
तीसरी अनुसूची- ‘शपथ का प्रारूप’
केंद्र | राज्य |
सांसद का उम्मीदवार | MLA / MLC का उम्मीदवार |
सांसद (MP) | MLA / MLC |
मंत्री | मंत्री |
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश | उच्च न्यायालय के न्यायाधीश |
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक |
दूसरी अनुसूची – संचित निधि पर भारित वेतन एवं भते।
केंद्र | राज्य |
राष्ट्रपति | राज्यपाल |
राज्यसभा – सभापतिउपसभापति | विधानपरिषद – सभापतिउपसभापति |
लोकसभा – अध्यक्षउपाध्यक्ष | विधानसभा – अध्यक्षउपाध्यक्ष |
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश | उच्च न्यायालय के न्यायाधीश |
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक | |
उच्च न्यायालय (HC) के न्यायाधीशों की पेंशन |
नौवीं अनुसूची-
- यह पहला संविधान संशोधन, 1951 द्वारा जोड़ी गयी (PM- जवाहर लाल नेहरु के कार्यकाल के दौरान)
- यह अनुसूची अधिनियमों की न्यायिक पुनरावलोकन से संरक्षण प्रदान करती है
- यदि किसी अधिनियम को 9वीं अनुसूची में शामिल कर दिया जाता है, तो इसका न्यायिक पुनरावलोकन नहीं किया जा सकता है।
- जमींदारी व्यवस्था का उन्मूलन करने के लिए तथा भूमि सुधारों को लागू करने के लिए इस अनुसूची को संविधान में जोड़ा गया।
- आरम्भ में इसमें 13 अधिनियम थे, लेकिन वर्तमान में इनकी संख्या 284 हैं।
- NOTE इस 9वी अनुसूची में तमिलनाडु राज्य के आरक्षण विधेयक को भी इसमे शामिल किया गया है
- IR कोएल्हो वाद 2007 –
- उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया कि 24 अप्रैल 1973 के बाद जो अधिनियम 9वीं अनुसूची में रखे गये हैं उनका न्यायिक पुनरावलोकन किया जा सकता है।