गोदावरी नदी, भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है, जो 1465 किलोमीटर की दूरी तय करती है। यह नदी पश्चिमी घाट से निकलकर पूर्वी भारत के समुद्र में बहती है। गोदावरी का पानी कृषि, पेयजल और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके किनारे बसे शहर और गांव इसकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अहमियत को दर्शाते हैं। गोदावरी नदी को भारतीय पौराणिक कथाओं में भी विशेष स्थान प्राप्त है, और इसके संगम स्थल और तीर्थ स्थल धार्मिक यात्रा के प्रमुख केंद्र बने हुए हैं।
- गोदावरी नदी का उद्गम – त्र्यम्बकं नासिक (महाराष्ट्र)
- संगम – बंगाल की खाड़ी
- प्रवाह – महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश
- गोदावरी नदी की लम्बाई – 1465 किमी
- यह प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है
- तेलंगाना में इस पर निजाम सागर बांध बना है
- इसे दक्षिण की गंगा या दक्षिणी भारत की गंगा या वृद्ध गंगा या बूढ़ी गंगा कहा जाता है
- इस नदी के तट पर नासिक में कुम्भ का आयोजन किया जाता है यह नदी अपने डेल्टाई भाग में दो शाखाओं में विभाजित होती है जिसकी एक शाखा को गौतमी नदी के नाम से जाना जाता है
- इस नदी के तट पर आंध्रप्रदेश में राजमुंदरी नगर स्थित है जहां केन्द्रीय तम्बाकू अनुसन्धान संस्थान स्थित है
- सहायक नदियां
- बायीं ओर मिलने वाली
- प्राणहिता नदी –
- यह नदी पेनगंगा, वर्धा व वेनगंगा नदियो के मिलने से निर्मित होती है
- प्राणहिता नदी महाराष्ट्र व छतीसगढ़ की सीमा बनाती है
- इंद्रावती नदी –
- यह नदी अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलकर छतीसगढ़ के पठार में से बहते हुए तेलंगाना में गोदावरी में मिलती है
- यह नदी छतीसगढ़ व उड़िसा की सीमा बनाती हैं
- सबरी नदी –
- यह नदी ओड़िया से निकलकर आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी में मिलती है
- यह उडीसा व आंध्रप्रदेश राज्यो की सीमा बनाती है
- प्राणहिता नदी –
- दाई ओर मिलने वाली
- मंजरा नदी –
- यह नदी तेलंगाना में गोदावरी नदी में मिलती है
- इसी नदी पर तेलंगाना में निजाम सागर बांध बना हुआ है
- मंजरा नदी –
- बायीं ओर मिलने वाली