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भैंस की देशी नस्ले एव सामान्य जानकारी
भैंस की सामान्य जानकारी
- अन्य नाम – ब्लैक डायमंड
- उत्पति स्थान – भारत
- वैज्ञानिक नाम
- बुबेलिस बुबेल्स (जलीय भैंस )
- बुबेल्स कार्बोंसिस (दलदलिय भैंस )
- कुल – बोवीडी
- गुणसूत्र संख्या (2n) –
- जलीय भैंस – 50
- दलदलिय भैंस – 48
- विश्व में भैंसों को 2 वर्गो में बांटा गया
- अफ्रीकन भैंस
- एशियन भैंस –
a जंगली भैंस ( रिवर )
- भारतीय भैंस
- भारी शरीर वाली
- कम गर्मी सहनशील
- दूध उत्पादन हेतू
- जल में तैरना पसंद
- भारत, पाकिस्तान एव मध्य पूर्वी एशियन देशों
b दलदलिय भैंस (स्वेम्प )
हल्के शरीर वाली
अधिक गर्मी सहनशील
कीचड़ में लेटना पसंद
मांस एवं कृषि कार्यो के लिये पालन
मलेशिया, इंडोनेशिया, चीन
- राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो – करनाल ( हरियाणा ) के अनुसार भारत मे मान्यता प्राप्त भैंस की नस्ले – 20 है
- भारत मे विश्व की लगभग 52 से 57 % भैंसे पाई जाती है
- भारत मे सर्वाधिक भेंसे – उत्तरप्रदेश
- भैंसों के समूहों को – झुंड / heard कहते है
- भैंस के मांस को बफन ( जलीय भैंस ) एवं केरो बीफ़ ( दलदलिय भैंस ) कहते है
- भैंस के आवास को – शेड कहते है
- भैंस की प्रसव क्रिया – काविंग कहलाती है
- भैंस की प्रजनन क्रिया – सर्विंग कहलाती है
- भैंस की प्रौढ़ावस्था – 30 माह की आयु
- भैंस की प्रथम ब्यात आयु – 36-42 माह
- भैंस का मदकाल – 12-16 घंटे
- भैंस का अण्डाणु क्षरण का समय – 07 घंटे
- भैंस का गर्भकाल – 300-310 दिन ( 10 माह – 10 दिन )
- भैंस की नाड़ी गति का निरीक्षण स्थान – पूंछ की कोकसीजीयल धमनी से
- भैंस की नाड़ी गति – 40-50 प्रति मिनट
- भैंस की सामान्य श्वास गति – 16-18 प्रति मिनट
- भैंस के शरीर का तापमान – 38.5 ℃
- गुटन मद / silent heat = भैंसों में पाई जाती है इससे मदकाल के लक्षण प्रकट नही होते है
- भैंस गर्मी / पाले आने के लक्षण रात्रि में प्रदर्शित या दिखाई देते है
- वेलोइंग क्रिया = भैंसों के नहाने एवं तैरने की क्रिया को वेलोइंग कहते है
- केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान – हिसार (H R)
- राजस्थान में भैंस नस्ल सुधार एवं प्रजनन केंद्र – वल्लभनगर ( उदयपुर )
- भैंस की सबसे हल्की नस्ल – नागपुरी
- भैंस की सबसे भारी नस्ल – जाफराबादी
- भैंस की सबसे छोटे आकार वाली नस्ल – जेरांगी
- भैंस की सबसे उपद्रवी नस्ल – टोडा
NOTE – श्रेष्ठ मादा पशु नस्ल पुरस्कार – जाफराबादी एव सुरती
भैंसों का वर्गीकरण- भार के आधार पर
- भारी श्रेणी की नस्ले – मुर्रा, जाफराबादी, निलिरावी
- माध्यम श्रेणि की नस्ले – मेहसाणा , भदावरी, नागपुरी
- हल्की श्रेणी की नस्ले – सुरति, जेरांगी, नागपुरी
भैंसों का वर्गीकरण – क्षेत्र के अनुसार
- उत्तर भारत – मुर्रा, निलिरावी, कुंडी, गोदावरी
- मध्यभारत – नागपुरी, मांडा, जेरांगी, पंधपुरी, कालाहांडी, चिलिका
- दक्षिण भारत – टोडा, दक्षिणी केनरा
- गुजरात – सुरती, मेहसाणा , जाफराबादी
- उत्तरप्रदेश – भदावरी, तराई
भैंस की नस्ल -मुर्रा नस्ल –
- उत्पति स्थान – पश्चिमी उत्तरप्रदेश
- अन्य नाम – देहली भैंस, दिल्ली भैंस, खुन्दी, ब्लैक ब्यूटी
-
विशेषताए
- सींग – छोटे एवं जलेबी आकर के मुड़े हुए
- रंग – स्याही जैसा काला
- थन – छोटे एवं दुर दूर होते है
- सिर, पूंछ एवं पैरो पर सुनहरे बाल होते है
-
उपयोगिता –
- 1800- 2500 लीटर दूध प्रति ब्यात
- वसा 7 %
- विश्व मे सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस
-
प्रमुख क्षेत्र – अजमेर संभाग
-भदावरी नस्ल –
- उत्पति स्थान – बाह ( आगरा )
-
विशेषतायें
- रंग – ताम्बा जैसा / बादामी
- शरीर – आगे से पतला एवं पीछे से चोड़ा होता है या V – आकार का तिकोनाकार होता है
- सींग – चपटे एवं पीछे की ओर मुड़े हुए तथा ऊपर ऊठे हुए
- भैंसो की नस्लो में सर्वाधिक गर्मी सहनशील नस्ल है
- अयन छोटा एवं दूध शिरायें स्पष्ट दिखाई देती है
-
उपयोगिता –
- इसके दूध में सर्वाधिक वसा 12-14% पाई जाती है
- दूध – 1200 से 900 लीटर दूध प्रति ब्यात
– निलीरावी नस्ल –
- उत्पत्ति स्थान – पंजाब के फिरोजपुर एवं अमृतसर के निलिरावी व सतलुज नदियों का क्षेत्र
- अन्य नाम – पंच कल्याणी
-
विशेषतायें
- माथे, थूथन, पैर एवं पूँछ पर सफेद धब्बे होते है
- पूँछ – जमीन को छूती हुई और पतली होती है
- पूंछ पर सफेद रंग के बालों का गुच्छा होता है
- आंखे- सफेद होती है जिन्हें वॉल आइज ( कुंआ जैसी ) कहते है
-
उपयोगिता
- 1500-1800 लीटर दूध प्रति ब्यात
- वसा – 8-10%
- शहरी क्षेत्रों में पालने हेतु उपयुक्त
- नर कृषी कार्यो के लिए उपयुक्त
भैंस की नस्ल -सुरती नस्ल
- उत्पति स्थान – बड़ौदा, खेड़ा, आनन्द, नडियाद ( गुजरात )
- अन्य नाम – दकनी , गुजराती, तालबद्ध, नडियादी
-
विशेषतायें
- सींग – हँसीयकार / दरातीनुमा
- अयन – पीछे के पैरों में वर्गाकार रूप में होते है
- पेट – नाव आकार का होता है
- रंग – भूरा होता
- इसके शरीर पर 02 पट्टिकाये सफेद रंग में होती है ( एक – अधर वक्ष के चारो ओर दूसरी – जबड़े के चारो ओर )
- उपयोगिता – 1600-1800 लीटर दूध प्रति बयात
- प्रमुख क्षेत्र – दक्षिणी राजस्थान
-जाफराबादी नस्ल
- उत्पत्ति स्थान – गुजरात का काठियावाड़
- अन्य नाम – मिनी एलिफेंट / छोटा हाथी [ सबसे भारी होने के कारण ]
-
विशेषतायें
- शरीर – भारी एवं ढीला ढाला
- सिंग – चौडे एवं नीचे लटक कर गर्दन की ओर ऊपर उठे हुए होते
- सींग – कुंडलाकार
- भैंस की एकमात्र नस्ल जिसमे गल कम्बल पाया जाता है
-
उपयोगिता
- 900 से 1100 लीटर दूध प्रति ब्यात
- कम ब्यात काल मे सर्वाधिक दूध देती है ( 7 माह )
- वसा 7-9%
NOTE – नर का औसतन वजन – 1000kg
- मादा का औसतन वजन – 700 kg
-मेहसाणा नस्ल –
- उत्पति स्थान – साबरकांठा , बनासकांठा, मेहसाणा
-
विशेषतायें
- सींग – चपटे, अंदर की ओर मुड़े
- गर्दन – लम्बी ओर सुंदर होती
- सबसे ऊंचे आकार की भैंस है
- सबसे लंबा दूध काल – 325 से 351 दिन
-
उपयोगिता
- 1200 से 1700 लीटर दूध प्रति ब्यात
- वसा – 7%-8%
NOTE – मेहसाणा संकर = मुर्रा(नर) × सुरती ( मादा)
-नागपुरी नस्ल –
- उत्पत्ति स्थान- नागपुर महाराष्ट्र
- अन्य नाम – इलीचपुर ओर बरारी
- विशेषताए –
- सबसे हल्की भैंस होती
- सींग – तलवार जैसे
उपयोगिता –
1500 लीटर दूध प्रतिब्यात
वसा 7%
-टोडा नस्ल
- उत्पत्ति स्थान – दक्षिण भारत ( तमिलनाडु)
- विशेषतायें
- सबसे उपद्रवी भैंस है
- पूरे शरीर पर बाल पाए जाते है
उपयोगिता – 700 से 1000 लीटर दूध प्रतिब्यात
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