दोस्तो ऊँट की नस्ले एवं सामान्य जानकारी ये टॉपिक बहुत मत्वपूर्ण है जब आप कृषि से संबंधित प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करते है
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ऊंट की प्रमुख नस्ले एव सामान्य जानकारीऊंट की सामान्य जानकारीऊँट की प्रमुख नस्लेऊँट की नस्ल – बीकानेरी नस्लऊँट की नस्ल बीकानेरी की विशेषताएं –उपयोगिता-ऊँट की नस्ल – जैसलमेरी नस्लऊँट की नस्ल जैसलमेरी की विशेषताएं-उपयोगिता-Note– एक प्रशिक्षित ऊंट एक ठंडी रात में 100 से 140 km की दूरी तय कर सकता हैऊँट की नस्ल- मेवाड़ी नस्ल ऊँट की नस्ल मेवाड़ी की विशेषताएं-उपयोगिता-
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ऊंट की नस्ले एवं सामान्य जानकारी इस पशु परिचर भर्ती हो या एग्रीकल्चर सुपरवाइजर का एग्जाम हो ये सबके लिए महत्वपूर्ण है
ऊंट की प्रमुख नस्ले एव सामान्य जानकारी
ऊंट की सामान्य जानकारी
- ऊंट का वैज्ञानिक नाम – केमेलस डोमेडोरियस ( 1 कुबड़ वाला ऊंट )
- केमेलस बेकटेन्स ( 2 कुबड़ वाला ऊंट )
- ऊंट में गुणसूत्र संख्या (2N) –
- 1 कुबड़ में 74
- 2 कुबड़ में 70
- ऊंट का कुल – केमेलिडी
- ऊंट का उपनाम – रेगिस्तान का जहाज
- ऊंट की प्रौढ़ावस्था – 48 से 60 माह
- ऊंट की नाड़ी गति – 28 से 32 प्रतिमीनट
- ऊंट की श्वास गति – 5 से 7 प्रति मिनट
- ऊंट का गर्भकाल- 390 से 395 दिन
- ऊंट का मद चक्र – 14 दिन
- ऊंट का अण्डाणु क्षरण का समय – 36 घण्टे
- ऊंटनी के मद में आना – रट या मस्त कहलाता
- ऊंटनी में बच्चा पैदा होने की क्रिया – फॉलिंग कहलाती है
- ऊंट के पेट मे अनुपस्थित भाग – ओमेजस
- ऊंट पालक जाती – रेबारी/ देवासी/ राईका
- ऊंटों के देवता – पाबूजी महाराज
- ऊंटों की देवी – अंता देवी
- एक ऊंट को कितने स्थान की आवश्यकता होती – 75 से 100 वर्गफीट
- ऊंट को प्रतिदिन कितने लीटर पानी की आवश्यकता होती – 18 से 36 लीटर
- ऊंट एक साथ कितने लीटर पानी पी सकता – 135 लीटर
- ऊंट के पानी पीने के बाद उसकी RBC कितने प्रतिशत बढ़ जाती – 240%
- ऊंट को शरीर भार का कितना प्रतिशत शुष्क पदार्थ देना चाइये – 1.5 से 2 %
- ऊंट को प्रतिदिन नमक की आवश्यकता – 75 से 150 gm
- ऊंट के कुबड़ में वसीय ऊतक पाया जाता है
- ऊंट की त्वचा पर बालो की पतली परत पाई जाती है जो ऊष्मा कुचालक का कार्य करती है
- ऊंटनी के दूध में सबसे ज्यादा विटामिन कोनसा – vit-C
- ऊंटनी के दूध में प्रमुख तत्व = लोहा तत्व, लाइसोजाइम इंसुलिन
- ऊंटनी के दूध में वसा – 5.88%
- S. N. F. – 7 %
- प्रोटीन – 2.98%
- ऊंट में उपयुक्त प्रजनन काल का समय – nov से मार्च तक
- प्रजनन में काम आने वाले ऊंट को – माही कहते है
- भार ढोने वाले ऊंट को – लददु कहते है
- ऊंट हटी, दुष्ट एव बदला लेने की प्रवृत्ति का जानवर है
- ऊंट में मार्ग याद रखने की अद्भुत क्षमता होती है
- सामान्य ऊंटनी 2 वर्ष के अंतराल में बच्चा देती है
- ऊंट का प्रमुख रोग – सर्रा/ त्रिवर्षा
- ऊंट अनुसंधान केंद्र – जोहड़बिड (बीकानेर)
- राजस्थान में प्रथम ऊंट दूध डेयरी – जोहड़बिड़ तथा जयपुर में है
- ऊंट विकास बोर्ड – जोधपुर
- ऊंट महोत्सव – लादेरा गाव बीकानेर
- ऊंट की खाल पर बनी नक्काशी – उस्ता कला है
- ऊंट के गले का आभूषण- गोरबंद है
- ऊंट को राज्य पशु घोषित – 30 जून 2014 को किया
- अधिसूचना- 19 sep 2014 को जारी
- भारत मे सर्वाधिक ऊंट – राजस्थान
- राजस्थान में सर्वाधिक ऊंट – जैसलमेर
- विश्व मे सर्वाधिक ऊंट – सोमानिया (अफ्रीका)
- ऊंट की सबसे सुंदर नस्ल – बीकानेरी
- नाचना ऊंट – जैसलमेर जो कि दौड़ने में उपयुक्त है
- सवारी हेतु उपयुक्त ऊंट की नस्ल – गोमट नस्ल
- ऊंट एक ठंडी रात में 60 से 90 km दूरी तय करता है
- ऊंट की प्रजनन योग्य आयु – 5 से 6 वर्ष
- ऊंटनी की प्रजनन योग्य आयु- 4 से 5 वर्ष
- ऊंट के शरीर का भार = 500 से 750 kg
- ऊंटनी के शरिर का भार = 400 से 600 kg
- NBAGR- करनाल के अनुसार ऊंट की कुल 9 नस्ले है जिनमे से राजस्थान में 6 नस्ले पाई जाती है
- राजस्थान में पाई जाने वाली 6 नस्ले
- बीकानेरी
- मेवाड़ी
- जैसलमेरी
- मारवाड़ी
- जालोरी
- मेवाती
- ऊंट में स्थायी दांतो की संख्या – 34
ऊँट की प्रमुख नस्ले
ऊँट की नस्ल – बीकानेरी नस्ल

- उत्पत्ति स्थान – बिकानेर
- क्रॉस – सिंधी × बलूची
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ऊँट की नस्ल बीकानेरी की विशेषताएं –
- रंग – गहरा भूरा या काला होता
- ऊंचाई – जमीन से थुई तक 10 से 12 फ़ीट
- खोपड़ी – गोलाकार, उठी हुई होती
इस खोपड़ी में एक गड्ढा पाया जाता है जिसे स्टॉप कहते है
- आंख, कान, गले पर लंबे बाल पाये जाते है
- पिछले पैर अगले पैरो की अपेक्षा कमजोर होते है
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उपयोगिता-
- विश्व की सबसे सुंदर नस्ल है
- बोझा ढोने एव सवारी के लिये उपयुक्त है
ऊँट की नस्ल – जैसलमेरी नस्ल
- अन्य नाम – नाचना ऊंट
- उत्पति स्थान – थारपारकर केंट ( जैसलमेर)
- पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में भी पाई जाती है
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ऊँट की नस्ल जैसलमेरी की विशेषताएं-
- रंग- हल्का भूरा या मिट्टी जैसा रंग होता
- ऊंचाई – जमीन से थुई तक 7 से 9 फ़ीट तक
- कान- लम्बे एवं पास पास होते है
- इस नस्ल में स्टॉप नही पाया जाता है
- पैर पतले एव हड्डिया छोटी होती है
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उपयोगिता-
- रेगिस्तान में पुलिस एवं सेना के लिये उपयुक्त
- सर्कस एवं दौड़ के लिये भी उपयुक्त
Note– एक प्रशिक्षित ऊंट एक ठंडी रात में 100 से 140 km की दूरी तय कर सकता है
ऊँट की नस्ल- मेवाड़ी नस्ल
- उत्पत्ति स्थान – उदयपुर
- प्रारंभ में ये पशु सामान ढोने के लिये पंजाब से मेवाड़ लाये गए
- वर्तमान में ये नस्ल गुजरात तक फैली हुई है
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ऊँट की नस्ल मेवाड़ी की विशेषताएं-
- रंग – हल्का भूरा
- आकार – मंझलाकार शरीर छोटे आकार
- शरीर पर घने बाल पाय जाते है
- इस नस्ल के पशु का नीचे वाले हॉट लटका हुआ रहता है
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उपयोगिता-
- सर्वाधिक दूध देने वाली ऊंट की नस्ल है ( 4 से 6 लीटर दूध प्रतिदिन )
- ऊंट का दूध मधुमेह रोगियों हेतु लाभदायक है
FAQ
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