलाना थ्राविंग कहलाता है यह कार्य 37 ℃ तापमान पर किया जाता जो कि 30 सेकेण्ड तक कि प्रक्रिया होती है इसमें गर्म पानी का प्रयोग किया जाता है ★ विटामिन E - पशुओ में विटामिन E की कमी से प्रजनन क्षमता कम हो जाती है इसे बंधयरोधी घटक भी कहते है क्रायो प्रिजर्वेशन वीर्य को द्रवित नाइट्रोजन मे भण्डारित करना क्रायो प्रिजर्वेशन कहलाता है 14 / 16 कृत्रिम गर्भाधान किन कारणों से सफल नही हो पाता है ? (JET 2008) मशीनों के प्रयोग के कारण खर्चा अधिक हो जाता है सफल होने की दर न्यूनतम रहती है उत्पादन बनते वो विकृत अवस्था मे प्राप्त होते अच्छे बेलों के वीर्य की कमी कृत्रिम गर्भाधान विश्व मे प्रथम कृत्रिम गर्भाधान 1777 मे ★ लाफार्ज स्टॉलनलोजी ने किया भारत मे प्रथम गर्भाधान 1939 मे डॉक्टर ★ संपत कुमार द्वारा किया गया कृत्रिम गर्भाधान द्वारा प्रथम ★ बफ़ेलो काल्फ का जन्म 1946 में इलाहाबाद कृषि संस्थान (उत्तरप्रदेश) मे हुआ भेड़ का प्रथम क्लोन ★ डोली (1996 मे स्कोटलैंड) विकसित किया गया क्लोनिंग बिना नर मादा के (असेक्सुअल) प्रजनन होता है जहाँ अंड कोशिका मे DNA को प्रतिरोपित कर दिया जाता है जिसका DNA प्रतिरोपित किया जाता है जन्म लेने वाला क्लोन उसका हूबहू प्रतिरूप होता है डोली भेड़ मे जिस भेड़ का DNA लिया गया था डोली उसका प्रतिरुप थी गाय का प्रथम क्लोन - ★ कागा 1998 जापान में भैंस का प्रथम क्लोन - ★ प्रथम जिसकी 7 दिन में मृत्यु हो गयी जो NDRI द्वारा वर्ष 2009 में विकसित किया गया दूसरा क्लोन - ★ गरिमा का जन्म हुआ जो सफल रहा (जून 2009 में) 15 / 16 कोनसी कृत्रिम गर्भधान तकनीक का प्रयोग बकरी में किया जाता है ? (LSA 2018) रेक्टोवेजाइनल / गुदा योनि विधि वेजाइनल स्पेकुलम / VAGINAL SPECULUM METHOD वेजाइनल विधि / VAGINAL METHOD Corck - screw pipette method कृत्रिम गर्भाधान की विधियां रेक्टोवेजाइनल / गुदा योनि विधि गाय व भैंस में काम मे ली जाती है इस प्रकार गर्भित करने में अंतिम चरण - मादा में वीर्य का सेंचन (insemination) होता है इसमें एक हाथ मलद्वार में डालकर गर्भाशय ग्रीवा को बाहर से पकड़ लेते है तथा दूसरे हाथ से जीवाणु रहित प्लास्टिक की पिपेट योनि में धीरे धीरे डालते है पिपेट का एक शिरा ★ मध्य गर्भाशय ग्रीवा तक पहुंचना चाहिए तथा उसके बाहरी सिरे से 05 मिली. वीर्य को पिचकारी के द्वारा अंदर पहुंचा देते है वेजाइनल स्पेकुलम / VAGINAL SPECULUM METHOD भेड़ व बकरी मे काम ली जाती वेजाइनल विधि / VAGINAL METHOD घोड़ी में Corck - screw pipette method सुअरिया ★ NOTE - कृत्रिम गर्भाधान मे सीमेन को मध्य गर्भाशय ग्रीवा मे छोड़ा जाता है 16 / 16 पशुओ में प्रजनन की विधियां का प्रकार है ? (कृषि पर्यवेक्षक 2012) अंत प्रजनन बही प्रजनन बही संकरण उपर्युक्त सभी ■ पशु प्रजनन की विधियां अंत प्रजनन ★ जब एक ही नस्ल के पशुओं के बीच प्रजनन होता है ऐसे प्रजनन मे एक ही नस्ल के पशुओं के बीच 4 से 6 पीढ़ियों तक संगम कराया जाता है अतः प्रजनन हानिप्रद अप्रभावी जीन को उजागर करता है वह प्रभावी जीन चयन द्वारा निष्कासित किए जा सकते है बहि प्रजनन ★ इस प्रकार के पशु प्रजनन मे उन पशुओ से संगम कराया जाता है जिनका आपस मे कोई संबंध नही होता है ऐसे प्रजनन मे एक ही नस्ल के दो पशुओ के बीच संगम हो जाता है किंतु दोनो पशुओ के पूर्वजों मे समानता नही हो, बहि प्रजनन मे भिन्न भिन्न प्रजातियों के बीच प्रजनन सम्मिलित है बहि संकरण ★ इस विधि मे ऐसे पशुओ के बीच संगम कराया जाता है जिनकी 4 से 6 पीढ़ियों तक नर तथा मादा दोनो तरफ की उभयवन्शावली नही होनी चाहिए संगम की यह विधि ऐसे पशुओ के प्रजनन मे श्रेष्ठ मानी जाती है संकरण ★ इस प्रकार के प्रजनन मे श्रेष्ठ नस्ल के नर तथा मादा के बीच संगम कराया जाता है इस संगम से दोनों पशुओ के श्रेष्ठ गुणों के संयोजन मे मदद मिलती है संकरण विधि द्वारा भेड़ की एक नई नस्ल हिसारडेल विकसित की गई है जिसमे बीकानेरी मादा व मैरिनो नर का संकरण किया गया Your score is The average score is 47% 0% Restart quiz Share this… Telegram Whatsapp TAGGED: पशु परिचर के mcq, पशु परिचर के नोट्स, पशु परिचारक Share This Article Facebook Twitter Copy Link Print Leave a comment Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. 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