
नर्मदा नदी, भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख और ऐतिहासिक नदियों में से एक है। मध्य भारत में बहने वाली यह नदी 1312 किलोमीटर की लंबाई के साथ, गुजरात और मध्य प्रदेश राज्यों के बीच एक महत्वपूर्ण जलमार्ग के रूप में कार्य करती है। नर्मदा नदी, अपनी संगीनी सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इसके तट पर बसे विभिन्न मंदिर, तीर्थ स्थल और गांव इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं। यह नदी भारतीय पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में भी विशेष स्थान रखती है, और इसके जल की पवित्रता की मान्यता के कारण कई लोग इसे “माँ नर्मदा” के रूप में पूजा करते हैं।
- नर्मदा नदी का उद्गम – अमरकंटक की पहाड़ियां (मध्यप्रदेश)
- संगम – अरब सागर (खम्भात की खाड़ी)
- नर्मदा नदी की लंबाई – 1312 किमी
- यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली भारत की सबसे लंबी नदी है
- यह भ्रंश घाटी में बहने वाली भारत की सबसे लंबी नदी है
- इसका प्रवाह मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात राज्यो में होता है
- इस नदी पर मध्यप्रदेश में कपिलधारा व धुँआधार / भेड़घाट जल प्रपात का निर्माण होता है
- नर्मदा नदी जल विवाद मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात तथा राजस्थान के मध्य है
- राजस्थान को नर्मदा नदी का 0.50 MAF जल आवंटित है जिसके लिए नर्मदा नहर निकाली गई है
- मध्यप्रदेश में इस नदी पर ओमकारेश्वर व इन्दिरा गान्धी सागर बांध परियोजनाएं निर्मित है
- मध्यप्रदेश में इसकी सहायक तवा नदी पर तवा बांध परियोजना निर्मित है
- गुजरात में इस नदी पर सरदार सरोवर बांध निर्मित है इसी बांध से राजस्थान हेतु नर्मदा नहर निकाली गई है जो जालौर व बाड़मेर जिलो में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराती है इस नहर परियोजना द्वारा 100% सिंचाई फव्वारा पद्धति व बून्द बून्द सिंचाई पद्धति द्वारा उपलब्ध है
FAQ
narmada nadi me shivling kahan milta hai
Answer मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित बकावां नामक गांव नर्मदा नदी के तट पर बसा हुआ है। इस छोटे से गांव में एक प्राचीन शिवलिंग पाया जाता है, जो स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के लिए धार्मिक महत्व रखता है। यह स्थल अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, और नर्मदा नदी के पवित्र जल के किनारे बसे इस गांव का महत्व स्थानीय जनजीवन में गहरा है।