औधोगिक क्रांति
मित्रो हमने औधोगिक क्रांति को पूर्ण रूप से एग्जाम के लिए उपयोगी नोट्स बनाये है
औधोगिक क्रांति को हमने विभिन्न चरणों के माध्यम से पूरा किया है जो पढ़ने के लिए उपयोगी है जैसे
औधोगिक क्रांति के चरण
औधोगिक क्रांति के कारण
औधोगिक क्रांति के प्रभाव
दोस्तो हमने विश्व इतिहास के अन्य टॉपिक के नोट्स भी उपलब्ध करवाए है

- औधोगिक क्रांति से तात्पर्य – उत्पादन के साधनों में नवीन तकनीक का प्रयोग ही औधोगिक क्रांति है
- 19 वी शताब्दी के विश्व इतिहास को 02 क्रांतियों ने प्रभावित किया
- J E स्वेन जैसे इतिहासकार भी आधुनिक विश्व इतिहास को 02 क्रांतियों के परिणाम के रूप में देखते है
- फ्रांस की क्रांति
- औद्योगिक क्रांति
- औधोगिक क्रांति में जो परिवर्तन हुए उनकी तुलना नवपाषाण काल में हुए परिवर्तनों से भी की जा सकती है
- औधोगिक क्रांति को 02 चरणों मे बांटा गया
- प्रथम चरण – 1750 से 1850 (नेतृत्व इंग्लैंड)
- द्वितीय चरण – 1850 से अब तक (नेतृत्व – जर्मनी)
- उत्पादन, निर्माण प्रणाली व श्रमिको के स्तर में जो महान परिवर्तन 18 वी शताब्दी के अंत मे इंग्लैंड में हुए व उसके बाद यूरोप व विश्व के अन्य भागों में यह परिवर्तन फैले उन्हें औधोगिक क्रांति कहा जाता है
- औधोगिक क्रांति को एक मौन क्रांति भी कहा जाता है जिसने बिना किसी रक्तपात व कोलाहल के सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन ला दिए
- मध्यम वर्ग की शक्ति का पूर्ण विकास औधोगिक क्रांति से हुआ
- आर्थिक इतिहासकार राजनीपाम दत्त ने लिखा है कि प्लासी की लूट व भारत से प्राप्त अपार सम्पदा नही होती तो इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति नही हुई होती मैनचेस्टर, पिस्ले व लंकाशायर जैसे शहर नष्ट हो जाते व जेम्स वाट, रिचर्ड कार्टराइट, आर्कराइट व सैम्युल क्रॉम्पटन जैसे व्यक्तियों के आविष्कार समुन्द्र में फेंकने की जरूरत पड़ जाती थी
- अमेरिका के बुक एडम्स ने भी औधोगिक क्रांति का संबंध भारत की लूट से बताया
- औधोगिक क्रांति अपने साथ जुड़े तीन क्षेत्रो में हुए परिवर्तनों का सम्मिलित परिणाम थी
- आर्थिक संगठन
- तकनीकी
- व्यापारिक ढांचे का विकास
- औधोगिक क्रांति में जो परिवर्तन हुए वे तत्काल नही हुए थे परिवर्तन की प्रक्रिया तो लम्बे समय से चल रही थी किंतु 18 वी शताब्दी में जो परिवर्तन हुए उन्होंने परिवर्तन की प्रक्रिया को ओर तीव्र कर दिया
- औधोगिक क्रांति में क्रांति शब्द के प्रयोग को लेकर मतभेद नजर आता है सामान्यतः यह कहा जाता है कि अचानक होने वाले परिवर्तन क्रांति कहलाते है किंतु औधोगिक क्रांति से पहले भी परिवर्तन हुए थे इस कारण कुछ विद्वान क्रांति शब्द सही नही मानते है
- आर्थिक इतिहासकार ब्रिनी व मोरिश डोब ने क्रांति शब्द को सही माना है उनके अनुसार जो परिवर्तन हुए थे वे इतने आधारभूत एव गहरे थे कि इन्होंने लम्बे समय तक विश्व को प्रभावित किया
ब्रिनी की पुस्तक – इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ यूरोप
मोरिश डोब की पुस्तक – स्टूडिज इन द डवलपमेंट ऑफ केपीटिजम
- 1833 में फ्रांस के लुई ब्लांक ने औधोगिक क्रांति शब्द का प्रयोग किया था किंतु इस शब्द को सर्वाधिक लोकप्रिय इंग्लैंड के अर्नोल्ड टॉयनबी ने बनाया इन्होने लेक्चर्स ऑन इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन नाम से पुस्तक लिखी
NOTE – औधोगिक क्रांति का सर्वप्रथम प्रयोग करने वाले व्यक्तियों में जोर्जिस मिसले व फ्राडराइड एजल्स का भी नाम आता है
- साउथ गेट के अनुसार औधोगिक क्रांति औधोगिक प्रणाली में परिवर्तन थी जिसमे हस्तशिल्प के स्थान पर शक्ति संचालित यंत्रो से काम होने लगा आर्थिक संगठन में भी परिवर्तन हुआ घर मे काम करने की अपेक्षा कारख़ानों में काम करना आसान हुआ
मध्यकाल में आविष्कार कम होने के कारण
- मध्यकाल में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग ने संसाधनों पर अधिकार कर रखा था यह वर्ग परिवर्तन से डरता था एव आविष्कारों का अर्थ – परिवर्तन से होता है
- मध्यकाल में ज्यादातर धार्मिक शिक्षा दी जाती थी इस कारण भी आविष्कार कम हुए
- मध्यकाल में वस्तुओ की मांग भी ज्यादा नही थी
- मध्यकाल में मानव श्रम शक्ति भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थी
औधोगिक क्रांति एक दूसरे से जुड़ी 4 क्रांतियों के कारण सम्भव हुई
- जनांकिय क्रांति
- कृषि क्रांति – औधोगिक क्रांति से पूर्व यदि कृषि क्रांति नही हुई होती तो औधोगिक क्रांति सम्भव नही होती थी
- परिवहन क्रांति
- वाणिज्यिक क्रांति
- औधोगिक क्रांति सर्वप्रथम इंग्लैंड में 1770 से 1830 के मध्य हुई
- 1830 से 1870 के मध्य यह क्रांति बेल्जियम, फ्रांस व जर्मनी के क्षेत्रों में फैली
- प्रथम औधोगिक क्रांति का समय 1770 से 1870 के मध्य का निर्धारीत किया गया
- प्रथम औधोगिक क्रांति सबसे अंत मे रूस में हुई थी
द्वितीय औधोगिक क्रांति का नेतृत्व जर्मनी ने किया था इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित थे
- 1870 में जर्मनी का एकीकरण पूर्ण हो चूका था
- जर्मनी ने एकीकरण के समय फ्रांस को पराजित किया था जिससे जर्मनी को बड़े पैमाने पर शक्ति पूर्ति की रकम मिली थी
- जर्मनी ने फ्रांस के अल्सास व लोरेन के क्षेत्रों पर भी अधिकार कर लिया था
- जर्मनी ने एकीकरण के बाद उपनिवेशों की स्थापना पर भी बल दिया
इंग्लैंड में सर्वप्रथम औधोगिक क्रांति होने के कारण
- इंग्लैंड के लोगो का जीवन स्तर उच्च था
- इंग्लैंड में लौहे व कोयले की खाने पास पास थी –
- बड़े उधोगो के निर्माण के लिए लौहे की आवश्यकता होती है इंग्लैंड के डर्बी, स्टेफोर्ड व गलेस्टर में प्रचुर मात्रा में लौहा पाया जाता था
- इंग्लैंड यूरोपीय देशों से कोयले का आयात करके नए उधोग स्थापित कर रहा था
- इंग्लैंड का विस्तृत औपनिवेशिक साम्राज्य
- 18 वी शताब्दी में इंग्लैंड अमेरिका, एशिया व अफ्रीका जैसे महाद्वीपों में अपने उपनिवेश स्थापित कर चुका था
- इन देशों से इंग्लैंड को आसानी से कच्चा माल मिल जाता ओर इन्ही देशो में तैयार माल की भी आसानी से खपत भी हो जाती थी
- इंग्लैंड का समुद्री व्यापार पर एकाधिकार था
- फ्रांस की क्रांति ने भी इंग्लैंड की औधोगिक क्रांति में योगदान दिया
- इंग्लैंड में लंबे समय से अर्द्धकुशल मजदूर काफी संख्या में थे
- इंग्लैंड में कृषक दासता एव श्रेणी व्यवस्था खत्म हो चुकी थी
- इंग्लैंड ने फ्रांस की तरह विलासिता की वस्तुएं ज्यादा नही बनाई बल्कि दिन प्रतिदिन की जरूरत की वस्तुएं का उत्पादन ज्यादा किया
- इंग्लैंड की सरकार ने उधोगों को प्रोत्साहित किया
- इंग्लैंड में बैंकिंग व्यवस्था व बीमा व्यवस्था का पहले ही विकास हो चुका था
- इंग्लैंड की अनुकूल भौगोलिक स्थिति –
- इंग्लैंड एक प्रायद्वीप के रूप में था जो चारो ओर से समुद्र से घिरा हुआ था
- इंग्लैंड ने कई बंदरगाह स्थापित कर लिए थे जिनमें निम्न प्रमुख थे
- उतरी समुद्र की तरफ – न्यू केसटल बंदरगाह,
- पश्चिमी या आयरिश समुद्र की तरफ – होलिहेड बंदरगाह,
- दक्षिण पश्चिम या इंग्लिश चैनल की ओर – फैल माउथ बंदरगाह के माध्यम से इंग्लैंड अपना सामान विश्व के अनेक देशों में भेज सकता था
- इंग्लैंड की बढ़ती नौसैनिक शक्ति –
- यूरोप में इंग्लैंड अपने नौसेनिक बेड़े की सहायता से समान किसी भी देश मे आसानी से भेज सकता था
- जनसंख्या में वृद्धि तथा सस्ते श्रम की उपलब्धता –
- 18 वी शताब्दी में यूरोप व अन्य महाद्वीपों में जनसंख्या का तेजी से विस्तार हुआ
- इंग्लैंड के द्वारा अफ्रीका व भारत से दास ले जाकर उनसे उत्पादन का कार्य करवाया जाता था
औधोगिक क्रांति के प्रभाव
A कृषि के क्षेत्र में प्रभाव
- इंग्लैंड की जनसंख्या में वृद्धि, नगरों का विकास एव कृषि को कमाई का साधन मानने के कारण ज्यादा आविष्कार सर्वप्रथम इसी क्षेत्र में हुए
- कृषि के क्षेत्र में प्रारंभिक आविष्कार यूरोप व इंग्लैंड में ज्यादातर धनवान जमीदारों व किसानों के द्वारा किये गए
- मेजनिस एव एप्पल के अनुसार – सिर्फ धनी जमीदारों के पास प्रशिक्षण के लिए अवकाश एव धन था इस कारण प्रारम्भिक उन्नति अधिकांशतः समृद्ध किसानों के द्वारा की गई
जेन्थ्रोटल –
- इसने खेतो में बीजो को उचित व सही परिमाण में बौने के लिए सिडलिंग ड्रिल मशीन का आविष्कार किया
- जेन्थ्रोटल ने कल्टीवेटर का भी आविष्कार किया जिसके द्वारा जमीन को फसल उत्पादन के योग्य बनाया जाता था इसे घोड़ो से खींचा जाता था
टाउनशैड –
- इसने जमीन की उर्वरता को बनाये रखने के लिए फसलों को बदल बदलकर एक निश्चित क्रम में बोए जाने की बात कही
- टाउनशैड कहता है कि गेहूं, शलजम, जौ व क्लोवर (वन मैथी) को एक निश्चित क्रम में बोया जाये तो एक उपज लेने के बाद खेतो को खाली रखने की आवश्यकता नही पड़ती है
- टाउनशैड ने शलजम की खेती पर ज्यादा जोर दिया इस कारण उसे टर्निप टाउनशैड भी कहा गया
रॉबर्ट बेकवेल
- इसने उत्तम नस्ल के पशुओ के प्रजनन की विधि बताई
- बेकवेल ने उत्तम नस्ल के पशुओ के उत्पादन की जो विधि बतलाई उसके आधार पर चार्ल्स कॉलिंग ने भेड़ो की लीसेस्टर नस्ल को विकसित किया
आर्थर यंग
- इसने छोटे छोटे खेतो को मिलाकर बड़े बड़े कृषि फार्म बनाने की बात कही ताकि उसमे मशीनों का प्रयोग उचित तरीके से किया जा सके
- आर्थर यंग ने नवीन खेती का प्रचार किया
- इसने ऐनाल्स ऑफ एग्रीकल्चर नामक पुस्तक भी लिखी
- आर्थर यंग को नई खेती का मसीहा कहा गया है
- बाड़ाबंदी अधिनियम – इंग्लैंड की सरकार आर्थर यंग की प्रेरणा से 1700 से 1839 के मध्य लगभग ऐसे 4000 अधिनियम बनाये जिसके द्वारा छोटे छोटे खेतो को मिलाकर बड़े बड़े कृषि फार्म बनाये गए
जस्टिस वाल लिबिंग व फ्रेडरिक वोहलऱ
- इन्होंने जमीन की उर्वरता बनाये रखने के लिए सूक्ष्म मात्रक तत्व पोटेशियम, नाइट्रोजन व फास्फोरस उचित परिमाण में भूमि के लिए आवश्यक बताये
ऐल व्हिटने
- अमेरिका के एल व्हिटने ने अनाज से भूसा निकालने की मशीन का आविष्कार किया
सायरस एच मेककोरमिक
- अमेरिका के सायरस एच मेककोरमिक ने फसल काटने की मशीन (रैपर) का आविष्कार किया
B सूती वस्त्र उधोग के क्षेत्र में प्रभाव
- औधोगिक क्रांति का सर्वाधिक प्रभाव सूती वस्त्र उधोग के क्षेत्र में पड़ा
जॉन के
- इसने फ्लाइंग शटल नामक मशीन का आविष्कार किया
जेम्स हारग्रीव्ज
- इसने पतला धागा बनाने के लिए स्पिनिंग जैली मशीन का आविष्कार किया
रिचर्ड आर्कराइट
- इसने 1769 में वाटर फ्रेम नामक मशीन बनाई
- यह वस्त्र उधोग में जल शक्ति से चलने वाली पहली मशीन थी
- फिशर के अनुसार -”आर्कराइट के आविष्कार ने महान सूती वस्त्र उधोग की नींव रखी इसी आविष्कार ने कारखाना व्यवस्था को जन्म दिया”
सैम्युल क्रॉम्पटन
- इसने स्पिनिंग जैली व वाटर फ्रेम को मिलाकर म्युल नामक मशीन बनाई
एडमंड कार्टराइट
- इसने वस्त्र उधोग के क्षेत्र में पॉवरलूम (शक्ति चालित करघा) मशीन का आविष्कार किया
एल व्हिटने
- अमेरिका के एल व्हिटने ने कपास से अतिरिक्त सामग्री को अलग करने के लिए कॉटन जिन का आविष्कार किया
रिचर्ड रॉबर्ट
- इसने स्वचालित बुनाई मशीन का आविष्कार किया
इलियास होव
- इसने सिलाई मशीन का आविष्कार किया
C लौहे उद्योग के क्षेत्र पर प्रभाव
- लुड्डीजम आंदोलन –
इंग्लैंड में मशीनी उधोग ने घरेलू उधोग धंधों को नष्ट कर दिया अतः श्रमिकों ने कारखानों को नष्ट करना शुरू कर दिया श्रमिकों के द्वारा चलाया गया यह आंदोलन लुड्डीजम आंदोलन के नाम से जाना गया
अब्राहम डर्बी एव जॉन रोबक
- लौहा गलाने के लिए पत्थर के कोयले के प्रयोग की बात अब्राहम डर्बी व जॉन रोबक के द्वारा बताई गई इससे लकड़ी के कोयले की बचत हुई
हेनरी कोर्ट
- प्रारंभ में जो लौहा बनता था वह ज्यादा आघात सहन करने वाला नही था
- ढलवा लौहा से पीढ़वा लौहा बनाने की विधि का आविष्कार सर्वप्रथम हेनरी कोर्ट के द्वारा किया गया
- उसकी विधि को आडोलन विधि या पडलिंग विधि कहा जाता है
हेनरी बेसेमर
- लौहे से इस्पात के निर्माण की विधि हेनरी बेसेमर द्वारा बताई गयी जिसे बेसेमर विधि भी कहा जाता है इस विधि के अनुसार लौहे को शुद्ध करके उसमें कुछ मात्रा में कार्बन मैगनीज व अन्य पदार्थों को मिलाकर इस्पात बनाया जा सकता है
NOTE – इंग्लैंड में सर्वाधिक आविष्कार होने कारण यह था कि इंग्लैंड की सरकार ने अपनी ओर से इनको प्रोत्साहन दिया था 1762 में इंग्लैंड की रॉयल सोसायटी ऑफ लन्दन ने नवीन आविष्कारो को प्रोत्साहन दिया था
सिंडर लिखता है कि “इंग्लैंड के आविष्कारों की विशेषता थी आविष्कारों का आविष्कार”
D संचार के क्षेत्र में प्रभाव
रोलैंड हिल
- 1840 में रोलैंड हिल ने डाक पद्धति का आविष्कार किया
सैम्युल मोर्स
- 1844 में सैम्युल मोर्स के द्वारा तार यंत्र का आविष्कार किया गया जिसके द्वारा प्रथम संदेश वाशिंगटन से बाल्टीमोर भेजा गया
साइरस फील्ड
- 1866 में साइरिस फील्ड के द्वारा अंटलाटिक केबल बनाई गई जिसके द्वारा उतरी अमेरिका व यूरोप को जोड़ा गया
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल
- 1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के द्वारा टेलीफोन का आविष्कार किया गया
जॉन लागी बेयर्ड
- 1878 में जॉन लागी बेयर्ड के द्वारा TV का आविष्कार किया गया और 1926 में TV को वर्तमान स्वरूप प्राप्त हुआ
मार्कोनी
- संचार के क्षेत्र में बेतार के तार का आविष्कार मार्कोनी द्वारा किया गया
E परिवहन के क्षेत्र में प्रभाव
मेकेडाइज्म
- औधोगिक क्रांति में सड़क निर्माण की विधि को मेकेडाइज्म विधि कहा गया
- स्कोटलैंड के जॉन मेकाडम द्वारा इस विधि को बताया गया
- इस विधि द्वारा बनाई गई सड़के इतनी मजबूत थी कि सम्पूर्ण यूरोप में इसी आधार पर सड़को का निर्माण किया गया
टॉमस न्युकामेन
- 1704 में टॉमस न्युकामेन ने कोयले की खानों से पानी निकालने के लिए वाष्प इंजन का आविष्कार किया
जेम्स वाट
- 1769 में जेम्स वाट ने वाष्प इंजन का आविष्कार किया
रॉबर्ट फुल्टन
- 1807 में रोबर्ट फुल्टन ने क्लोमेंट नामक नौका का आविष्कार किया
- इसने हडसन नदी में न्यूयॉर्क से लेकर अल्बामी तक का सफर किया
NOTE – 1838 में समुद्र पार जाने वाली प्रथम नौका सिरिअस थी जिसने अंटलाटिक महासागर का सफर 18 दिन में तय किया
फर्डिनेंड द लेस्पस
- 1869 में फ्रांस के फर्डिनेंड द लेस्प्स ने स्वेज नहर का निर्माण किया जो भूमध्य सागर व लाल सागर को जोड़ती थी
- मिस्र के राष्ट्रपति नासिर के द्वारा स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण कर दिया
- इसलिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ईडन ने नासिर को निल का मुसोलिनी कहा
जेम्स ब्रीडले
- 1861 में जेम्स ब्रीडले के द्वारा इंग्लैंड में ब्रिज वाटर नहर का निर्माण किया गया जिसका उद्देश्य सिंचाई व्यवस्था को विकसित करना था
जॉर्ज स्टीफेन
- 1814 में जॉर्ज स्टीफेन ने पटरियों पर चलने वाले इंजन माई लॉर्ड का आविष्कार किया इसे बफिंग या फुफकारने वाला दैत्य कहा गया
- स्टीफेन ने रॉकेट नामक इंजन का भी आविष्कार किया
- 1830 में मैनचेस्टर से लिवरपूल के मध्य प्रथम रेल चली थी
चार्ल्स गुडइर
- इसने 1839 में रबर टायर का आविष्कार किया
औधोगिक क्रांति के परिणाम
- एल सी ए नॉवेल्स ने औधोगिक क्रांति के बारे में लिखा कि इस क्रांति ने नवीन जनता, नवीन जातिया, नयी समस्याएं एव नवीन साम्राज्य को जन्म दिया
- विल्ड्यूरा ने लिखा कि मानव इतिहास को 02 क्रांतियों ने सर्वाधिक प्रभावित किया पहली क्रांति जब मनुष्य ने शिकार को छोडकर कृषि व पशुपालन को अपनाया एव दूसरी क्रांति जब मनुष्य ने कृषि व पशुपालन की अपेक्षा उधोगों को ज्यादा महत्व दिया
1 आर्थिक परिणाम
- उत्पादन में वृद्धि, नगरों का विकास, कुटीर उधोगों का पतन
- इस क्रांति ने आर्थिक क्षेत्र में संकुचित राष्ट्रीयता का विकास किया प्रत्येक देश ने अपने अपने बाजारों को संरक्षित करने एव अन्य देशों के उत्पादों पर ज़्यादा कर लगाने का काम किया
2 सामाजिक परिणाम
- व्यक्ति की महत्ता का विकास हुआ, सयुंक्त परिवार प्रथा का विघटन, मजदूरों की समस्याओं में वृद्धि हुई, भावनात्मक संबंधों के स्थान पर अर्थ आधारित सम्बन्धो का निर्माण एव जन्म दर में वृद्धि हुई
3 राजनैतिक परिणाम
- औधोगिक क्रांति के बाद मजदूरों की समस्याओं में वृद्धि होने के बाद सरकार ने उधोगों में हस्तक्षेप किया
- मजदूरो ने भी अपने संगठन बनाये एव संसद में प्रतिनिधित्व की मांग करी
- 1867 में इंग्लैंड में नगरीय मजदूरों को एव 1884 में ग्रामीण मजदूरों को मताधिकार का अधिकार दिया गया
- इस क्रांति के कारण कई देशों ने उपनिवेशों की स्थापना पर बल दिया यही उपनिवेशवाद साम्राज्यवाद में परिवर्तित हुआ
4. नवीन विचारधाराओं का उदय
- विद्वानों ने राज्य को औधोगिक मामले में हस्तक्षेप नही करने को कहा फलतः पूंजीपति वर्ग का वर्चस्व बढ़ने लगा
- प्रारंभ में उधोगों के क्षेत्र में अहस्तक्षेप नीति अपनाने को कहा गया एडम स्मिथ, तुर्गो व डेविड रिकार्डो ने अहस्तक्षेप की की नीति बताई एडम स्मिथ ने वेल्थ ऑफ नेशन नामक पुस्तक लिखी कालान्तर में इस नीति के कारण मजदूरों की दशा खराब हुई तो सरकार ने हस्तक्षेप किया एव राजकीय समाजवाद का विकास हुआ
मोल्थस –
- मोल्थस ने कहा है कि उत्पादन की निश्चित सीमा होती है उत्पादन की अपेक्षा जन्मदर तेजी से वृद्धि होती है अतः मजदूरों को कम मजदूरी दी जानी चाहिए जिससे व अधिक खाद्य सामग्री न खरीद सके
औधोगिक क्रांति से सम्बंधित पुस्तकें
अर्नोल्ड टॉयनबी | दी इंडस्ट्रियल रेवोलुशन ऑफ 18th सेंचुरी इन इंग्लैंड |
एडम स्मिथ | दी वेल्थ ऑफ नेशन |
T S एश्टन | दी इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन |
आर्थर यंग | एनाल्स ऑफ एग्रीकल्चर |
जोसिया चाइल्ड | न्यू डिसकोर्सेस ऑफ द ट्रेड |